15
जुल॰,2025
हर शनिवार रात 8 बजे का इंतजार लॉटरी प्रेमियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता, क्योंकि इसी वक्त नगालैंड लॉटरी के डियर स्टॉर्क सांबाद नाइट साप्ताहिक ड्रा का रिजल्ट आता है। 25 जनवरी 2025 की ड्रॉ शाम तो और खास रही, क्योंकि लाखों लोग अपनी टिकट नंबर के साथ टीवी, मोबाइल या यूट्यूब पर आंखें गड़ाए बैठे थे।
इस ड्रा में पहला इनाम 1 करोड़ रुपये का होता है, और ये इनाम बदल देता है किसी भी आम आदमी की किस्मत रातों-रात। इसके अलावा भी कई वर्गों के इनाम होते हैं- दूसरा इनाम आमतौर पर 9,000 रुपये का, तीसरा 450 रुपये, चौथा 250 रुपये और पांचवां 120 रुपये के करीब रहता है। साथ ही कंसोलेशन प्राइज की भी व्यवस्था रहती है, ताकि थोड़ी सी चूक होने पर भी उम्मीद बनी रहे। हालांकि कई बार इनाम की रकम में मामूली बदलाव हो सकता है, लेकिन 1 करोड़ रुपये का टॉप प्राइज लगभग हर हफ्ते तय रहता है।
परिणामों की घोषणा होते ही कुछ ही सेकंड में नाम और नंबर सार्वजनिक प्लेटफॉर्म, प्रमाणित वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनलों पर शेयर किए जाते हैं। लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता बनी रहती है, ताकि कोई धोखाधड़ी की गुंजाइश न बचे। टिकट खरीदने वालों को हमेशा सलाह दी जाती है कि वे अपनी टिकट का नंबर ऑफिशियल रिजल्ट लिस्ट से अच्छी तरह मिलाएं, ताकि हर स्तर पर सही और स्पष्ट जानकारी मिले।
रोज़ाना नगालैंड सरकार तीन मुख्य ड्रा आयोजित करती है – दोपहर 1 बजे, शाम 6 बजे और रात 8 बजे। हर ड्रा की अपनी स्कीम होती है जैसे डियर नर्मदा, डियर सुपर आयरन और डियर स्टॉर्क सांबाद। इसके जरिये लाखों लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं, और सरकार को भी राजस्व में बढ़ोतरी मिलती है।
ड्रा की प्रक्रिया पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड है और सरकार द्वारा तय मानकों का पालन करती है। अधिकारी और कैमरे की निगरानी में टिकट नंबरों का चयन होता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। इसके अलावा, विजेता बनने के बाद जितने की घोषणा के 30-60 दिनों के भीतर अपने टिकट और पहचान के साथ क्लेम करना जरूरी होता है, ताकि आसानी से ईनाम पाने की प्रक्रिया पूरी हो सके।
बाजार में कई फर्जी लॉटरी स्कीम की वजह से ग्राहकों को सिर्फ अधिकृत विक्रेता या सरकार की वेबसाइट से टिकट खरीदने की सलाह दी जाती है। हर टिकट पर खास बारकोड और सीरियल नंबर होता है, जिससे उसकी असलियत की जांच हो सके। नतीजे भी इन्हीं ऑथोराइज़्ड सूत्रों से ही देखने चाहिए, ताकि इनाम पाने में कोई परेशानी न हो।
डियर स्टॉर्क सांबाद जैसे हफ्तावार ड्रा नगालैंड व पूर्वोत्तर राज्यों में जबरदस्त लोकप्रिय हैं। हर ड्रा के साथ हजारों लोगों की जिंदगी में उम्मीद की नई किरण जगती है। हालांकि, लॉटरी को सिर्फ मनोरंजन और उम्मीद के तौर पर लेना चाहिए, न कि आमदनी के साधन के रूप में। फिर भी, हर शनिवार की रात किसी न किसी के लिए नई शुरुआत लेकर आती है।
जब मैंने पहली बार टिकट खरीदा तो मैं सोच रहा था कि ये सिर्फ एक खेल है... पर जब मैंने अपना नंबर देखा और वो जीत गया... तो मेरी आँखों से आँखें निकल गईं 🤭💔 ये दुनिया बेकार है लेकिन ये लॉटरी... ये तो भगवान का एक छोटा सा मुस्कान है। अब मैं हर शनिवार को दीवाली मानता हूँ।
1 करोड़ का इनाम? अरे भाई ये तो सिर्फ राज्य का टैक्स लेने का नया तरीका है। जिनके पास 10 रुपये हैं वो उन्हें खर्च करते हैं और जिनके पास 10 लाख हैं वो उनके लिए बैंक बन जाते हैं। ये सिस्टम बेहद अनैतिक है।
अरे यार तुम सब इतना गंभीर क्यों हो रहे हो? मैंने 50 रुपये का टिकट खरीदा था और 120 रुपये जीत गया! ये तो मेरी रोज की चाय का खर्च ढक गया। जीतो या हारो, लेकिन शनिवार की रात को बस टीवी पर बैठकर देखो और खुश रहो। 😎
ये सब बेकार की उम्मीदों का खेल है। जो लोग लॉटरी पर निर्भर हैं, वो अपनी जिंदगी का नियंत्रण खो चुके हैं। ये राज्य उनकी निराशा का शोषण कर रहा है। एक आम इंसान को बेहतर शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं चाहिए, न कि एक टिकट के जरिए जीवन बदलने की झूठी आशा। ये सिस्टम गरीबों को अपनी जेब में बंद कर रखता है।
मैं भी हर हफ्ते टिकट खरीदता हूँ लेकिन अपने बच्चों के लिए एक छोटी सी बचत के तौर पर। जीत गया तो बहुत अच्छा, नहीं तो भी ठीक। ये एक अच्छा तरीका है बच्चों को उम्मीद और संयम सिखाने का। मैंने एक बार 450 रुपये जीते थे, और उससे मेरी बेटी के लिए नई किताबें खरीदीं। ये लॉटरी नहीं, ये तो एक छोटी सी खुशी का अवसर है। बस इतना समझ लो कि इसके लिए ज़रूरी नहीं कि आपको जीतना हो।
इस व्यवस्था का आर्थिक और सामाजिक प्रभाव गहरा है। एक ओर राज्य को राजस्व मिलता है, दूसरी ओर निर्धन वर्ग के बीच एक विकृत आशा का संस्कार बन जाता है। यह एक ऐसा अनुशासन है जो लोगों को अपने जीवन के लिए जिम्मेदार नहीं बनाता, बल्कि भाग्य पर निर्भर रहने की आदत डालता है। यह तभी स्वीकार्य है जब इसे एक मनोरंजन के रूप में देखा जाए, और न कि एक सामाजिक बचाव के रूप में।