अमेरिकी राजनीति में हाल ही में घटित एक गंभीर घटना ने सियासी हलचल मचा दी है। पेंसिल्वेनिया में डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी रैली में हुए गोलीकांड को लेकर उनके संभावित साथी और ओहायो के सीनेटर जे.डी. वांस ने सीधे तौर पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की चुनावी बयानबाजी को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वांस ने आरोप लगाया कि बाइडेन की टीम द्वारा ट्रम्प को 'तानाशाही फासीवादी' के रूप में पेश करने की कोशिश ने उनके खिलाफ इस हमले को प्रेरित किया।
यह दुर्घटना तब हुई जब ट्रम्प एक ऊंचे मंच पर भाषण दे रहे थे। अचानक, एक हमलावर ने ऊपरी स्थिति से ट्रम्प पर गोली चलाई। ट्रम्प को कान में छोटी-मोटी चोटें आईं, लेकिन अन्य दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई। यह घटना तब और भी बिगड़ गई जब मौके पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सीक्रेट सर्विस ने हमलावर को निष्क्रिय कर दिया।
घटना के बाद, वांस और अन्य रिपब्लिकन नेताओं ने बाइडेन पर तीखा हमला किया। अमेरिकी प्रतिनिधि माइक कोलिन्स ने भी वांस के आरोपों का समर्थन करते हुए बाइडेन पर संविधान के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया। इसके अलावा भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी और साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने भी इस घटना की निंदा की और एकता पर जोर दिया।
इस घटना ने अमेरिकी राजनीति की वातावरण को और भी गरमा दिया है। वांस ने कहा कि बाइडेन की तरफ से दी जाने वाली चुनावी बयानबाजी हिंसा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि बाइडेन की टीम द्वारा ट्रम्प के खिलाफ बनाए जा रहे डर और आतंक के प्रचार ने इस हमले को संभव बनाया। वांस ने बाइडेन के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
ट्रम्प ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपने समर्थकों के लगातार समर्थन के कारण बचे हुए हैं। उन्होंने बाइडेन प्रशासन की आलोचना की और कहा कि इस तरह की घटनाएं अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। ट्रम्प ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और आगामी चुनावों के लिए तैयार होने का आह्वान किया।
घटना के बाद, स्थानीय और संघीय अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। सीक्रेट सर्विस ने कहा है कि वे इस मामले की पूरी समीक्षा करेंगे और सुरक्षा उपायों को और भी सुदृढ़ करेंगे।
घटना के बाद मीडिया में भी बहस छिड़ गई है। विभिन्न समाचार चैनलों और विश्लेषकों ने इस मामले पर अपनी राय व्यक्त की है। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना अमेरिकी राजनीति की बदलती दिशा को दर्शाती है, जबकि अन्य इसे एक असामान्य और दुर्भाग्यपूर्ण घटना मान रहे हैं।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में अमेरिकी चुनावी परिदृश्य और भी तनावपूर्ण हो सकता है। राजनेताओं को अपनी बयानबाजी में संयम बरतने और जिम्मेदारी निभाने की सख्त जरूरत है।
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