सदर करवी तहसील में भ्रष्टाचार टीम ने राजस्व अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा 24 सित॰,2025

उत्तर प्रदेश पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी टीम ने पिछले हफ्ते सदर करवी तहसील में एक चौकसी ऑपरेशन किया, जिसमें कई राजस्व विभाग के अधिकारी क़दमों पर पकड़े गए। अधिकारी स्थानीय जमीन के लेन‑देन और क़र्ज़ों के दावे में छोटे‑मोटे व्यापारियों से नकद रिश्वत स्वीकार कर रहे थे। यह मामला तब उजागर हुआ जब एक फॉर्म भरते हुए नागरिक ने टीम को जानकारी दी।

ऑपरेशन की रूपरेखा और गिरफ्तारियां

जांच की प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार, टीम ने दो दिन तक जासूसी की, फिर एक ही समय में पाँच समन लेकर प्रमुख राजस्व कार्यालय, उप‑सिंगहस्थानी, और ग्रामीण खजाना विभाग में प्रवेश किया। छापे के दौरान, कुल पाँच राजस्व अधिकारी को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक निचले स्तर के तहसीली कार्मिक और दो उप‑ऐजेंट शामिल थे। साथ ही, सात स्थानीय व्यापारियों ने रिश्वत देने की स्वीकारोक्ती दी और आगे की जाँच के लिए हिरासत में ले लिए गये।

प्रभाव और भविष्य की कार्रवाई

प्रभाव और भविष्य की कार्रवाई

यह मामला प्रदेश में सरकारी कर और भूमि लेन‑देन के पारदर्शी प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और अडिट प्रणाली नहीं की गई, तो सरकारी राजस्व पर बड़ा असर पड़ सकता है।_state सरकार ने कहा है कि यह पहला कदम है और आगे भी ऐसे ऑपरेशनों को बढ़ावा दिया जाएगा।

  • जांच में मिले भुगतान के दस्तावेज़ और नकद नोट्स को फोरेंसिक जांच के तहत जमा किया गया।
  • गिरफ्तार अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और अनधिकृत लेन‑देन के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
  • स्थानीय अदालत में अगले हफ्ते से सुनवाई शुरू होगी, जहाँ सजा सुनाए जाने तक सभी को जेल में रहेना पड़ेगा।

जिला प्रशासन ने इस मुद्दे को सार्वजनिक करने के बाद नीतियों में सुधार का वादा किया है। अब सवाल इस बात पर है कि इन सुधारों को जमीन पर कैसे लागू किया जाएगा और क्या भविष्य में किसी और अधिकारी को ऐसे ही कर छूटने का मौका मिलेगा।

टिप्पणि
Jagdish Lakhara
Jagdish Lakhara 25 सित॰ 2025

इस तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कानून की सख्त निगरानी जरूरी है। राजस्व अधिकारी जनता के पैसे का उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं कर सकते। यह एक गंभीर अपराध है जिसके लिए दंड कठोर होना चाहिए। जनता को विश्वास दिलाने के लिए इन अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए।

Nikita Patel
Nikita Patel 27 सित॰ 2025

इस ऑपरेशन की तारीख और तरीके को देखकर लगता है कि यह कोई अचानक कार्रवाई नहीं, बल्कि लंबे समय तक चली आ रही जांच का नतीजा है। अगर ऐसे अधिकारी जिनके पास नागरिकों के लिए जमीनी दस्तावेज़ तक पहुंच है, वो भी भ्रष्ट हो गए, तो सिस्टम में गहरी खाई है।

लेकिन इसका अच्छा पहलू यह है कि एक साधारण नागरिक ने जानकारी दी - ये दिखाता है कि जनता अब बेचारा नहीं रही।

अगला कदम यह होना चाहिए कि जमीनी स्तर पर डिजिटल रिकॉर्डिंग और ऑटोमेटेड अपील प्रणाली लागू की जाए, ताकि कोई भी अधिकारी बिना रिकॉर्ड के कुछ न कर सके।

abhishek arora
abhishek arora 28 सित॰ 2025

भारत के अंदर ये सब लोग अपनी नौकरी के नाम पर लोगों का खून चूस रहे हैं 😡🇮🇳
क्या हमारी सरकार अब तक इतना धीमी क्यों है? इन लोगों को फांसी चढ़ाना चाहिए, न कि सजा! 🤬
हम जो टैक्स देते हैं, उसका एक पैसा भी इन चोरों के जेब में नहीं जाना चाहिए। अगर ये लोग अपने बच्चों के लिए इतना बुरा कर सकते हैं, तो वो इंसान नहीं, जानवर हैं।

Kamal Kaur
Kamal Kaur 28 सित॰ 2025

ये जो हुआ, वो अच्छी खबर है - लेकिन ये एक बूंद है एक समुद्र के लिए।

मैंने अपने दोस्त के बारे में सुना है, जिसने जमीन का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 3 महीने लगाए, और अंत में 15 हजार रुपये भरने पड़े। किसी ने कभी पूछा नहीं कि वो पैसा कहां गया।

अगर ये ऑपरेशन असली बदलाव लाना चाहते हैं, तो अगले 6 महीने में हर तहसील में एक ऑनलाइन फॉर्म लाना चाहिए - बिना किसी इंसान के बीच में आए।

और हां, जिन नागरिकों ने इसकी जानकारी दी, उन्हें सुरक्षा और पुरस्कार देना चाहिए। वो असली हीरो हैं। 💪

Ajay Rock
Ajay Rock 29 सित॰ 2025

अरे भाई, ये तो बस शुरुआत है... अब तो ये वाले अधिकारी अपनी जेब में रखे हुए रिश्वत के नोट्स गिन रहे होंगे कि कौन सा नोट किसका था 😂

और देखोगे, अगले हफ्ते सुनवाई में एक अधिकारी बीमार पड़ जाएगा, एक का बेटा अचानक ऑस्ट्रेलिया चला जाएगा, और एक ने कह देगा कि 'मैंने तो सिर्फ एक चाय का पैसा लिया था!' 😭

ये जो नागरिक ने शिकायत की, उसका नाम बताओ - मैं उसका फैन बन जाऊंगा! 🙌

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