उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन की कई बोगियां पटरी से उतर गईं। हादसा स्थानीय समय अनुसार सुबह तड़के हुआ, जब ट्रेन गोंडा जिले के बहराइच क्रॉसिंग से गुजर रही थी। जैसे ही दुर्घटना की सूचना मिली, राज्य सरकार और रेलवे विभाग ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने का आदेश दिया। उन्होंने इस दुर्घटना को गंभीरता से लिया और जरूरतमंद लोगों को हर संभव सहायता पहुंचाने का भरोसा दिलाया। योगी आदित्यनाथ ने अपने निर्देश में कहा कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न हो और तुरंत प्रभाव से सभी संसाधनों का उपयोग किया जाए।
हालांकि, अब तक दुर्घटना के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। रेलवे विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी खराबी या मानवीय त्रुटि का परिणाम हो सकता है, लेकिन इसका सटीक जवाब जांच के बाद ही मिल सकेगा।
राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई गई है। जिला प्रशासन, रेलवे पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं। दुर्भाग्यवश, दुर्घटना के समय ट्रेन में सवार यात्रियों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा। रेल अधिकारियों ने बताया कि अब तक किसी की मृत्यु या गंभीर चोट की खबर नहीं आई है, जो एक राहत भरी खबर है।
स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में मदद की और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी सराहना की और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।
रेलवे विभाग ने यात्री सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए हैं। दुर्घटना की खबर मिलते ही, अन्य ट्रेनों के मार्ग और समय में बदलाव किया गया ताकि यात्रियों को असुविधा न हो। इसके साथ ही, दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के यात्रियों को निकटतम रेलवे स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा और खाने-पीने की व्यवस्था की गई।
रेलवे मंत्रालय ने इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और जांच रिपोर्ट में कोई भी दोषी पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
दुर्घटना से प्रभावित यात्रियों और उनके परिवारों के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। संबंधित अधिकारियों ने यात्रियों और उनके परिजनों से सहयोग की अपील की है ताकि राहत कार्य जल्दी से जल्दी पूरा किया जा सके। हेल्पलाइन नंबर और अन्य जानकारी रेलवे के आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की गई है।
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे विभाग को अपने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है। इससे न केवल यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा बल्कि वे सुरक्षित महसूस करेंगे।
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