जब भारत क्रिकेट टीम ने अहमदाबाद में वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम को पहली टेस्ट में एक पारी और 140 रनों से हराया, तो देश भर में उत्साह की लहर दौड़ गई। यह जीत वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप 2025‑27 में भारत की स्थिति को मजबूती देती है, जहाँ टीम अब नौ‑टीम तालिका में तीसरे स्थान पर 55.56 % पॉइंट्स के साथ बैठी है।
भारत और वेस्ट इंडीज के बीच टेस्ट इतिहास हमेशा रोचक रहा है, लेकिन इस बार भारत ने घर के मैदान पर अपना बल्ला‑और‑गेंद का संयोजन दिखाते हुए विरोधी को चकना दिला दिया। पिछले दो सीरीज़ में दोनों टीमों ने बराबरी की थी, इसलिए अहमदाबाद में शुरू हुई इस दो‑टेस्ट सीरीज़ में पहला मैच का नतीजा पहले ही तय हो गया।
पहले दिन मोहमेद सिराज के नेतृत्व में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी ने वेस्ट इंडीज को 162 रन पर शट‑डाउन कर दिया। सिराज ने 3 विकेट लेकर टीम को टोकन बना दिया, जबकि अन्य पेसर‑बॉलर्स ने जल्दी‑जल्दी रनों को रोक दिया।
बावजूद इसके, भारतीय बल्लेबाज़ी ने जवाब में एक दहलीज़ रखी जो हर किसी को चौंका दे। ओपनर केएल राहुल ने अंततः 197 गेंदों में अपना घर पर शतक बना लिया – यह उनका 11वां टेस्ट शतक था और वह इसे अपने नवजात बेटी के नाम समर्पित कर रहे थे। “मुझे अपने छोटे‑से सितारे को दिखाना था कि पावा (पैड) के साथ भी शतक संभव है,” उन्होंने हल्की‑फुल्की हंसी के साथ कहा।
जैसे‑जैसे साझेदारी आगे बढ़ी, शुभमन गिल ने 98 रनों की कड़ी दी, लेकिन फिनिश लाइन को पकड़ते‑पकड़ते उनका शतक धुंधला रहा। गिल ने कहा, “नज़दीकी शतक देखना मज़ेदार था, लेकिन टीम का बड़ा लक्ष्य था।”
नए चेहरों में चमक तो थी, लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा ध्रुव जुरेल के शानदार शतक की हुई। सिर्फ़ छठे टेस्ट में, जुरेल ने 125 रन बनाकर अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, जबकि रविंद्र जडेजा ने 104* की नाबाद पारी खेली। उनका 206‑रन का पाँचवे विकेट का साझेदारी भारतीय रिकॉर्ड (214) के बहुत करीब पहुंचा।
जडेजा ने पाँच छक्के मारकर एमएस धोनी के राज को तोड़ दिया – अब तक का सबसे अधिक छक्कों वाला भारतीय टेस्ट बल्लेबाज़ बन गया। शतक पूरा करने के बाद जुरेल ने भारतीय सेना को सलाम करते हुए “जय हिन्द” कहा, और जडेजा ने अपने परिचित तलवार‑सर् (sword) जश्न से जनता को रोमांचित किया। भारत ने 128 ओवर में 448/5 बनाकर डिक्लेयर किया – औसत 3.5 रन/ओवर, 45 चौके और 8 छक्के।
पहली पारी में 286‑रन की बड़ी लीड के साथ, भारतीय स्पिनर्स ने दूसरे पारी में घातक दबाव बनाया। जडेजा ने अपनी बाईं‑हाथ की स्पिन से चार विकेट लेकर विरोधियों को 146 पर अटकाया। यह विशेष रूप से दिलचस्प था क्योंकि यह उनका 50वां घरेलू टेस्ट था, पर अब वह अपने दीर्घकालीन साथी रविचंद्रन अश्विन के बिना खेल रहे थे, जो दिसम्बर 2024 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे।
वेस्ट इंडीज की गेंदबाज़ी ने इस पारी में कई मौके खो दिए – तेज़ गेंदबाज़ों ने गति नहीं बना पाई और स्पिनरों ने रफ़्तार की कमी को भर नहीं सका। सख़्त बाउंस और घिसे‑पिट पर भी रफ़्तार कम थी, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ी ने आसानी से रन बनाए।
यह जीत इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप 2025‑27 में भारत को 55.56 % पॉइंट्स के साथ तीसरे स्थान पर ले आती है, जहाँ ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका पहले दो स्थानों पर हैं। अगर भारत इस फ़ॉर्म को जारी रखता है, तो आगे के दो‑टेस्ट सीरीज़ में टॉप‑टेन में जगह सुरक्षित कर सकता है।
अब भारत को दूसरा टेस्ट के लिए तैयार रहना होगा, जहाँ वेस्ट इंडीज के पास अपनी स्पिनिंग क्वालिटी को दिखाने का एक मौका रहेगा। अगले मैच में मोहम्मद शमी या जस्पर रॉबिन्सन जैसे तेज़ गेंदबाज़ों के पास अपने दावेदार साबित करने की ज़रूरत होगी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पहले ही कहा था, “हमारा लक्ष्य हर पारी में अपना सर्वश्रेष्ठ देना है, चाहे पिच कैसी भी हो।”
जुरेल‑जडेजा की 206‑रन की साझेदारी अब तक की चौपडे़ (fifth‑wicket) की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी बन गई है, जबकि टीम का कुल 448/5 स्कोर 2005‑06 के भारत‑ऑस्ट्रेलिया टेस्ट के बाद का सबसे बड़ा पहला‑इंनींग स्कोर है। जडेजा के पाँच छक्के भारत के टेस्ट इतिहास में अब तक के सबसे अधिक छक्कों वाले भारतीय बनाते हैं, जिससे उनका नाम “छक्का राजा” के निकट पहुँच गया।
भारत अब 55.56 % पॉइंट्स के साथ तालिका में तीसरे स्थान पर है। यह रैंकिंग उन्हें ऑस्ट्रेलिया‑श्रीलंका के पीछे रखती है, पर लगातार जीतें उन्हें टॉप‑टेन में पक्का स्थान दिला सकती हैं।
राहुल का 100 रनों का शतक न सिर्फ़ उनकी व्यक्तिगत लंबी अवधि की लापता पगडंडी को समाप्त करता है, बल्कि शुरुआती पारी में सॉलिड बेस बनाता है जिससे मध्य‑ऑर्डर के सिन्हा‑जडेजा साझेदारी को आगे बढ़ना आसान हुआ।
जुरेल का शतक सिर्फ़ व्यक्तिगत माइलस्टोन नहीं, बल्कि उनकी नई भूमिका – एक भरोसेमंद मध्य‑ऑर्डर बॅट्समैन – को स्थापित करता है। यह टीम के बॉटम‑ऑर्डर को स्थिरता देता है, खासकर तेज़ गेंदबाज़ी वाले पिच पर।
जडेजा ने पाँच छक्के मार कर एमएस धोनी के 21‑छक्के के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। अब वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक छक्कों वाले भारतीय हैं, जो उनकी आक्रामकता और स्थितिजन्य खेल को दर्शाता है।
वेस्ट इंडीज को तेज़ गेंदबाज़ी में निरंतर रफ़्तार बनानी पड़ेगी और स्पिनरों को रफ़्तार बनाने के लिए अधिक वेरिएशन दिखानी होगी। साथ ही, उनके मध्य‑ऑर्डर को पहले पायदान पर पार‑दर्शी शॉट्स खेलने की आवश्यकता है, ताकि भारत की स्पिनिंग जाल को तोड़ा जा सके।
देश के लिए क्रिकेट में जीत एक नैतिक कर्तव्य है।