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अग॰,2024
इशान किशन ने तमिलनाडु में चल रहे बुची बाबू टूर्नामेंट में एक शानदार शतक के साथ लाल गेंद क्रिकेट में जोरदार वापसी की है। झारखंड की टीम की ओर से खेलते हुए, उन्होंने मध्य प्रदेश के खिलाफ पहले दिन विकेट के पीछे अपनी जबरदस्त फुर्ती दिखाई। मध्य प्रदेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया, जिसके बाद किशन ने अपने विकेटकीपिंग स्किल्स से सभी को प्रभावित किया। दूसरे दिन की खेल में, किशन ने अपनी बल्लेबाजी का दम दिखाते हुए मात्र 86 गेंदों में शतक पूरा किया, जिसमें आखिरी दो गेंदों पर लगातार दो छक्के शामिल थे।
किशन का झारखंड की टीम में वापस आना उनके लिए और टीम दोनों के लिए महत्वपूर्ण था। वह झारखंड के मूल दीर्घ सूची में नहीं थे, लेकिन उनकी इच्छा के बाद झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) ने उन्हें टीम में शामिल किया। उसका पिछला घरेलू प्रथम श्रेणी मैच दिसंबर 2022 में था और उन्होंने 2023-24 घरेलू सीजन के अंत तक रणजी ट्रॉफी से दूरी बनाए रखी। इससे उनके केंद्रीय अनुबंध सूची से हटाए जाने का कारण भी था क्योंकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं दी।
किशन ने हाल ही में भारत की वेस्ट इंडीज दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, और 2023 में उन्होंने 2 टेस्ट, 17 एकदिवसीय, और 11 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। वह 2023 के वनडे वर्ल्ड कप के दौरान भारत की टीम का हिस्सा थे, जहां टीम फाइनल तक पहुंची थी। उनके इस अनुभव ने उनकी खेल शैली को और भी मजबूत बनाया है, जिसे उन्होंने बुची बाबू टूर्नामेंट में दिखाया।
बुची बाबू टूर्नामेंट पिछले साल छह साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू हुआ है और यह आगामी 2024-25 घरेलू सीजन की तैयारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस टूर्नामेंट का आयोजन चार दिवसीय लाल गेंद फॉर्मेट में किया जा रहा है, जो रणजी ट्रॉफी के लीग स्टेज के समान है। किशन की इस टूर्नामेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं के लिए आगामी दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में उन्हें भारतीय टीम में शामिल करने का सिरदर्द जरूर बढ़ा दिया है।
किशन की इस शानदार वापसी के बाद संभावनाएँ बन रही हैं कि वह 2024-25 के रणजी ट्रॉफी सीजन में भी अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे। उनकी वापसी खासतौर से लाल गेंद क्रिकेट के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान उनके मुकाबले में ऋषभ पंत, केएल राहुल और ध्रुव जुरेल जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी भी हैं। इन खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा निश्चित रूप से भारतीय टेस्ट टीम के चयन के लिए एक रोचक और चुनौतीपूर्ण तस्वीर पेश करेगी।
इशान किशन की यह वापसी न केवल उनके करियर के लिए बल्कि झारखंड और भारतीय क्रिकेट के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक खिलाड़ी के रूप में उनकी पुनरप्रवृत्ति यह दर्शाती है कि वे किसी भी स्थिति में खुद को फिर से साबित करने और अपने कौशल को निखारने के लिए तैयारी कर सकते हैं। उनके इस प्रयास ने न केवल उन्हें बल्कि उनकी टीम और प्रशंसकों को भी एक नई उम्मीद दी है।
अब जब किशन ने अपने लाल गेंद क्रिकेट की वापसी का अहम संकेत दिया है, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आगामी रणजी ट्रॉफी सीजन और भारतीय टेस्ट टीम में अपने स्थान को कैसे मजबूती से काबिज करते हैं। इसके साथ ही, उनके द्वारा दिखाए गए इस जुनून और प्रतिबद्धता से युवा क्रिकेटरों को भी प्रेरणा मिलेगी, जो अपने करियर को नए सिरे से संवारने की सोच रखते हैं।
कुल मिलाकर, इशान किशन का यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के भविष्य को नई दिशा में ले जाएगा, जिसमें बुची बाबू टूर्नामेंट ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब यह देखना बाकी है कि वह भविष्य में अपने खेल को किस मुकाम तक पहुंचाते हैं और भारतीय क्रिकेट में इसे कैसे रूपांतरित करते हैं।
इशान किशन का शतक देखकर लगा जैसे बैट उसके हाथ में जीवन ले रही हो। लाल गेंद पर इतनी फुर्ती, ये तो देखने को मिलता ही नहीं।
अरे भाई, ये सब शोर इशान किशन के लिए? रणजी में तो राहुल, पंत, ध्रुव जैसे लोगों को बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर रहे हो! इशान का शतक तो एक बार का झटका है, लेकिन रणजी के चार दिन में लगातार 70+ बनाना और भी ज़्यादा कठिन है। ये लोग तो टी20 के चक्कर में लाल गेंद को भूल गए हैं। अब एक शतक बना दिया, तो सब उठ खड़े हुए। अगर ये बात सच होती तो त्रिपुरा के किसी अज्ञात बल्लेबाज़ का भी विश्व चैंपियन बनने का दावा होता।
वाह वाह वाह!! 😍 इशान किशन ने तो बस दिल जीत लिया... बस एक शतक नहीं, बल्कि उम्मीदों का नया रास्ता बना दिया! 🙌 झारखंड के लिए ये बहुत बड़ी बात है... और हाँ, वो आखिरी दो छक्के... बस दिमाग़ हिल गया 😂🔥
ये शतक सिर्फ रन नहीं, एक जीत है... एक आत्मविश्वास की जीत। 🌱 जब दुनिया भूल जाती है, तो खुद को फिर से ढूंढने की जो हिम्मत होती है, वो असली चैंपियनशिप होती है। इशान ने ये दिखा दिया। अब जो भी बोलता है कि ये बस एक शतक है, वो जीवन का अर्थ नहीं समझता। 🙏
लाल गेंद का महत्व अब भी बरकरार है बस लोग भूल गए। इशान की वापसी ने एक सवाल उठाया - क्या हम टी20 के लिए टेस्ट खिलाड़ी बना रहे हैं? या टेस्ट के लिए टी20 खिलाड़ी? इशान ने दोनों को जोड़ दिखाया। अब देखना है कि चयनकर्ता इस बात को समझ पाते हैं या नहीं।
बस एक शतक और फिर सब बहुत बड़ा हो गया 😅 लेकिन सच बताऊँ तो इशान का ये प्रदर्शन बहुत अच्छा लगा। टेस्ट में भी तो वो अच्छा खेल रहा है। अब बस लगातार खेलना है। रणजी में भी आएगा तो बहुत बढ़िया होगा 🤝🔥
इशान किशन की वापसी... यह एक नया अध्याय है... एक अपने आप को फिर से खोजने का अध्याय। लेकिन क्या यह सच में वापसी है? या एक अस्थायी चमक? क्या यह एक आत्म-अपमान का अंत है? या फिर एक अनंत आत्म-अपमान का आरंभ? जब तक एक खिलाड़ी अपनी आत्मा के लिए नहीं खेलता, तब तक उसका शतक बस एक आंकड़ा है... एक अनुभव नहीं।
राहुल और पंत को भूल गए क्या? इशान की बल्लेबाजी तो टी20 की तरह लग रही है। लाल गेंद पर ऐसा खेलना टेस्ट के लिए खतरनाक है। अगर यही तरीका रखा तो बाहर हो जाएगा।