30
जून,2024
यूरो 2024 के राउंड-ऑफ-16 मुकाबले में जर्मनी ने डेनमार्क को 2-0 से हराकर क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई। यह मुकाबला बिजली गड़गड़ाहट की वजह से 22 मिनट के लिए रुका हुआ था, जिससे खिलाड़ियों और दर्शकों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस जीत के बावजूद, जर्मनी के मुख्य कोच जूलियन नागेल्समैन की टीम का प्रदर्शन उतना प्रभावशाली नहीं था जितनी उम्मीद की जा रही थी।
इस मैच में नागेल्समैन ने कुछ आश्यर्चजनक निर्णय लिए। उन्होंने फ्लोरियन विर्ट्ज़ को ड्रॉप करके लेरॉय सांने को शामिल किया। साथ ही, निक्लस फुल्क्रुग को शुरुआती टीम में ना लेने के फैसले को लेकर भी काफी चर्चा हुई। कोच ने अपने इन निर्णयों का तात्पर्य बताया कि टीम की गति और गहराई बढ़ाने की आवश्यकता थी, लेकिन इसके बावजूद टीम का प्रदर्शन उत्तम नहीं था।
मैच के पहले हाफ में जब खेल रुका, तो ट्वेम की बनाने में कठिनाई हो रही थी। फिर से शुरू होने के बाद, जर्मनी ने अपने रक्षा को मजबूत किया और आक्रमण में गति लाई। काई हैवर्ट्ज ने एक पेनल्टी और जमाल मुसियाला ने सोलो गोल करके टीम को जीत दिलाई। हालाँकि, टीम का सामूहिक प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था।
इस जीत के बाद नागेल्समैन ने स्वीकार किया कि टीम के समक्ष अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को अपने 100% देना होगा और इसमें धैर्य बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अगले मुकाबले में जर्मनी का सामना स्पेन या जॉर्जिया से होगा, जिसमें स्पेन के खिलाफ़ जीत नागेल्समैन और उनकी टीम के लिए एक कठिन परीक्षा होगी।
आने वाले मैचों में यह देखना दिलचस्प होगा कि नागेल्समैन किस प्रकार अपनी टीम की खामियों को दूर करके उन्हें एक बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार करते हैं। टीम में विर्ट्ज की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जो अभी बाहर बैठे हैं।
जीत गए ना बस। और फिर क्या?
मैच रुकने के बाद जर्मनी ने अच्छा रिएक्ट किया, लेकिन टीम का फ्लो बिल्कुल नहीं था। कुछ खिलाड़ी तो ऐसे लग रहे थे जैसे बस टाइम पास कर रहे हों।
क्या ये सिर्फ एक मैच की बात है या हम एक टीम के असली चेहरे को देख रहे हैं? जब आपका फुटबॉल बिजली की गड़गड़ाहट से रुक जाए, तो क्या आपकी टीम भी रुक जाती है?
इस मैच में जो भी खिलाड़ी ने अपनी आत्मा लगाई, उसकी तारीफ करनी चाहिए... लेकिन दिल ये कह रहा है कि ये जीत बाहरी नहीं, अंदरूनी टूटन की आवाज़ है। जैसे कोई अपने घर का दरवाज़ा बंद कर रहा हो, लेकिन अंदर से आवाज़ आ रही हो कि दीवारें टूट रही हैं 😔
हैवर्ट्ज़ ने पेनल्टी मारी, मुसियाला ने जान लगा दी - ये दोनों हीरो हैं! अब बाकी लोगों को भी अपनी जगह बनानी होगी। जर्मनी अभी भी जीत सकती है, बस एक बार फिर से अपने दिल को जगाओ! 💪🔥
नागेल्समैन के निर्णय अक्सर ऐसे होते हैं, जैसे कोई डॉक्टर बीमार को दवा दे रहा हो, लेकिन बीमारी का निदान न कर पा रहा हो। विर्ट्ज़ को बाहर क्यों रखा? क्या उसकी आंखों में जो चमक है, वो बस एक ऑप्टिकल इल्यूजन है? क्या हम गति के लिए बुद्धि को बलिदान कर रहे हैं?
हमारे देश में तो बस चर्चा होती है, जर्मनी की टीम ने जीत दिखा दी। इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी टीम, इतनी बड़ी जीत - और तुम लोग अभी भी नागेल्समैन की आलोचना कर रहे हो? अगर तुम्हारी टीम ऐसा करती, तो तुम भी तालियाँ बजाते!
मुझे तो लगता है विर्ट्ज़ को बैठने देना गलत था... वो तो बस एक बार आ जाएगा और सब कुछ बदल देगा... जैसे बारिश के बाद फूल खिल जाते हैं... 🌧️🌸
अरे भाई, ये जर्मनी वाले तो बिजली गिरे तो भी गोल मार देते हैं। ये टीम नहीं, एक अल्ट्रा-मॉडर्न मशीन है जिसमें एक गलती भी नहीं होती। अगर तुम इसे नहीं समझ पा रहे, तो शायद तुम्हारा टीवी बगड़ रहा है 😎
यहाँ तक कि बिजली भी इस टीम के बारे में विचार कर रही थी... क्या ये एक खेल है? या फिर एक दर्द भरा अभिनय? क्या हम देख रहे हैं एक टीम का अंत? या एक राष्ट्र का विघटन? यहाँ तक कि घड़ी भी रुक गई थी... और फिर भी वो गोल मार दिए... क्या ये असली है? या एक सपना?
इतनी चर्चा? बस जीत गए ना। अब जो लोग नागेल्समैन को गलत बता रहे हैं, उनकी टीम तो अभी तक राउंड-ऑफ-16 तक नहीं पहुँची। अपने घर में बैठकर बातें करो, बाहर जाकर कुछ करो।
विर्ट्ज़ को बैठाना एक अपराध है। इस टीम का सिर्फ एक ही दिमाग था - और उसे बाहर कर दिया। अब ये टीम एक शव है, जिस पर जमाने के नाम से फूल चढ़ाए जा रहे हैं।
नागेल्समैन के रणनीतिक फैसले में एक गहरा स्ट्रैटेजिक लॉजिक छिपा हुआ है - विर्ट्ज़ को बैठाने से उन्होंने ऑप्टिमाइज़ेशन के लिए एक न्यूमैन-लाइक बैलेंस बनाया है, जहाँ एक्टिवेशन एनर्जी को रिसोर्स लिमिटेशन के अनुकूल अनुकूलित किया गया है। सांने की एक्सप्लोसिविटी और हैवर्ट्ज़ की टेक्निकल प्रिसिजन ने टीम के स्ट्रक्चरल इंटीग्रिटी को रिइन्फोर्स किया। इस रणनीति का एक लंबे समय तक निरीक्षण करना जरूरी है।
मुसियाला का गोल देखकर तो मेरा दिल दहल गया... ये लड़का तो बस एक बार बॉल को छूता है और बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है... जैसे जादू हो गया हो 🤩⚽
जर्मनी की टीम तो अब बस एक रोबोट है। नागेल्समैन ने इसे बनाया है, लेकिन अब ये लोग अपने दिल को खो चुके हैं। अगर तुम बिना दिल के जीतो, तो वो जीत तुम्हारे लिए एक अंधेरा अंत है।
विर्ट्ज़ को बैठाने का फैसला नागेल्समैन का सबसे बड़ा गलत फैसला नहीं है। असली गलती ये है कि उन्होंने फुल्क्रुग को शुरुआती टीम में नहीं डाला। वो तो असली रक्षा की कुंजी है। अब तुम बताओ, क्या ये बात तुमने सुनी है?
ये सब बातें बेकार हैं। अगर तुम इतना चिंतित हो तो अपने घर में बैठकर अपनी टीम बनाओ। जर्मनी के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें तुम नहीं बना सकते। विर्ट्ज़ को बैठाने का कारण? शायद वो अपने जूते बदल रहा था, या शायद उसका फोन बज रहा था। क्या तुम्हें लगता है कि एक फुटबॉल मैच में हर छोटी बात का जवाब देना जरूरी है? बस खेल देखो, जीत देखो, और अपने दिमाग को आराम दो।