यूरो 2024 के राउंड-ऑफ-16 मुकाबले में जर्मनी ने डेनमार्क को 2-0 से हराकर क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई। यह मुकाबला बिजली गड़गड़ाहट की वजह से 22 मिनट के लिए रुका हुआ था, जिससे खिलाड़ियों और दर्शकों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस जीत के बावजूद, जर्मनी के मुख्य कोच जूलियन नागेल्समैन की टीम का प्रदर्शन उतना प्रभावशाली नहीं था जितनी उम्मीद की जा रही थी।
इस मैच में नागेल्समैन ने कुछ आश्यर्चजनक निर्णय लिए। उन्होंने फ्लोरियन विर्ट्ज़ को ड्रॉप करके लेरॉय सांने को शामिल किया। साथ ही, निक्लस फुल्क्रुग को शुरुआती टीम में ना लेने के फैसले को लेकर भी काफी चर्चा हुई। कोच ने अपने इन निर्णयों का तात्पर्य बताया कि टीम की गति और गहराई बढ़ाने की आवश्यकता थी, लेकिन इसके बावजूद टीम का प्रदर्शन उत्तम नहीं था।
मैच के पहले हाफ में जब खेल रुका, तो ट्वेम की बनाने में कठिनाई हो रही थी। फिर से शुरू होने के बाद, जर्मनी ने अपने रक्षा को मजबूत किया और आक्रमण में गति लाई। काई हैवर्ट्ज ने एक पेनल्टी और जमाल मुसियाला ने सोलो गोल करके टीम को जीत दिलाई। हालाँकि, टीम का सामूहिक प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था।
इस जीत के बाद नागेल्समैन ने स्वीकार किया कि टीम के समक्ष अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को अपने 100% देना होगा और इसमें धैर्य बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अगले मुकाबले में जर्मनी का सामना स्पेन या जॉर्जिया से होगा, जिसमें स्पेन के खिलाफ़ जीत नागेल्समैन और उनकी टीम के लिए एक कठिन परीक्षा होगी।
आने वाले मैचों में यह देखना दिलचस्प होगा कि नागेल्समैन किस प्रकार अपनी टीम की खामियों को दूर करके उन्हें एक बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार करते हैं। टीम में विर्ट्ज की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जो अभी बाहर बैठे हैं।
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