आप अक्सर ‘FII’ शब्द सुनते हैं, पर असल में इसका मतलब क्या है और यह आपके निवेश को कैसे असर डालता है? सरल शब्दों में कहें तो FII (Foreign Institutional Investors) वो बड़े विदेशी फंड होते हैं जो भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। उनका खरीद‑बेच का कदम अक्सर बाज़ार की दिशा तय कर देता है, इसलिए इस डेटा पर नज़र रखना ज़रूरी है।
हर दिन NSE और BSE अपने वेबसाइट पर विदेशी संस्थानों के खरीद‑बेच का आंकड़ा प्रकाशित करते हैं। इसमें कुल ख़रीदे गए शेयरों की मात्रा, बेचने वाले फंडों की संख्या और नेट फ्लो (कुल खरीदा‑बिक्री अंतर) दिखता है। यदि नेट फ़्लो सकारात्मक है तो इसका मतलब विदेशी पैसे बाजार में आ रहे हैं, जो आमतौर पर इंडेक्स को ऊपर ले जाता है। उल्टा, जब नेट फ़्लो नकारात्मक होता है, तो निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि पैसा बाहर निकल रहा हो सकता है।
सबसे पहले दैनिक FII रिपोर्ट को देखिए – इसमें ‘इन्फ्लो’ या ‘आउटफ़्लो’ लिखा होगा। अगर आज 5,000 करोड़ रुपये का इन्फ्लो है, तो बड़े फंड ने भारतीय शेयरों में भरोसा दिखाया है और कई बार छोटे निवेशकों के मन में भी विश्वास बढ़ जाता है। दूसरे कदम में आप सेक्टर‑वार डेटा देख सकते हैं; उदाहरण के लिए टेक या बैंकरिंग सेक्टर में विदेशी फंड का रुचि बढ़ना उस सेक्टर की स्टॉक्स को सपोर्ट कर सकता है।
एक और आसान तरीका है महीने‑के‑अंत में कुल नेट फ़्लो को जोड़ कर ट्रेंड समझना। लगातार सकारात्मक रुझान दर्शाता है कि बाजार में लंबी अवधि के लिए पूंजी उपलब्ध होगी, जबकि बार-बार नकारात्मक आँकड़े संकेत देते हैं कि जोखिम बढ़ रहा है। इस जानकारी को आप अपने पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग या नई स्टॉक्स चुनने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
ध्यान रहे – FII डेटा अकेला नहीं, बल्कि अन्य आर्थिक संकेतकों जैसे RBI के रिज़र्व, महँगी दरें और कंपनी की कमाई के साथ मिलकर देखना चाहिए। कभी‑कभी विदेशी फंड अचानक बड़े नुकसान को कवर करने के लिए शेयर बेच सकते हैं, जिससे बाजार में हलचल मच जाती है। इसलिए सिर्फ एक दिन के डेटा पर फैसला न लें; लंबी अवधि का दृश्य देखें।
अगर आप FII डेटा को रोज़ाना ट्रैक करना चाहते हैं तो NSE/ BSE की ‘Foreign Institutional Investors’ सेक्शन खोलें, या विश्वसनीय वित्तीय पोर्टल्स से अलर्ट सेट करें। इससे आपको तुरंत पता चल जाएगा कि बाजार में पूंजी का प्रवाह कैसा है और आप त्वरित निर्णय ले सकते हैं।
संक्षेप में, FII डेटा को समझना आपके निवेश को सुरक्षित रखने या बढ़ाने की कुंजी हो सकता है। इसे नियमित रूप से देखिए, सेक्टर‑विशेष डेटा पर ध्यान दें, और अन्य आर्थिक संकेतकों के साथ मिलाकर रणनीति बनाइए – यही आपका स्मार्ट कदम होगा।
GIFT निफ्टी ने मंगलवार को भारतीय इक्विटी सूचकांकों BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी 50 के लिए कमजोर प्रदर्शन का संकेत दिया, जो 6.50 अंकों या 0.04% की गिरावट के साथ 23,025.50 पर कारोबार कर रहा था। विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी में 23,100 के करीब प्रतिरोध है और आगे समेकन की उम्मीद है। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने शेयरों में खरीदारी की जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शेयर बेचे।
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