जैवेलिन थ्रो एथेलेटिक्स का एक ऐसा इवेंट है जिसमें खिलाड़ी लम्बी जावेलिन को जितनी दूर संभव हो फेंकता है। इसे देख कर अक्सर लोग पूछते हैं कि कैसे इतना दूरी तय होती है? चलिए, सरल शब्दों में समझते हैं इस खेल की बुनियाद.
खिलाड़ी को 30 मीटर तक का रन‑अप मिलता है। जावेलिन को पकड़ते समय हाथ नीचे की ओर होना चाहिए, फिर आगे की ओर धक्का देते हुए रिलीज़ किया जाता है। फेंके जाने वाले कोण को लगभग 33 डिग्री रखना बेहतर दूरी देता है। जमीन पर कोई कदम नहीं लगना चाहिए, वरना फॉल्ट हो सकता है.
जावेलिन का वजन और लंबाई तय मानक होते हैं – पुरुषों के लिए 800‑gram और 2.6 मीटर तक, महिलायें 600‑gram और 2.2 मीटर। इन मानकों को सही तरह से समझना और अभ्यास में लागू करना जरूरी है.
भारतीय जावेलिन थ्रो ने 2018 में नीरज चोपड़ा की स्वर्ण जीत के बाद सबको चौंका दिया। उसके बाद से देश में इस इवेंट को नई पहचान मिली है। कई युवा खिलाड़ी अब राष्ट्रीय स्तर पर चमक रहे हैं, जैसे कि अमित सिंग और कवीर जैन.
हाल ही में एशिया गेम्स में भारतीय टीम ने दो पदक जीते – नीरज का सिल्वर और महिला रेसल्ट में मीरा पांडे की ब्रॉन्ज़। ये परिणाम दर्शाते हैं कि ट्रेनिंग सिस्टम अब बेहतर हो रहा है और युवा टैलेंट को सही मार्ग मिल रहा है.
अगर आप अपना खुद का जावेलिन थ्रो करियर शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय एथलेटिक्स क्लब से जुड़ें। वहाँ आपको बुनियादी तकनीक, फिटनेस प्रोग्राम और जरूरी उपकरण मिलेंगे. नियमित शक्ति प्रशिक्षण, कोर स्ट्रेन्थ और लचीलेपन पर ध्यान दें.
जावेलिन की देखभाल भी अहम है – फेकने के बाद इसे ठीक से साफ करें और किसी भी दाँते या धूल को हटाएँ। सही ग्रिप बनाने के लिए रबर टेप का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन प्रतियोगिता में वही मानक जावेलिन इस्तेमाल करना पड़ेगा.
खबरों की बात करें तो इस साल राष्ट्रीय स्तर पर कई ट्रायल इवेंट आयोजित किए गए हैं। इनमें से सबसे बड़े इवेंट में नीरज चोपड़ा ने नई पर्सनल बेस्ट स्थापित कर ली, जिससे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिली है. आप इन अपडेट्स को हमारे टैग ‘जैवेलिन थ्रो’ के तहत आसानी से पढ़ सकते हैं.
अंत में, अगर आप जावेलिन थ्रो की किसी भी प्रतियोगिता या ट्रेनिंग सत्र का लाइव स्ट्रीम देखना चाहते हैं, तो प्रमुख स्पोर्ट्स चैनल और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर अक्सर यह कवर किया जाता है. बस ‘जैवेलिन थ्रो’ टाइप करें और ताज़ा परिणामों तक पहुंचें.
नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों के जैवेलिन थ्रो के फाइनल में प्रवेश किया है। उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में अपने पहले प्रयास में 89.34 मीटर का शानदार थ्रो किया। इस प्रदर्शन ने उनकी फिटनेस को लेकर सभी चिंताओं को भी दूर कर दिया। उनकी यह कोशिश उनके करियर की दूसरी सबसे अच्छी थी।
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