पूर्व केंद्रीय मंत्री और ओडिशा बीजेपी के शिल्पकार देबेन्द्र प्रधान का 84 वर्ष की आयु में निधन 18 मार्च,2025

देबेन्द्र प्रधान: ओडिशा राजनीति के प्रमुख चेहरे

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता और ओडिशा राजनीति के मजबूत स्तंभ देबेन्द्र प्रधान का 17 मार्च 2025 को नई दिल्ली में 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। प्रधान, जो पेशे से एक चिकित्सा डॉक्टर थे, ने 1980 के दशक में राजनीति में कदम रखा और राज्य में बीजेपी को जमीनी स्तर पर मजबूती दी।

प्रधान ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की और कई बार ओडिशा बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। 1988 से 1993 और फिर 1995 से 1997 तक वे अध्यक्ष रहे। उन्होंने देवगढ़ लोकसभा सीट से 1998 और 1999 में चुनाव जीता। इनके शासन के दौरान वे कल्याणकारी योजनाओं के लिए लोकप्रिय रहे और जनता का दिल जीता।

पूर्व प्रधानमंन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में, देबेन्द्र प्रधान ने केंद्रीय परिवहन और कृषि मंत्री के रूप में सेवा की। उनके कार्यों ने विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में प्रभाव डाला, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी उनकी प्रशंसा का कारण बना।

देशभर से मिले श्रद्धांजलि

देशभर के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके द्वारा किए गए गरीबी उन्मूलन और जनसेवा कार्यों को याद किया।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरन मांझी और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने उनके संगठनात्मक कौशल और राज्य के विकास में उनके योगदान को सराहा। बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और राज्यपाल हरिबाबु कमभमपति ने भी प्रधान के ओडिशा की प्रगति के प्रति उनके आजीवन समर्पण की बात की।

देबेन्द्र प्रधान के पार्थिव शरीर को भुवनेश्वर लाई गया, जहां हवाई अड्डे पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके निधन से ओडिशा की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है।

टिप्पणि
Biju k
Biju k 19 मार्च 2025

देबेन्द्र प्रधान जी का अंतिम संस्कार भुवनेश्वर में हुआ... एक ऐसा नेता जिसने डॉक्टर के रूप में भी लोगों की भूख मिटाई और राजनीति में भी उनकी आत्मा बचाई। 🙏❤️

Akshay Gulhane
Akshay Gulhane 21 मार्च 2025

उनकी जिंदगी एक सबक है कि सेवा कभी राजनीति के लिए नहीं होती बल्कि राजनीति को सेवा के लिए बनाना पड़ता है

Deepanker Choubey
Deepanker Choubey 23 मार्च 2025

ये आदमी असली नेता था... न तो ट्वीट करके दिखाता था न ही फोटो खिंचवाता था... बस काम करता रहता था। ऐसे लोग अब दुर्लभ हैं 😢

Roy Brock
Roy Brock 23 मार्च 2025

मैं तो सोचता हूँ कि ये सब श्रद्धांजलि सिर्फ एक नेता के लिए नहीं... बल्कि एक ऐसे भारत के लिए है जो अब नहीं रहा। जिसमें लोग अपने कामों से पहचाने जाते थे... न कि ट्रेंड्स से। 🕊️

Prashant Kumar
Prashant Kumar 25 मार्च 2025

1998 में चुनाव जीता था? तो फिर 2004 में क्यों नहीं जीता? क्या बीजेपी का ओडिशा में असली प्रभाव तब शुरू हुआ जब उनकी चालाकी खत्म हो गई?

Prince Nuel
Prince Nuel 26 मार्च 2025

लोग बोल रहे हैं वो गरीबों के लिए थे... लेकिन क्या उन्होंने कभी अपने बच्चों को भी उसी तरह से बड़ा किया? ये सब नेता बस बाहर दिखने के लिए अच्छे होते हैं।

Sunayana Pattnaik
Sunayana Pattnaik 27 मार्च 2025

असली नेता तो वो होते हैं जो लोगों के दिलों में बसते हैं... लेकिन आज तो लोग बस एक फोटो और एक ट्वीट के लिए रोते हैं। ये सब नाटक है।

akarsh chauhan
akarsh chauhan 27 मार्च 2025

इस तरह के लोगों की याद तो बहुत अच्छी लगती है... जो बिना शोर किए काम कर जाते हैं। उनकी जिंदगी हमें याद दिलाती है कि सच्चाई कभी गायब नहीं होती।

soumendu roy
soumendu roy 27 मार्च 2025

उनके कार्यकाल में जनसेवा का वादा तो था लेकिन क्या उन्होंने कभी राज्य के शिक्षा व्यवस्था को सुधारा? या बस योजनाओं के नाम पर फंड बांट दिए?

Kiran Ali
Kiran Ali 28 मार्च 2025

बीजेपी के लिए ये सब बस एक नेता की मृत्यु है... लेकिन ओडिशा के लिए ये एक इतिहास का अंत है। अब तो बस टीवी पर नाम लेने वाले ही बचे हैं।

Kanisha Washington
Kanisha Washington 29 मार्च 2025

उनका जीवन बहुत सरल था। वे डॉक्टर थे, फिर नेता बने। लेकिन उनकी नीयत हमेशा साफ रही। इस तरह के लोगों को भूलना गलत है।

Rajat jain
Rajat jain 30 मार्च 2025

इतना सम्मान मिलना चाहिए था... लेकिन आजकल लोग बस नए नामों को देखते हैं। ये जो बातें हो रही हैं... वो सिर्फ रिटोरिक है।

Gaurav Garg
Gaurav Garg 1 अप्रैल 2025

अच्छा लगा कि नवीन पटनायक ने भी उनकी तारीफ की... मतलब असली नेता तो सभी को पहचान लेते हैं। ये देखो कि आज के लोग कितने छोटे हो गए हैं। 😅

Ruhi Rastogi
Ruhi Rastogi 1 अप्रैल 2025

बस एक नेता की मृत्यु हुई और देश रो रहा है... लेकिन जब उनके दौरान बास्केटबॉल कोर्ट बंद हो गए तो किसने बोला?

Suman Arif
Suman Arif 2 अप्रैल 2025

ये सब श्रद्धांजलि तो बस चुनाव से पहले की जाती है। अगर ये आदमी अभी जिंदा होता तो क्या उन्हें वो सब कुछ मिलता जो आज मिल रहा है?

Amanpreet Singh
Amanpreet Singh 3 अप्रैल 2025

भाई ये आदमी तो असली नेता था... बिना शोर के, बिना फोटो के, बस काम करता रहा। आज जो नेता हैं... वो तो ट्विटर पर चिल्लाते हैं। उनकी याद जिंदा रहे। ❤️🙏

Kunal Agarwal
Kunal Agarwal 4 अप्रैल 2025

ओडिशा में ऐसे लोग बहुत कम थे... जो अपनी जमीन से जुड़े रहे। देबेन्द्र प्रधान जी ने बताया कि राजनीति बस दिल्ली का खेल नहीं होता। वो ओडिशा के गाँवों में जाते थे, बात करते थे, सुनते थे। ऐसे लोगों की कमी आज बहुत है।

Abhishek Ambat
Abhishek Ambat 6 अप्रैल 2025

उनके जीवन का संदेश है कि असली नेता कभी अपने नाम के लिए नहीं बल्कि अपने लोगों के लिए जीता है... और ऐसा करके अपना नाम अमर कर दिया। 🌿

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