जब भी डोनाल्ड ट्रम्प कोई बात कहते हैं, तो तुरंत खबरों में धूम मच जाती है। चाहे वह विदेश नीति हो या आर्थिक नीतियों की चर्चा, उनके शब्द अक्सर बाजार को हिलाते‑डुलाते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि "डोनाल्ड ट्रम्प हमला" शब्द आज के समय में कैसे इस्तेमाल होता है और इसका असर क्या होता है।
सेंसेक्स ने 74,000 का स्तर पार किया, पर फिर भी अचानक गिरावट देखी क्योंकि ट्रम्प की एक टिप्पणी ने निवेशकों को सतर्क कर दिया। उनके बयान से अमेरिकी नीतियों में बदलाव या नई प्रतिबंधों की संभावना बनती है, और विदेशी पूँजी तुरंत अपनी पोज़िशन बदल देती है। इसी वजह से भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ जाती है।
ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ ट्रम्प के ‘हिम्प’ ने डॉलर को मजबूत किया या तेल की कीमतों पर असर डाला। जब वह ट्रेड वॉर या टैक्स नीति की बात करते, तो कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में बदलाव की भविष्यवाणी करनी पड़ती है। इसलिए ट्रेडिंग फर्में और छोटे निवेशक अक्सर उनके ट्वीट्स का लाइव ट्रैक रखते हैं।
ट्रम्प के हमले सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक भी होते हैं। उनकी आलोचना या समर्थन से कई देशों की विदेश नीति बदल सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारत‑पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ने पर ट्रम्प ने सार्वजनिक बयान दिया और फिर दो देशों के बीच कूटनीति का माहौल बदल गया।
भारत में भी उनके बयान अक्सर चुनावी चर्चाओं को प्रभावित करते हैं। जब वह किसी भारतीय नीति या नेता की आलोचना करते, तो राष्ट्रीय मीडिया तुरंत उस मुद्दे को बड़े मंच पर ले जाता है। इससे जनता की राय बनती‑बनती रहती है और चुनावी रणनीति बदल जाती है।
तो फिर क्यों इतना ध्यान दिया जाता है? कारण आसान है—ट्रम्प का शब्दावली तेज़, स्पष्ट और अक्सर विवादास्पद होती है। इस वजह से सोशल मीडिया पर चर्चा तेजी से फैलती है और लोग खुद को जानकारी‑भूख वाले समझते हैं।
अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं या राजनीति में रुचि रखते हैं, तो ट्रम्प के हर बयान को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। उनका "हमला" कभी भी आपके पोर्टफोलियो या मत की दिशा बदल सकता है। इसलिए दैनिक समाचार पढ़ें, उनके ट्वीट्स पर नज़र रखें और जरूरी समझें तो विशेषज्ञ सलाह लें।
संक्षेप में, डोनाल्ड ट्रम्प का हर शब्द एक लहर बन कर दो दुनियाओं—बाजार और राजनीति—में फैलता है। इस लहर को समझना और सही समय पर प्रतिक्रिया देना ही आज के पाठक की सबसे बड़ी ताकत होगी।
पेंसिल्वेनिया में ट्रम्प की चुनावी रैली में हुए गोलीकांड को लेकर संभावित साथी जे.डी. वांस ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की चुनावी बयानबाजी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने बाइडेन के चुनाव प्रचार में ट्रम्प को 'तानाशाही फासीवादी' बताकर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया। इस घटना में ट्रम्प को मामूली चोटें आईं।
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