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नव॰,2024
फुटबॉल प्रेमियों के लिए वह एक ऐसा क्षण था जिसे भुलाया नहीं जा सकता। चैंपियंस लीग के इस महत्वपूर्ण मुकाबले में एटलेटिको मैड्रिड ने पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएसजी) के खिलाफ 2-1 की रोमांचक जीत अर्जित की। यह मैच एक नाटकीय उत्कर्ष था, जहां अंत में एंजेल कोरेआ के गोल ने एटलेटिको को जीत दिलाई। मैच में दूसरे हाफ में पीएसजी ने अपने खेल को स्तर तक सुधार लिया था, लेकिन वह बढ़त का लाभ नहीं उठा सके।
पहले हाफ में पीएसजी के लिए स्थिति कुछ कठिन रही। एटलेटिको के डिफेंसिव खेल ने उन्हें दबाव में रखा और गोल का कोई प्रभावी मौका नहीं दिया। हालांकि, दूसरे हाफ में पीएसजी ने अपनी रणनीति में कई बदलाव किए जिनसे उनके खेल में निखार आया। उन्होंने कई बार गोल करने की कोशिश की, लेकिन अंततः चूक गए। खासकर जब ओब्लाक ने उनकी उम्मीदों को तोड़ते हुए एक निर्णायक सेविंग की।
मोलिना का बराबरी का गोल एटलेटिको के लिए संजीवनी साबित हुआ। जब ऐसा लग रहा था कि मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है, मोलिना ने अपने शानदार प्रयास से टीम को बराबरी पर ला खड़ा किया। यह गोल टीम के लिए आत्मविश्वास का पुनर्संयोजन लेकर आया और खिलाड़ियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ।
मैच के अंतिम मिनट में एंजेल कोरेआ ने ऐसा गोल किया जिसने मैच का रुख ही पलट दिया। कोरेआ के इस अद्भुत गोल ने स्टेडियम में मौजूद सभी दर्शकों को उत्तेजित कर दिया। यह गोल न केवल टीम को जीत मिली, बल्कि यह दर्शाता है कि एटलेटिको मैड्रिड ने किस तरह दृढ़ संकल्प और साहस से यह मुकाबला जीता। यह जीत केवल दो अंक के बारे में नहीं थी, यह एक संघर्ष था, जुनून था, और टीम की अद्भुत प्रतिबद्धता का प्रतीक था।
फुटबॉल में कई बार ऐसे क्षण आते हैं जब खेल भावनाओं का स्वरूप ले लेता है। इस मैच की जीत ने एटलेटिको मैड्रिड के खिलाड़ियों के धैर्य और खेल के प्रति उनकी निष्ठा को दिखाया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए उत्तम खेल प्रदर्शित किया। दूसरी ओर पीएसजी की पराजय ने उन्हें नई रणनीतियों के बारे में विचार करने के लिए प्रेरित किया होगा।
इस जीत के साथ एटलेटिको मैड्रिड ने लीग में अपनी स्थिति को और मजबूत किया, जबकि पीएसजी को इस हार से सबक लेना होगा। आगे आने वाले मुकाबलों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों टीमें इस अनुभव से कैसे सीखती हैं और अपने खेल में सुधार करती हैं। फुटबॉल का यही अद्वितीय आकर्षण है कि यह खेल को केवल मैदान तक सीमित नहीं रखता, बल्कि यह खेल के क्षेत्र में नई उम्मीदों और आकांक्षाओं का निर्माण करता है।
ये गोल तो बस एक जादू था।
पीएसजी के खिलाफ ये जीत बस एक गलती नहीं थी, ये एक बयान था। जिन लोगों को लगता है कि फुटबॉल सिर्फ तारों के नाम से बनता है, उन्हें ये मैच देखना चाहिए था। एटलेटिको ने दिखाया कि टीमवर्क क्या होता है।
मोलिना का गोल तो बस बहुत बढ़िया था... और कोरेआ का गोल? भाई, वो तो बस एक बार में इतिहास बन गया। ये टीम तो दिल से खेलती है, बस देखो और खुश हो जाओ।
अरे यार, पीएसजी के खिलाफ इतना धैर्य रखना... तो फिर भी लोग कहते हैं कि एटलेटिको बोरिंग है? भाई, बोरिंग तो वो है जो बस एक फ्री किक का इंतजार कर रहा हो। ये तो फुटबॉल की जान है।
मैंने देखा कि पीएसजी के बाहरी खिलाड़ियों ने कोई रणनीति नहीं बनाई थी। एटलेटिको के डिफेंस ने बस उन्हें खाने का फैसला कर लिया था। ये नहीं कि वो खराब थे, बल्कि वो बिल्कुल अनुशासित नहीं थे।
भारत में भी अगर ऐसा एक मैच होता, तो पूरा देश रुक जाता। ये जीत सिर्फ एक टीम की नहीं, एक पूरी फिलॉसफी की है। जब तक आप अपनी टीम के लिए जीतने के लिए लड़ेंगे, तब तक आप हार नहीं सकते। एटलेटिको के लिए ये बस शुरुआत है।
मैच देखकर लगा जैसे एक बूढ़ा आदमी अपनी बेटी के लिए दौड़ रहा हो... बस एक गोल के लिए। ये जीत दिल की है, न कि बाहरी शक्ति की।