जूलियन नागेल्समैन – बायर्न म्युनिख के नए दिल की धड़कन

अगर आप फुटबॉल का शौक रखते हैं तो जूलियन नागेल्समैन का नाम आपने जरूर सुना होगा। 31 साल की उम्र में ही उन्होंने यूरोप के बड़े क्लबों को अपनी नई सोच से चौंका दिया है। अब बायर्न म्युनिख ने उन्हें हेडकोच बना लिया, और प्रशंसकों में उम्मीद की लहर दौड़ गई। चलिए जानते हैं इस युवा कोच की कहानी, उनके काम करने का तरीका और बायर्न में क्या बदलाव आ सकते हैं।

कोचिंग सफर की प्रमुख बातें

नागेल्समैन ने अपना प्रबंधन करियर 2016 में रूबिन रॉड्रिग्ज़ के साथ शुरू किया, लेकिन असली ब्रेक‑थ्रू तब आया जब वह 2019 में बायर्न लीडिंग एसी की बेंच संभाले। वहाँ उन्होंने टैक्टिकल फ्लेवर और प्रेशर फुर्ती को मिलाकर टीम को नया जीवन दिया। उनका सबसे बड़ा फ़ॉर्मूला ‘हाई प्रेस’ है, जहाँ खिलाड़ी पहले ही आधे मैदान में दबाव डालते हैं। यह शैली न केवल गेंद छीनती है बल्कि विरोधी की गलतियाँ भी पैदा करती है।

बायर्न लीडिंग एसी से सफलतम सत्र के बाद उन्होंने 2021 में बायरन मोनोको को संभाला, जहाँ वे दो साल में क्लब को चैंपियनशिप तक पहुंचाने में मददगार रहे। इस दौरान उनकी ‘गॉरजियस इंटेंसिटी’ वाली ट्रेनिंग रूटीन ने युवा खिलाड़ियों को तेज और फिट बना दिया। यही वजह है कि कई बड़े यूरोपीय क्लबों ने उनके नाम पर नज़र रखी – आज बायर्न म्युनिख ही नहीं, पेरिस सेंट जर्मेन भी उन्हें देख रहा था।

बायर्न म्युनिख में नई रणनीतियाँ

बायर्न के नए कोच बनने पर नागेल्समैन ने तुरंत कुछ बदलाव लागू किए। सबसे पहले उन्होंने टीम की डिफ़ेंस लाइन को दो‑प्लानर फॉर्मेशन में बदला, जिससे बॉल रिट्रीवल आसान हो गया और तेज काउंटर‑अटैक संभव हुआ। दूसरे, उन्होंने मिडफ़ील्ड में ‘जिग्ज़ी पैसिंग’ के बजाय सीधे पासेज़ का प्रयोग बढ़ाया ताकि गेंद जल्दी आगे जा सके।

इन बदलावों से पहले ही कुछ मैचों में बायर्न ने तेज़ अटैक दिखाया है – गोलकीपर की पासिंग से लेकर फॉरवर्ड तक 15 सेकंड में पहुँचते हुए शॉट लिया गया। प्रशंसकों का कहना है कि यह शैली देखते‑ही-मनोरंजक है और टीम को नई ऊर्जा मिली है।

नागेल्समैन का एक और खास पहलू उनका खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत बातचीत करना है। प्रशिक्षण के बाद वह अक्सर सिंगल‑सेशन में युवा खिलाड़ीयों की तकनीकी समस्याओं पर फीडबैक देते हैं। इस तरह से हर खिलाड़ी को खुद को सुधारने का मौका मिलता है, जिससे टीम का समग्र प्रदर्शन बेहतर होता है।

भविष्य की बात करें तो नागेल्समैन ने कहा है कि वह बायर्न को यूरोपीय टॉप‑फोर में लाना चाहते हैं, लेकिन साथ ही युवा अकादमी से आने वाले प्रतिभाओं को भी प्रमुख भूमिका देना चाहते हैं। अगर यह योजना काम करती रही तो बायर्न म्युनिख न सिर्फ़ डॉमेस्टिक लीग में बल्कि चैंपियंस लीग में भी नई पहचान बना सकता है।

तो आप क्या सोचते हैं? जूलियन नागेल्समैन की ये ऊर्जा और ताज़ा विचार बायर्न को फिर से शीर्ष पर ले जा सकते हैं या नहीं। चाहे जो भी हो, एक बात साफ़ है – अब फुटबॉल के इस दौर में युवा कोचों का असर पहले से कहीं अधिक दिखाई देगा।

जर्मनी ने डेनमार्क के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में बनाई जगह, सेन बनाए रहेंगेम दल के लिए मुश्किलें 30 जून 2024
Avinash Kumar 0 टिप्पणि

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