पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों की अनुचित कीमत निर्धारण नीति पर जताई चिंता 23 अग॰,2024

अनुचित कीमत निर्धारण की समस्या और पीयूष गोयल की चिंता

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही अनुचित कीमत निर्धारण (प्रिडेटरी प्राइसिंग) की प्रथाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह प्रथाएं छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और स्थानीय व्यवसायों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही हैं। गोयल ने इस मुद्दे को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि कीमत निर्धारण की यह तकनीक जहां कंपनियां अपने उत्पादों को उत्पादन लागत से भी कम कीमत पर बेच रही हैं, बाजार में प्रतिस्पर्धा को खत्म कर देती हैं।

निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए समान स्तर की आवश्यकता

गोयल ने जोर दिया कि ई-कॉमर्स कंपनियों के कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की कमी है और वे नियामकों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी सही से नहीं निभा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म नियम और कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं, जो व्यापार की निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बिगाड़ रहे हैं।

पारदर्शिता और नए नियमों की आवश्यकता

गोयल के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियों की इन अनुचित प्रथाओं से निपटने के लिए सरकार नए नियम बना रही है। ये नियम छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा करने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए जा रहे हैं। यह कदम घरेलू व्यवसायों को समर्थन देने की व्यापक पहल का हिस्सा है, ताकि बड़े ई-कॉमर्स खिलाड़ियों द्वारा गैर-निष्पक्ष व्यवहार के कारण वे नुकसान न झेलें।

छोटे व्यापारियों और स्थानीय व्यवसायों के हितों की रक्षा

इस विनियमन प्रयास की आवश्यकता इसलिए भी है क्योंकि कई छोटे और मध्यम उद्यमों ने शिकायत की है कि उनका व्यवसाय अनुचित कीमत निर्धारण नीतियों के चलते प्रभावित हो रहा है। स्थानीय व्यापारियों को भी इस प्रकार की शिकायतें हैं। इसलिए, सरकार का यह कदम ई-कॉमर्स क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकता है और कंपनियों की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव कर सकता है।

सरकार के नए उपाय और निष्कर्ष

नये नियमों के तहत उन प्रथाओं पर भी नजर रखी जाएगी जिनका प्रयोग ई-कॉमर्स प्लेटफार्म अपनी बाजार स्थिति मजबूत करने के लिए करते हैं। इन नए नियामकों का उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना है और उन कंपनियों की मदद करना है जो अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक व्यवहार का सामना कर रही हैं। गोयल के शब्दों में, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में कोई कंपनी केवल अपनी बाजार पकड़ को मजबूत करने के लिए पारदर्शिता और नियमों की अनदेखी न कर सके। यह कदम ई-कॉमर्स क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे सभी व्यवसायों को निष्पक्ष अवसर मिल सकें।

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