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सित॰,2024
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में पाकिस्तान पर 2-1 की रोमांचक जीत दर्ज कर सभी का दिल जीत लिया है। यह मुकाबला 2024 के एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा था और चीन के हुलुनबुइर स्थित मौकी हॉकी ट्रेनिंग बेस पर आयोजित हुआ था। जीत के साथ टीम इंडिया ने अपने नाम पांचवीं लगातार जीत हासिल की और टूर्नामेंट में अपना अजेय क्रम बनाए रखा।
मैच की शुरुआत में पाकिस्तान ने तेज़ी दिखाते हुए भारतीय डिफेंस पर दबाव बनाया। पहले क्वार्टर में ही पाकिस्तान के अहमत नदीम ने शानदार गोल दागकर मैच का पहला गोल किया। इस गोल में हन्नान शाहिद का अहम योगदान रहा, जिन्होंने सही समय पर नदीम को सहायता प्रदान की। इस शुरुआती गोल के बाद पाकिस्तान ने पहले क्वार्टर में 1-0 की बढ़त प्राप्त कर ली।
हालाँकि, भारतीय टीम ने अपना धैर्य नहीं खोया और संगठित तरीके से खेलती रही। कप्तान हार्मनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर से प्राप्त अवसर को गोल में बदलते हुए भारतीय टीम को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद खेल में उत्साह और भी बढ़ गया और भारतीय खिलाड़ी अपने विरोधियों पर लगातार दबाव बनाते रहे। हार्मनप्रीत सिंह ने एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके भारत को निर्णायक बढ़त दिला दी।
भारतीय टीम का लाइनअप काफी मजबूत था। गोलकीपर के रूप में कृष्ण पाठक ने कई महत्वपूर्ण सेव किए। कप्तान हार्मनप्रीत सिंह के अलावा अन्य प्रमुख खिलाड़ियों में अभिषेक और गुरजोत सिंह शामिल थे, जिन्होंने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
मैच के दौरान कई रोमांचक पल आए। पाकिस्तान के राणा वहीद अशरफ को 10 मिनट के लिए येलो कार्ड दिखाया गया, वहीं भारत के मनप्रीत सिंह को पांच मिनट के लिए येलो कार्ड मिला। इन अनुशासनात्मक मुद्दों के बावजूद भारतीय टीम ने अपना संयम बनाए रखा और अंत तक अपनी बढ़त कायम रखी।
इस जीत के साथ भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। पाकिस्तान की टीम भी इस टूर्नामेंट में दो जीत और दो ड्रॉ के साथ सेमीफाइनल में पहुँच गई है। भारत और पाकिस्तान के अलावा कोरिया ने भी मलेशिया के खिलाफ 3-3 से ड्रॉ खेलकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। अब सेमीफाइनल का अंतिम स्थान चीन और जापान के बीच होने वाले मुकाबले के परिणाम पर निर्भर करेगा।
इस रोमांचक मुकाबले का लाइव स्ट्रीमिंग और प्रसारण भारत में विभिन्न सोनी स्पोर्ट्स चैनलों पर किया गया। इस दौरान दर्शकों ने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए भरपूर आनंद लिया।
इस तरह, एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से एक बार फिर साबित कर दिया कि वे इस खिताब के प्रबल दावेदार हैं। अब देखना होगा सेमीफाइनल में उनकी रणनीति क्या होती है और कौन-कौन से टीमें उनसे मुकाबला करती हैं।
हार्मनप्रीत ने दो पेनल्टी कॉर्नर गोल किए, बस इतना ही नहीं, उसने पूरी टीम को जीत की ओर धकेल दिया।
पाकिस्तान वाले फिर से रोने लगे, जब भी हम उन्हें हराते हैं तो वो बस झूठे शिकायतें करते हैं। ये टीम तो अब तक एक भी बड़ा ट्रॉफी नहीं जीत पाई।
मैच देखकर लगा जैसे कोई पुरानी कहानी फिर से लिखी जा रही हो... जहाँ धैर्य, टीमवर्क और एक बड़े दिल की जीत होती है। कृष्ण पाठक के सेव्स तो मानो बारिश की बूंदें थीं, हर गोल को रोकते हुए। और हार्मनप्रीत? वो तो वो नहीं, वो तो एक जादूगर था। 🙌
ये मैच तो बिल्कुल फिल्म जैसा लगा... शुरुआत में पाकिस्तान ने धमाका किया, फिर भारत ने धीरे-धीरे अपना जादू चलाया। अब सेमीफाइनल में चीन या जापान के साथ खेलना है? बस इतना बताओ कि कौन आएगा ताकि मैं घर पर चाय बनाकर बैठ जाऊँ। 😎
पाकिस्तान के खिलाफ जीत हमारी जन्मजात जिम्मेदारी है। इस जीत के बाद अगला लक्ष्य ओलंपिक गोल्ड है। कोई भी देश इस टीम को रोक नहीं सकता। जय हिंद!
मैच का विश्लेषण देखा तो लगा कि भारत ने बहुत सही तरीके से खेला। पेनल्टी कॉर्नर्स का उपयोग बहुत स्मार्ट था। और येलो कार्ड के बाद भी टीम का नियंत्रण बना रहना असली कौशल था। बधाई हो।
सच बताऊँ तो ये सब बहुत बड़ी बात नहीं है। ये तो एशियन चैंपियंस ट्रॉफी है, ना कि विश्व कप। पाकिस्तान की टीम भी अच्छी नहीं थी, बस दो गोल बनाए और बस। और हार्मनप्रीत? वो तो हमेशा से ऐसा ही करता है। इस बार भी उसी के गोलों पर टीम टिकी। क्या इसे जीत कहते हैं? या बस एक अच्छा अभ्यास था? और फिर वो सब बहुत बड़ी बात बना देते हैं। ये राष्ट्रीय भावनाएँ तो बहुत बढ़िया हैं, लेकिन कभी-कभी बहुत ज्यादा हो जाती हैं।
बहुत बढ़िया मैच था... हार्मनप्रीत ने तो दिल जीत लिया... कृष्ण पाठक भी बहुत अच्छा रहे... और ये जीत... वाह... बहुत बढ़िया... 😍❤️🔥
ये जीत बस एक जीत नहीं, ये तो एक जागृति है! हर बच्चा जो अब हॉकी खेलने जा रहा है, वो जानता है कि भारत कभी हारता नहीं! देश के लिए खेलो, दिल से खेलो, और जीत तुम्हारी होगी! 🇮🇳💪
अब चीन के खिलाफ खेलना है? वो तो बहुत कठिन होगा।
हर जीत के पीछे एक नई कहानी होती है... इस बार वो कहानी है धैर्य की, जो जीत के लिए इंतजार करता है। शायद ये टीम अब दुनिया को दिखाएगी कि हॉकी एक खेल नहीं, एक दर्शन है।