अगर आप भारत में न्याय प्रणाली से जुड़े हैं तो सुप्रिम कोर्ट का हर फैसला आपके लिए महत्व रखता है। यहाँ हम रोज़ की खबरें, मुख्य निर्णय और कुछ उपयोगी टिप्स एक ही जगह पर लाते हैं, ताकि आपको अलग‑अलग साइटों पर घुमा न पड़े।
पिछले दो हफ़्ते में सुप्रिम कोर्ट ने कई ऐसे आदेश दिए जो आम लोगों के जीवन को सीधे असर करते हैं। सबसे पहले, पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी एक याचिका पर अदालत ने विकास परियोजनाओं की मंजूरी पर कड़े मानदंड लगाए। इसका मतलब है कि भविष्य में कोई भी बड़ी निर्माण योजना शुरू होने से पहले स्थानीय पर्यावरण रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
दूसरी बड़ी खबर यह है कि हाई कोर्ट द्वारा दिया गया टैक्स रिफ़ंड का आदेश अब सुप्रिम कोर्ट ने अंतिम रूप दे दिया। इस फैसले के बाद छोटे व्यापारियों को उनके अधूरे कर की वापसी मिलने में औसत 30 दिन घटेंगे, क्योंकि प्रक्रिया अब तेज़ हो गई है।
एक और रोचक फैसला था डेटा प्राइवेसी पर। अदालत ने कहा कि निजी कंपनियों को उपयोगकर्ता का डेटा बिना स्पष्ट अनुमति के नहीं रखना चाहिए। इस आदेश से मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन सेवाओं में गोपनीयता नीति को फिर से लिखना पड़ेगा, जिससे आम लोग अपने डेटा की सुरक्षा बेहतर समझ सकेंगे।
अगर आप किसी मामले के लिए सुप्रिम कोर्ट तक पहुँचने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले यह जान लें कि केवल विशेष परिस्थितियों में ही केस को हाई कोर्ट से अपील किया जा सकता है। सामान्य तौर पर आपको पहले दो‑तीन स्तरों की अदालतों में अपना मुकदमा चलाना होता है।
अभी कई लोग ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिये केस फ़ाइल करना आसान समझते हैं, लेकिन याद रखें कि हर दस्तावेज़ को सही फॉर्मेट और समय सीमा के अंदर जमा करना जरूरी है। यदि कोई कागज़ात अधूरा या गलत हो तो कोर्ट की प्रक्रिया में देरी होगी।
सुप्रिम कोर्ट में सुनवाई का समय अक्सर सुबह 10 बजे से शुरू होता है, इसलिए वकीलों को अपने क्लाइंट्स को समय पर तैयार कराना चाहिए। अदालत में प्रवेश करने से पहले सुरक्षा जांच और कपड़े‑पोशाक के नियमों की भी जाँच करें—कपड़ों में कोई राजनीतिक संदेश या विज्ञापन नहीं होना चाहिए।
एक बात जो अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाती है, वह है कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध 'केस ट्रैकिंग' सुविधा। इसमें आप अपने केस का वर्तमान स्टेटस, अगले सुनवाई की तारीख और अदालत के आदेश आसानी से देख सकते हैं। यह टूल विशेष रूप से उन लोगों के लिये मददगार है जो दूरस्थ जगहों से केस फॉलो कर रहे हैं।
अंत में, अगर आपको कोर्ट के फैसले को समझने में दिक्कत हो रही है, तो आप 'समाचार दृष्टी' जैसे भरोसेमंद समाचार पोर्टल पर विशेषज्ञ राय और सरल भाषा में विश्लेषण पढ़ सकते हैं। हमारे पास हर प्रमुख निर्णय का आसान सारांश उपलब्ध है, जिससे आप बिना कानूनी जटिलताओं के भी मुख्य बात समझ सकें।
समाचार दृष्टी आपके लिए सुप्रिम कोर्ट से जुड़ी सभी ताज़ा खबरों को एक ही जगह पर लाता है—ताकि आप हमेशा अपडेट रहें और अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल कर सकें।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पश्चात संशोधित NEET-UG 2024 परीक्षा परिणाम घोषित किए। ये परिणाम एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in/NEET/ पर उपलब्ध हैं। यह निर्णय इस बात को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि छात्रों के अंक घोषित किए जाएं जबकि उनकी पहचान गुप्त रखी जाए।
और देखेंराष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने 20 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (NEET UG) 2024 के परिणाम जारी किए। परिणाम शहर और केंद्रवार उपलब्ध हैं। उम्मीदवार वेबसाइट पर जाकर अपने अंक डाउनलोड कर सकते हैं।
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