नीट पेपर लीक: मास्टरमाइंड अमित आनंद ने कबूल किया प्रश्न पत्र को परीक्षा से पहले लीक करने का जुर्म 20 जून,2024

नीट पेपर लीक: मास्टरमाइंड अमित आनंद का स्वीकारोक्ति

नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) पेपर लीक मामला एक बड़ी खबर के रूप में सामने आया है। मास्टरमाइंड अमित आनंद ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि नीट 2021 का प्रश्न पत्र परीक्षा से एक दिन पहले लीक कर दिया गया था। इसके एवज में छात्रों से बड़ी रकम वसूली गई।

लीक का दिन और घटना का क्रम

यह घटना 4 मई की है। नीट की परीक्षा 5 मई को निर्धारित थी, लेकिन एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र लीक कर दिया गया। अमित आनंद ने पुलिस के सामने बताया कि छात्रों को प्रश्न पत्र और उनके उत्तर 4 मई की रात को देने की योजना बनाई गई थी।

चौंकाने वाला खुलासा

आनंद ने कबूल किया कि छात्रों को प्रश्न पत्र और उत्तर दोनों दिए गए, जिन्हें उन्होंने रातभर में याद कर लिया। यह प्रक्रिया कड़ी गोपनीयता के साथ अंजाम दी गई थी। इसकी एवज में, प्रत्येक छात्र को 30-32 लाख रुपये की भारी राशि चुकानी पड़ी।

तफ्तीश में बड़े खुलासे

तफ्तीश में बड़े खुलासे

पुलिस ने जब तफ्तीश शुरू की, तो उन्हें अहम सुराग मिले। जांच के दौरान पुलिस को पटना में अमित आनंद के किराए के मकान से जले हुए प्रश्न पत्र और उत्तर पत्रक के अवशेष मिले। इससे अंदेशा हुआ कि प्रश्न पत्र को लीक करने के बाद सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी।

पहले भी हुए हैं पेपर लीक

यह केवल नीट का मामला नहीं है। आनंद ने कबूल किया कि इससे पहले भी वह अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक कर चुका है। इससे साफ है कि यह कोई एक बार का मामला नहीं है, बल्कि एक संगठित गोरखधंधे का हिस्सा है।

देशभर में विरोध

देशभर में विरोध

इस खबर के सामने आने के बाद, देशभर में छात्रों और अभिभावकों के बीच विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वे परीक्षा रद्द करने और पुनः कराने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि इस लीक के कारण ईमानदार और परिश्रमी विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट आ गया है।

अभी और गिरफ्तारी होनी बाकी

बिहार और गुजरात में इस मामले की जांच पूरी तेजी से चल रही है। पुलिस ने काफी लोगों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन अभी और गिरफ्तारी होने की संभावना है। जांचकर्ताओं का मानना है कि इस गोरखधंधे के और भी बड़े माफिया हो सकते हैं।

इस खबर ने शिक्षा प्रणाली और प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर दिया है। देखना यह है कि इस मामले में और क्या-क्या खुलासे होते हैं और जांचकर्ता किस हद तक इस नेटवर्क को बेनकाब करने में सफल होते हैं।

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