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मई,2025
13 मई, 2025 की सुबह कुछ अलग थी। आदमपुर एयरबेस, जो हमेशा से भारतीय वायुसेना की रणनीतिक ताकत का केंद्र रहा है, इस बार खास वजह से चर्चा में था। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक वहां पहुंचे, और वायुसेना के जवानों से बातचीत की। लेकिन ये कोई औपचारिक दौरा भर नहीं था – ये घटना ऐसे वक्त हुई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
पिछले हफ्ते ही भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए—ये 7 मई को हुआ था। पाकिस्तान ने उसके बाद जवाबी कार्रवाई की कोशिश की। मिसाइल और ड्रोन लेकर उसने आदमपुर, भटिंडा और चंडीगढ़ जैसी अहम सैन्य जगहों को निशाना बनाया। लेकिन भारतीय एकीकृत एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की कोशिश को बिल्कुल फेल कर दिया।
दरअसल, आदमपुर एयरबेस की भूमिका इन झड़पों में केंद्रीय रही। इसी एयरबेस ने मिसाइल और ड्रोन दोनों तरह के हमलों को रोकने में सबसे आगे रहकर अपनी मजबूती दिखाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने एयरफोर्स और ग्राउंड फोर्स के जवानों को धन्यवाद दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा – भारत अपनी रक्षा के लिए कभी पीछे नहीं हटेगा और जवाबी कार्रवाई करने से भी नहीं डरेगा। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “देश हमेशा अपने सैनिकों के योगदान का ऋणी रहेगा।”
पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान जवानों की बहादुरी की जमकर सराहना की और उन्हें भरोसा दिलाया कि देश सरकार और जनता, दोनों उनके साथ हैं। उन्होंने ये भी साफ किया कि पाकिस्तान के साथ 10 मई को जो सीजफायर हुआ, वो सिर्फ एक अस्थायी विराम है। भारत की नजर पाकिस्तान के हर कदम पर है, और अगर पाकिस्तान ने कोई और हरकत की, तो भारत कड़ा जवाब देने में देर नहीं करेगा।
यह दौरा केवल मनोबल बढ़ाने की औपचारिकता नहीं थी। उन्होंने जवानों से नज़दीकियों से बात की, उनके अनुभव सुने, और उनके जज्बे की तारीफ की। इस मौके पर आदमपुर एयरबेस की अहमियत भी सामने आई—यह बेस न सिर्फ पंजाब, बल्कि पूरे उत्तर भारत की हवाई सुरक्षा की पहली लाइन है।
यह संदेश बिलकुल साफ है—भारत किसी भी खतरे या आतंक की साजिश के आगे दबने नहीं वाला। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है, और जब प्रधानमंत्री खुद सैनिकों के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ाते हैं तो इससे उनके मनोबल के साथ-साथ पाकिस्तान समेत सब पड़ोसी देशों को भी संकेत मिल जाता है कि भारत तैयार है, हर मोर्चे पर।
इस तरह के दौरे से ही जवानों का दिल जीता जाता है। बस एक बात याद रखो, जब तक हमारे बच्चे बर्फ में खड़े होंगे, तब तक दुश्मन की सांस रुकेगी। धन्यवाद, पीएम मोदी।
हम सब आपके साथ हैं।
यह सब नैतिक विजय का नाटक है। वास्तविकता यह है कि हमारी सैन्य रणनीति अभी भी 1971 की तरह है। आधुनिक युद्ध ड्रोन और साइबर युद्ध का होता है, न कि पीएम के दौरों का।
ये सब नाटक है। जब तक आप नहीं जानते कि आपके बच्चे किस बात पर बोल रहे हैं, तब तक आप देश का नेता नहीं बन सकते। ये सब फोटोशूट है।
यह दौरा, बहुत सारे भावनात्मक शब्दों से भरा हुआ है। लेकिन क्या यह वास्तव में सुरक्षा की नीति बदल रहा है? या बस एक दृश्य है?
मैंने वीडियो देखा। जवानों के चेहरे पर वो आत्मविश्वास... वो बात कहती है जो कोई भाषा नहीं कह सकती।
अच्छा तो अब जब आपने आदमपुर जाकर फोटो खींच ली, तो क्या पाकिस्तान भी अपने जवानों के साथ खुद को बर्बाद कर रहा है? 😅
क्या हम अभी भी ऐसे ही रहेंगे - जब तक दुश्मन नहीं आता, तब तक चुप रहना?
कितना बड़ा बयान बनाया है बस एक जगह जाकर। कोई असली बदलाव नहीं हुआ। बस लोगों को भ्रम दिया गया।
तुम लोग इतने भावुक क्यों हो जाते हो? एक दौरा देखकर देश की शक्ति का आंकलन करना बंद करो। तुम्हारी बातें बस एक भावनात्मक भारी बोझ हैं।
भाई ये तो बहुत बढ़िया हुआ!!! 😊
जवानों को देखकर लगा जैसे हमारा भविष्य बच गया। जब तक ऐसे नेता हैं, तब तक देश बर्बाद नहीं होगा। मैंने अपने भाई को भी बताया - वो भी रो पड़ा। जवानों के लिए हमेशा शुभकामनाएँ!!!
आदमपुर के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद। ये एयरबेस वास्तव में उत्तर भारत की हवाई सुरक्षा की रीढ़ है। यहाँ के तकनीशियन और जवान ऐसे हैं जो अपनी नींद छोड़कर भी तैयार रहते हैं।
हमारे पास जो भी है, वो उनके लिए है। इसलिए जब कोई कहता है कि ये सिर्फ दौरा है, तो मैं उन्हें बताता हूँ - दौरे के बाद जो बदलाव आता है, वो दिलों में होता है।