IMD ने मुंबई में नारंगी अलर्ट, रायगढ़ में लाल अलर्ट: अगस्त 2025 की तीव्र बाढ़ 28 सित॰,2025

जब India Meteorological Department (IMD) ने 20 अगस्त 2025 को मुंबई को नारंगी अलर्ट दिया, तो शहर ने पहले ही महीने की औसत वर्षा से आगे निकल चुका था। उसी दिन देवेंद्र फडनविस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, ने रिपोर्ट किया कि 12‑14 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर बाढ़ का गहरा असर पड़ा है। इस लेख में हम बारिश की तीव्रता, जलभरण पर फ़ायदे और लोगों की कष्टों को विस्तार से देखेंगे।

पिछले चार दिनों में रिकॉर्ड वर्षा

अगस्त 2025 के मध्य से लगातार चार दिन‑पर‑दिन भारी बारिश चली। मुंबई के कई हिस्सों में 24 घंटे में 300 mm से अधिक पानी गिरा, जिससे शहर ने अगस्त के औसत 566 mm को दो‑तीन दिनों में ही पार कर लिया। वास्तव में, सिर्फ चार दिन में 791 mm बारिश होकर जुलाई 2025 में दर्ज 798 mm के बराबर हो गई। यह आँकड़ा संताक्रुज मौसम स्टेशन ने रिकॉर्ड किया।

IMD के वैज्ञानिक निथा ससिधरन ने बताया कि विडर्भा में मौजूद साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने कोकण बेल्ट में जलवायु को असामान्य रूप से नमी‑पूर्ण बना दिया। उत्तर‑कोकण के हिस्से में यह प्रणाली उत्तर‑पश्चिम की ओर बढ़ने के कारण मुंबई के ऊपर घनी वर्षा लायी।

जलाशयों का स्तर और पानी की उपलब्धता

इतनी भारी वर्षा का एक अनपेक्षित ‘साइलेंट बैनिफिट’ रहने वालों को मिला – जलभंडारण में जबरदस्त उछाल। Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 19 तक सात मुख्य जलाशयों का औसत भरण 92.42 % तक पहुँच गया। कुल मिलाकर 1,337,633 मिलियन लीटर पानी बँटा।

  • तांसा: 99.26 %
  • मोडक सागर: 91.74 %
  • मिडल वैतर्णा: 97.51 %
  • अप्पर वैतर्णा: 88.01 %
  • भाट्सा: 90.80 %
  • विहार एवं तुलसी तालाब: 100 %

इन आंकड़ों ने इस साल के मोनसून को फॉल्ट‑टॉलरेंट माना जा रहा है, विशेषकर जल संकट के समय में।

सड़कें, जीवन और मारामारी पर असर

बारिश ने निचले‑पड़ाव वाले इलाकों को जलमग्न किया। अंधेरी सबवे, लॉटस पेट्रोल पंप के पास की सड़कें कुछ घंटे के लिए पूरी तरह बंद हो गईं। दुर्भाग्य से, शहर में एक पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, जबकि नांदेड़ जिले में दो दिन में क्लाउड‑बर्स्ट से आठ लोगों की जान गई।

परिवहन में भी बिगाड़ साफ़ देखा गया – मुंबई में ट्रैफ़िक रुक गया, फेरी‑सेवा रद्द हुई, और कई बसें बाढ़‑ग्रस्त मार्गों से बाहर निकल नहीं पाईं। स्थानीय व्यवसायी बताते हैं कि छोटे‑बड़े स्टॉल ने उत्पादन में नुकसान झेला, जबकि कुछ रेस्टोरेंट ने अतिरिक्त पानी के कारण मेन्यू में बदलाव किया।

सरकारी एवं विशेषज्ञ राय

सरकारी एवं विशेषज्ञ राय

मुख्यमंत्री फडनविस ने कहा, “कृषि में नुक़सान के साथ‑साथ जल आपूर्ति में सुधार देखना एक दो‑धार वाली तलवार है।” उन्होंने किसान सहायता योजनाओं के तेज़ी से वितरण की अपील की।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर तक 2025 का मोनसून “अति‑सामान्य” रह सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मौसमी हवाएँ सीधे कोकण को छूती रही, तो जलाशयों का स्तर 100 % से अधिक हो जाएगा, जिससे संभावित बाढ़‑जोखिम फिर से बढ़ेगा।

पर्यावरण विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ. अमर्त्य वर्नर ने कहा, “बारिश के कारण जलाशयों के भरने के साथ‑साथ जल‑गुणवत्ता के परीक्षण को लगातार करना जरूरी है, नहीं तो स्वास्थ्य‑सम्बंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।”

आगे की भविष्यवाणी और सावधानियां

IMD ने 30‑31 अगस्त के लिए थाने व मुंबई में ‘येल्लो अलर्ट’ जारी किया है – यह संकेत है कि कुछ क्षेत्रों में हल्की‑से‑भारी बारिश फिर से हो सकती है। पळघर व रायगढ़ क्षेत्रों में अभी भी लाल से नारंगी अलर्ट जारी है, जिससे स्थानीय प्रशासन ने हाई‑टाइड के समय लोगों से सावधानी बरतने को कहा।

नागरिकों को सलाह दी गई है कि जल‑जमाव वाले क्षेत्रों से बचें, अंधेरी जगहों पर ड्रैगन‑फ्लैश (बिजली) से बचें, और आधिकारिक मौसम अपडेट को लगातार फॉलो करें। साथ ही, जल‑संकट के दौर में जल‑संरक्षण उपायों को अपनाना आवश्यक है – जैसे कि टैंकों में पानी बचाकर रखना और पानी की बर्बादी से बचना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बारिश से सबसे ज्यादा कौन प्रभावित हुआ?

किलो‑किलोग्राम स्तर पर किसानों को सबसे अधिक नुक़सान हुआ, क्योंकि 12‑14 लाख हेक्टेयर कृषि जमीन में जल‑जन्य क्षति दर्ज की गई। साथ ही, अँडheri के सबवे और नांदेड़ में क्लाउड‑बर्स्ट से हुई हताहत भी उल्लेखनीय है।

वॉटर रिज़र्वॉयर के स्तर में क्या बदलाव आया?

बढ़ती वर्षा के कारण सात प्रमुख जलाशयों का औसत भरण 92.42 % तक पहुंच गया, विशेषकर तांसा (99.26 %) और तुलसी‑विहार (100 %) पूरी क्षमता तक पहुंचे। इससे शहर के पीने के पानी की आपूर्ति में सुधार हुआ।

अगले दो हफ्तों में मौसम की क्या स्थिति अनुमानित है?

IMD ने 30‑31 अगस्त को थाने‑मुंबई में ‘येल्लो अलर्ट’ जारी किया है, जिसका मतलब है अलग‑अलग जगहों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना। रायगढ़ और पालघर में हल्की‑से‑भारी बूँदें आती रहेंगी, इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है।

क्या इस वर्ष की बारिश सामान्य से अधिक थी?

हँ, 2025 का मोनसून अब तक के रिकॉर्ड में ‘अति‑सामान्य’ माना जा रहा है। चार दिनों में 791 mm बारिश, जो जुलाई की पूर्ण महीना‑सी बारिश को बराबर है, इस तथ्य को सपोर्ट करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि सितंबर में भी अतिरिक्त वर्षा की संभावना है।

टिप्पणि
akarsh chauhan
akarsh chauhan 30 सित॰ 2025

ये बारिश तो बहुत ज्यादा हो गई, पर जलाशयों का स्तर 92% तक पहुँच गया है तो अगले छह महीने तो हम बिना पानी के संकट के निकल जाएंगे। अच्छी बात है कि सरकार ने जल संरक्षण की बात की, अब बस इसे अमल में लाना होगा।

Kiran Ali
Kiran Ali 1 अक्तू॰ 2025

तुम सब जलाशयों की बात कर रहे हो लेकिन क्या किसानों की बात हुई? उनकी फसलें बह गईं और तुम टैंक में पानी बचाने की बात कर रहे हो। ये सिस्टम ही खराब है।

Sunayana Pattnaik
Sunayana Pattnaik 3 अक्तू॰ 2025

अरे भाई, ये सब बारिश का नाटक है। असली समस्या तो शहर का अवसंरचना है जो 1980 के दशक से बर्बाद है। अब जब बारिश हो रही है तो सब जलाशयों के बारे में बात कर रहे हैं? ये तो बस एक डिस्ट्रेक्शन है। आप सब अपने फोन पर बारिश के वीडियो देख रहे हैं और बाहर के लोगों की जिंदगी के बारे में सोच रहे हैं? नहीं।

Suman Arif
Suman Arif 4 अक्तू॰ 2025

जलाशयों का स्तर बढ़ना अच्छा है लेकिन ये बारिश भी एक जलवायु आपदा है। जब तक हम निर्माण नियमों को नहीं बदलेंगे, जब तक हम नदियों के बहाव को नहीं समझेंगे, तब तक ये चक्र बना रहेगा। आप सब जो इसे सुधारने की बात कर रहे हैं, वो बस शब्दों का खेल है।

Gaurav Garg
Gaurav Garg 5 अक्तू॰ 2025

ये जलाशयों का भराव तो बहुत अच्छा है, पर बारिश के बाद सड़कों पर खड़े लोगों की तस्वीरें देखो। क्या ये दोनों एक साथ संभव हैं? मुझे लगता है कि ये सिस्टम बहुत असंतुलित है।

Kanisha Washington
Kanisha Washington 7 अक्तू॰ 2025

यहाँ एक बात ध्यान देने लायक है: जलाशयों का स्तर बढ़ना अच्छा है, लेकिन जल की गुणवत्ता का परीक्षण किया जा रहा है? अगर नहीं, तो ये पानी पीने लायक नहीं हो सकता। बारिश के बाद जल स्रोतों में बैक्टीरिया और रासायनिक दूषित पदार्थ बढ़ जाते हैं। इसकी जाँच नहीं हो रही।

Amanpreet Singh
Amanpreet Singh 8 अक्तू॰ 2025

मुझे लगता है कि ये सब एक बहुत बड़ा संकेत है कि हमें अपने नियमों को बदलना होगा... अगर हम अपने बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य चाहते हैं, तो हमें अब तुरंत कदम उठाने होंगे। बस बारिश के बारे में बात करना काफी नहीं है।

soumendu roy
soumendu roy 8 अक्तू॰ 2025

हम जलाशयों के भराव की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये बारिश किसके लिए एक अवसर है? ये बारिश न केवल जलाशयों को भर रही है, बल्कि जलवायु असंतुलन का एक संकेत भी है। हमारे विकास के तरीके अस्थायी हैं। हमने भूमि को नष्ट किया, नदियों को बंद किया, और अब ये बारिश हमें याद दिला रही है कि प्रकृति कभी भी बेवकूफ नहीं होती।

Ruhi Rastogi
Ruhi Rastogi 9 अक्तू॰ 2025

किसानों को नुकसान हुआ और अब जलाशय भर गए। बस इतना ही।

Rajat jain
Rajat jain 11 अक्तू॰ 2025

हाँ, जलाशय भर गए, लेकिन अगली बारिश के लिए हम तैयार हैं? बस एक बार नहीं, हर साल ऐसा हो रहा है। हमें अपनी नीतियों को बदलना होगा। ये सिर्फ बारिश का मामला नहीं, ये हमारे जीवन शैली का मुद्दा है।

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