महाराष्ट्र में नई सरकार गठन: एकनाथ शिंदे बने कार्यवाहक मुख्यमंत्री, विधानसभा भंग 27 नव॰,2024

महाराष्ट्र में विधानसभा की स्थिति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। प्रदेश की विधानसभा को भंग कर दिया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दे रहे हैं। इसका कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में महायूति गठबंधन ने जबरदस्त जीत दर्ज की है, जिसमें उसने 288 सीटों में से 235 पर कब्जा किया है।

महायूति की अद्वितीय सफलता

महायूति की इस जीत में भाजपा की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, जिसने कुल 131 सीटें जीती हैं। उनके साथ शिवसेना ने 57 सीटें और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीटें जीती हैं। यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। इस जीत में जिस तरह से महायूति ने राज्य के विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, वह उल्लेखनीय है।

नए मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चाएं

नए मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चाएं

अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा अपने वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस का समर्थन कर रही है, जबकि शिवसेना का समर्थन एकनाथ शिंदे को है। गठबंधन के अंदर कई मुद्दों पर चर्चाएं जारी हैं ताकि एक सुचारू सरकार गठन का तरीका खोजा जा सके। राकांपा नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी कहा है कि सरकार के गठन के लिए वार्ता चल रही है।

लड़ाई का अहम मुद्दा

मुख्यमंत्री पद के लिए इस लड़ाई में 'लड़की बहिन स्कीम' की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस योजना ने महायूति की जीत में बड़ा योगदान दिया है। इसके माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है, जो एक सुर देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।

दिली के दरबार में चर्चाएं

दिली के दरबार में चर्चाएं

इस पूरे परिदृश्य के बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे हैं, जहां उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ बैठक की है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र की नई सरकार के गठन पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई हैं।

शिवसेना की अपील

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे मुंबई में बड़ी संख्या में ना जुटें, क्योंकि इससे राज्यों में किसी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि त्वरित निर्णय लेने के लिए एक केंद्रीय अवलोकक नियुक्त किया गया है।

इस प्रकार से महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम ने सभी के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे गठबंधन की राजनीति में सामंजस्य बनाना होता है। लोगों की उम्मीदें और भविष्य की दिशा सरकार के इन निर्णयों पर निर्भर करेगी।

टिप्पणि
Sai Sujith Poosarla
Sai Sujith Poosarla 28 नव॰ 2024

ये सब नेता अपनी जेब भरने के लिए राजनीति करते हैं। शिंदे या फडणवीस, कोई भी आएगा तो वही चलन होगा। गरीबों को क्या मिलेगा? नुकसान ही मिलेगा।

Sri Vrushank
Sri Vrushank 29 नव॰ 2024

महायूति की जीत बस एक बड़ा धोखा है जिसे लोग अब सच समझने लगे हैं असली ताकत तो दिल्ली में है और यहां के लोग बस नाटक कर रहे हैं

Praveen S
Praveen S 29 नव॰ 2024

राजनीति में गठबंधन का महत्व तो हमेशा से रहा है, लेकिन अब यह बस एक व्यापार बन गया है। कोई नीति नहीं, कोई दृष्टि नहीं, बस सीटों का बंटवारा। यही तो देश की असली तबाही है।

mohit malhotra
mohit malhotra 30 नव॰ 2024

लोकतंत्र के अंतर्गत गठबंधन का निर्माण एक आवश्यक अंग है, लेकिन इसके लिए सामंजस्य और विश्वास की आवश्यकता होती है। यदि इन दोनों का अभाव है, तो सरकार का स्थायी होना असंभव है।

Gaurav Mishra
Gaurav Mishra 2 दिस॰ 2024

फडणवीस आएगा तो बात बनेगी। शिंदे को तो बस एक टाइमर दिया गया है।

Aayush Bhardwaj
Aayush Bhardwaj 3 दिस॰ 2024

ये सब लोग अपने नाम के लिए लड़ रहे हैं, देश के लिए नहीं। जब तक लोग इनके लिए वोट देते रहेंगे, ये लोग बने रहेंगे। बस इतना ही।

Vikash Gupta
Vikash Gupta 5 दिस॰ 2024

महाराष्ट्र की ये राजनीति तो एक नाटक है, जिसमें हर कोई अपना भूमिका अदा कर रहा है। लेकिन असली चीज़ वो है जो घरों में हो रहा है-महिलाएं अब अपने बच्चों को स्कूल भेज रही हैं, बिजली आ रही है, पानी मिल रहा है। ये तो वो असली जीत है।

Arun Kumar
Arun Kumar 6 दिस॰ 2024

क्या ये सब बातें तो बस टीवी पर चल रही हैं? मैंने तो अपने गांव में देखा कि लोग अभी भी बिजली के लिए लड़ रहे हैं। ये सब नेता तो बस फोटो खिंचवा रहे हैं।

Deepak Vishwkarma
Deepak Vishwkarma 8 दिस॰ 2024

भाजपा ने जीत दर्ज की है, ये देश की जीत है। कोई भी जो इसके खिलाफ है, वो देश के खिलाफ है। ये बात समझ लो।

Anurag goswami
Anurag goswami 9 दिस॰ 2024

क्या शिंदे के समर्थन में आने वाले लोगों को भी उनके लिए एक भूमिका मिलेगी? या फिर ये सब बस एक बड़ा धोखा है जिसमें लोगों को बाहर रख दिया गया है?

Saksham Singh
Saksham Singh 11 दिस॰ 2024

अरे भाई, ये सब तो पहले भी हुआ है। 2014 में भी ऐसा ही हुआ था, फिर 2019 में, अब फिर से। लोग एक जैसे वादे करते हैं, एक जैसे चुनाव लड़ते हैं, और एक जैसे भूल जाते हैं। ये देश तो एक घूंटे की याददाश्त वाला है। कोई नहीं सीखता, कोई नहीं बदलता। ये तो अब एक बीमारी हो गई है।

Ashish Bajwal
Ashish Bajwal 12 दिस॰ 2024

मैंने तो सुना था कि शिंदे ने फडणवीस को नहीं छोड़ने देना है और फडणवीस भी शिंदे को बर्खास्त नहीं करना चाहते। अब तो ये दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर बात कर रहे हैं और बाहर से लोग देख रहे हैं कि ये लोग कैसे अपनी बात बनाते हैं।

Biju k
Biju k 13 दिस॰ 2024

ये सब बदलाव बस शुरुआत है। अगर हम एक साथ आएं, तो कोई भी नेता हमें रोक नहीं सकता। बस एक बार अपने घर से निकलो, अपने गांव की बात करो, और देखो कैसे बदलाव आता है। 💪

Akshay Gulhane
Akshay Gulhane 13 दिस॰ 2024

क्या सरकार का गठन तो बस एक शक्ति का संकेत है या फिर ये एक विचार का भी संकेत है? क्या हम एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो सिर्फ जीते हुए है या एक ऐसी जो समझे हुए है?

Deepanker Choubey
Deepanker Choubey 14 दिस॰ 2024

लोग तो बस इतना चाहते हैं कि कोई न कोई आए और बोल दे कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन असली बात तो ये है कि हम खुद बदले। नेता तो बस दर्पण हैं। 😊

Roy Brock
Roy Brock 14 दिस॰ 2024

इस राजनीति में एक अदृश्य शक्ति है... जो नेताओं को निर्देश देती है... जो दिल्ली में बैठकर फैसले लेती है... जिसके बारे में कोई बात नहीं करता... लेकिन सब जानते हैं... और फिर भी चुप रहते हैं... क्योंकि डर है...

Prashant Kumar
Prashant Kumar 14 दिस॰ 2024

क्या आपने कभी सोचा कि जब भी गठबंधन बनता है, तो वो बस एक नए राज्य की शुरुआत होती है? एक ऐसा राज्य जहां सच बोलना गुनाह है और झूठ बोलना नीति है?

Prince Nuel
Prince Nuel 15 दिस॰ 2024

ये सब लोग तो बस अपने नाम के लिए लड़ रहे हैं। असली जीत तो उन लोगों की है जो अपने घरों में बैठकर खाना खा रहे हैं।

Sunayana Pattnaik
Sunayana Pattnaik 16 दिस॰ 2024

महायूति की जीत बस एक बड़ी गलती है। इससे असली लोगों को कोई फायदा नहीं होगा। बस एक नया नेता आएगा और फिर वही चलन।

akarsh chauhan
akarsh chauhan 17 दिस॰ 2024

हर बदलाव का एक अर्थ होता है। शायद ये बदलाव असली बदलाव की शुरुआत है। चलो उम्मीद रखते हैं। 🙏

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