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मार्च,2025
भारत सरकार ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया है। यह महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल तब सामने आया जब दास ने 2024 में आरबीआई गवर्नर के रूप में छह साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त किया। वह पीके मिश्रा के साथ इस नयी भूमिका में काम करेंगे, और उनकी सेवा की अवधि प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ ही समाप्त होगी।
शक्तिकांत दास का नई नियुक्ति में चुना जाना उनकी अर्थव्यवस्था नीति और रणनीतिक योगदान को मान्यता देने वाला कदम माना जा रहा है। जीएसटी की कार्यान्वयन और 2016 की नोटबंदी जैसे प्रमुख सुधारों में उनकी भूमिका अहम थी। यह देखा जा रहा है कि आर्थिक अस्थिरता और विकासशील माहौल में प्रधानमंत्री को एक विश्वस्त अर्थव्यवस्था सहयोगी के जरूरत थी, जिसे दास पूरा कर सकते हैं।
1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी दास ने वित्तीय नीतियों से लेकर वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनकी पहचान प्रमुख पदों जैसे कि राजस्व सचिव और भारत के जी20 शेरपा के रूप में होती है। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं में तरलता संकट को संबोधित किया, बैंकिंग नियमन को मजबूत किया, और कोविड-19 महामारी के दौरान वित्तीय स्थिरता को बरकरार रखा।
उड़ीसा में जन्मे शक्तिकांत दास ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से इतिहास में डिग्री और बर्मिंघम विश्वविद्यालय से सार्वजनिक प्रशासन में मास्टर की पढ़ाई की है। उन्होंने आईएमएफ, जी20 और ब्रिक्स जैसे वैश्विक मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
दास की यह नियुक्ति आर्थिक नीति में उनके गहरे प्रभाव और पीआर बनाने की क्षमता को देखते हुए समकालीन आर्थिक चुनौतियों जैसे व्यापार युद्ध और रुपये की अस्थिरता के खिलाफ एक रणनीतिक कदम के रूप में देखी जाती है।
ये तो बड़ी बात है! शक्तिकांत दास तो बस एक आईएएस नहीं, एक इंस्टीट्यूशन हैं। जीएसटी, नोटबंदी, कोविड के दौर में जो किया, वो किसी आम अधिकारी का काम नहीं। अब PM के पास एक ऐसा इंसान जो सिर्फ नीति नहीं, बल्कि उसकी जान भी जानता है। 🤝
अब तो भारत का भविष्य सुरक्षित है! जिसने रुपये को बचाया, जिसने विदेशी निवेशकों को शांत किया, वो अब सीधे PM के दरबार में है। ये नियुक्ति कोई राजनीति नहीं, ये देश की ज़रूरत है। कोई भी आज इसे गलत नहीं कह सकता।
शक्तिकांत दास का करियर देखकर लगता है कि आईएएस असली देश का इंजीनियर है। राजस्व सचिव, जी20 शेरपा, RBI गवर्नर - हर पद पर उन्होंने बस नीति नहीं, बल्कि दृष्टि दी। अब PM के प्रधान सचिव बनकर वो असली नीति-निर्माण के पीछे खड़े होंगे। बहुत अच्छा फैसला।
अरे भाई, ये सब तो बस एक और बड़े बॉस के लिए एक और बड़ा फोन बॉक्स बनाने की कोशिश है। जीएसटी के बाद जो गड़बड़ हुई, नोटबंदी के बाद जो अराजकता फैली, उसके लिए उनकी जिम्मेदारी कहाँ? अब उन्हें PM के पास बिठाकर देखोगे कि अगला बड़ा झूठ कौन बोलेगा? ये सब नियुक्तियाँ बस एक नए शो की शुरुआत हैं। जिसका नाम है 'भारत का बाहरी रंग'।
वाह वाह... ये तो बहुत अच्छा हुआ... शक्तिकांत दास बहुत अच्छे हैं... और अब वो PM के पास हैं... ये तो बहुत बड़ी बात है... बहुत बड़ी... 😍
जब एक आदमी इतनी गहराई से देश को समझता है, तो वो किसी पद के लिए नहीं, बल्कि एक अवसर के लिए आता है। दास जी ने बैंकिंग को नहीं, विश्वास को बचाया। अब वो देश के दिल के पास हैं। 💪❤️
अगर एक व्यक्ति जीएसटी, नोटबंदी, कोविड और बैंकिंग संकट सब झेल चुका है, तो क्या वो अब एक अधिकारी नहीं, बल्कि एक देश का आधार है? क्या हम इस तरह के नेतृत्व को बस एक पद के रूप में देख रहे हैं? या हमें इसे एक नए युग की शुरुआत समझना चाहिए?