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अग॰,2024
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की ने हाल ही में घोषणा की है कि ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) 2025 के पंजीकरण तिथि में परिवर्तन किया गया है। पहले यह पंजीकरण प्रक्रिया 24 अगस्त 2024 से शुरू होने वाली थी, लेकिन अब इसे 28 अगस्त 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इस फैसले से विद्यार्थियों को और अधिक समय मिलेगा जिससे वे अपने दस्तावेजों और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे।
GATE 2025 का आवेदन फॉर्म IIT रुड़की की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। इच्छुक उम्मीदवार बिना विलंब शुल्क के 26 सितंबर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। जिन्होंने अभी तक आवेदन नहीं किया है, वे 7 अक्टूबर 2024 तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन कर सकते हैं। GATE के आवेदन के लिए विभिन्न श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं, जिसमें महिला उम्मीदवारों, SC/ST/PwD उम्मीदवारों और अन्य वर्गों के उम्मीदवारों के लिए शुल्क में अंतर है।
GATE 2025 परीक्षा की तिथियाँ भी तय हो गई हैं। यह परीक्षा 1, 2, 15 और 16 फरवरी 2025 को आयोजित की जाएगी। कंप्यूटर आधारित यह परीक्षा तीन घंटे और तीस मिनट की होगी जिसमें विद्यार्थियों को उनके विषय संबंधित प्रश्न हल करने होंगे। परीक्षार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा पैटर्न, सिलेबस और मार्किंग स्कीम की विस्तृत जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखे।
GATE 2025 का रिजल्ट 19 मार्च 2025 को घोषित किया जाएगा। इसके बाद विभिन्न M.Tech. और Ph.D. कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रियाएं शुरू होंगी। IIT के लिए Common Offer Acceptance Portal (COAP) और NITs, IIEST Shibpur, IIITs, और GFTIs के लिए Centralised Counselling for M.Tech. (CCMT) के माध्यम से काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित की जाएगी।
परीक्षा आवेदन के दौरान यदि किसी प्रकार की गलत जानकारी दी गई हो, तो उम्मीदवार नवंबर 2024 में अपने आवेदन में कुछ विवरण सही कर सकते हैं। यदि आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की समस्या आती है तो उम्मीदवार संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर हेल्पलाइन नंबर दिए जाएंगे।
इस वर्ष GATE में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे पंजीकरण प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर लें ताकि किसी प्रकार की विलंबित समस्याओं से बचा जा सके। परीक्षा की तैयारी के लिए सही रणनीति अपनाएँ और समय का सदुपयोग करें।
GATE परीक्षा तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी ऊंचाइयों को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हर साल लाखों छात्र इसमें भाग लेते हैं और सफल होकर देश के प्रमुख IITs और NITs में प्रवेश प्राप्त करते हैं। यह परीक्षा न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त है। इसलिए, जो छात्र इसमें भाग लेने वाले हैं उन्हें विशेष तैयारी और ध्यान देने की आवश्यकता है।
अब ये बढ़ा दी गई तारीख भी किसकी बात है? जब तक आईआईटी के किसी अधिकारी के बैठक का शेड्यूल नहीं बदलता, तब तक ये सब फेक न्यूज है। अब तो हर चीज में देरी हो रही है-गेट, यूपीएससी, नीट, यहां तक कि बस आने में भी देरी। भारत का एजुकेशन सिस्टम तो बस एक बड़ा लूट का नाटक है।
28 अगस्त तक का वक्त देना भी बहुत बड़ी बात है मानो हम जेल में बंद हैं और बाहर निकलने की अनुमति मिल गई। पिछले साल मैंने आवेदन किया था और फाइल अपलोड होते हुए क्रैश हो गई थी और कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। ये सब नेटवर्क की बहाना है। असली मुद्दा ये है कि आईआईटी के सर्वर तो टूट चुके हैं।
इस तारीख के बदलाव को एक निर्णय के रूप में देखना चाहिए, न कि एक अस्थायी ट्रिक के रूप में। यह छात्रों के लिए एक मानवीय और यथार्थवादी चरण है-जिनके पास आर्थिक, पारिवारिक, या स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ हैं। शिक्षा एक अधिकार है, और इसके लिए समय देना एक सामाजिक जिम्मेदारी है। यह बदलाव न केवल लोगों को अवसर देता है, बल्कि एक नए नैतिक मानक की ओर इशारा करता है।
गेट 2025 के लिए आवेदन के लिए अब आपको एक रिफरेंस लेटर, एक आयु प्रमाण पत्र, एक एडमिशन लेटर, एक बैंक स्टेटमेंट, एक स्कूल का ट्रांसक्रिप्ट, एक डिग्री सर्टिफिकेट, एक एड्रेस प्रूफ, एक पासपोर्ट साइज फोटो, एक सिग्नेचर, एक आर्डर नंबर, एक रजिस्ट्रेशन नंबर, और एक लाइव वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग की जरूरत है। ये सब आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है, लेकिन कोई नहीं बताता कि ये सब कहाँ से मिलेगा। एक छात्र के लिए ये एक फुल-टाइम जॉब है।
28 अगस्त बढ़ाना बेकार है। जो तैयार है, वो तैयार है। जो नहीं, वो फिर भी नहीं होगा।
ये देरी क्यों हुई? क्या आईआईटी के लोगों ने अपनी शादी रख ली? या फिर उन्होंने अपने बच्चे का बैप्टिस्म करवा लिया? अब तक तो ये सब बहाने हैं। जब तक हमारे लिए नहीं बदलता, तब तक ये सब नियम बकवास हैं।
इस बदलाव को देखकर लगा-हम अभी भी इंसान हैं। एक छात्र जिसके पास बहुत कम पैसे हैं, जिसकी माँ बीमार है, जिसे अपने भाई की शादी के लिए फैमिली का सहयोग चाहिए-उसके लिए ये चार दिन बहुत कुछ बदल सकते हैं। ये नहीं है कि हम अपने आप को शिक्षा के लिए बलि दे रहे हैं, बल्कि हम एक दूसरे को इंसान के तौर पर समझ रहे हैं। गेट बस एक परीक्षा नहीं, ये हमारे सामाजिक अहसास का एक शीशा है।