Sensex 74,000 के पार: मध्य पूर्व तनाव और अमेरिकी नीति के बीच भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव 17 जून,2025

74,000 के पार Sensex: बाजार की धड़कन पर अंतरराष्ट्रीय तनाव का असर

भारतीय शेयर बाजार 17 जून 2025 की सुबह जैसे ही खुला, उत्साह और चिंता दोनों का माहौल था। बीएसई Sensex शुरुआती कारोबार में ही Sensex 74,000 का स्तर पार कर गया, लेकिन अचानक उतार-चढ़ाव ने निवेशकों के दिल की धड़कनें बढ़ा दीं। देश-विदेश के हालात, खासकर ईरान-इज़राइल तनाव, हर मिनट बाजार की चाल को प्रभावित कर रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तेहरान से नागरिकों को निकालने का बयान, उनके G7 सम्मेलन से अनुराशियता में रवाना होना और ईरान के परमाणु मसले पर बयानबाजी—इन सबने निवेशकों में घबराहट बढ़ा दी।

बाजार के शुरुआती आंकड़ों की बात करें तो Sensex 81,743 के करीब मंडरा रहा था, लेकिन 74,000 के ऊपर ही बना रहा। वहीं, निफ्टी फ्यूचर्स करीब 24,946.50 पर सपाट खुले। ग्लोबल मार्केट का असर भी दिखा, जहां अमेरिकी शेयर बाजार के फ्यूचर्स में मामूली गिरावट नोट की गई। ऐसे में विश्लेषकों ने निफ्टी के लिए 24,900 से 24,750 के बीच मजबूत सपोर्ट और 25,180–25,250 के बीच रेजिस्टेंस लेवल बताया। अगर बाजार अनिश्चित रहता है तो ये स्तर निवेशकों के लिए बेंचमार्क जैसे साबित होंगे।

विदेशी निवेशक, कच्चा तेल और सेक्टर स्पेशल: कहां है बाजार की अगली चाल?

विदेशी निवेशक, कच्चा तेल और सेक्टर स्पेशल: कहां है बाजार की अगली चाल?

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने लगातार चौथे दिन बिकवाली जारी रखी। डॉमेस्टिक निवेशक भले संभल कर चल रहे हों, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों का लगातार पैसा निकालना यह बताता है कि ग्लोबल नीति—खासकर अमेरिकी पॉलिटिक्स और तेल बाजार—मूल्यांकन में बड़ा फैक्टर बने हुए हैं। बाजार में अस्थिरता की एक वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है। जैसी ही पश्चिम एशिया में तनाव गहराया, कच्चे तेल का बाजार उछल गया। इसका सीधा असर भारत के आयात खर्च और महंगाई के अनुमान पर पड़ने की आशंका है, जिससे शेयर बाजार में दबाव महसूस किया जा रहा है।

सिर्फ दूसरी वजहें ही नहीं, बाजार का फोकस रक्षा और ऊर्जा सेक्टर की कंपनियों पर भी है। जब भी बड़े भू-राजनीतिक संकट खड़े होते हैं, रक्षा और ऊर्जा कंपनियों के शेयर चर्चा में आ जाते हैं। निवेशक इन सेक्टरों में खरीद-फरोख्त पर नजर रखे हुए हैं और हरेक बयान और खबर को लेकर तुरंत प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप के तीखे तेवर, ईरान की परमाणु नीति पर उठते सवाल और जी7 से उनका अचानक रवाना होना—ये सब संकेत हैं कि बाजार अगले कुछ सत्रों में और बड़े झटके देख सकता है। घरेलू मोर्चे पर, अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार अभी तक गहरे नुकसान से बचा हुआ है, लेकिन सबकी नजरें अब अगले फैसलों और ताजा हलचलों पर टिकी हुई हैं।

एक टिप्पणी लिखें