भारतीय क्रिकेट के तेज़ तर्रार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच की दूसरी पारी में शतक जड़ते हुए पंत ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले विकेटकीपर बन चुके हैं।
इस उपलब्धि की खास बात यह है कि इस शतक के जरिए पंत ने न सिर्फ मोहम्मद रिजवान और लिटन दास के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा, बल्कि अपनी शक्ति, धैर्य और कड़ी मेहनत का भी प्रमाण दिया है। दिसंबर 2022 में एक गंभीर कार हादसे के बाद पंत का वापसी करना किसी प्रेरणादायी कहानी से कम नहीं। उस हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं और क्रिकेट के मैदान पर उनकी वापसी असंभव सी लगने लगी थी।
इस मैच में पंत ने न सिर्फ शतक लगाया बल्कि शुबमन गिल के साथ 167 रनों की बेहतरीन साझेदारी का हिस्सा भी बने। गिल ने भी एक अहम भूमिका निभाई और नाबाद 119 रनों की पारी खेली। दोनों खिलाड़ियों ने मिल कर भारतीय टीम की स्थिति को मजबूत किया। गिल और पंत की इस साझेदारी ने बांग्लादेशी गेंदबाजों को पूरी तरह से असहाय बना दिया था।
ऋषभ पंत के इस शतक ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ वर्तमान में भारतीय क्रिकेट के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक हैं, बल्कि आने वाले समय में भी क्रिकेट की दुनिया में उनका अहम योगदान रहेगा। पंत के इस प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों और विशेषज्ञों की नज़र अब उनके आगामी मुकाबलों पर है, जहां उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीदें हैं।
ऋषभ पंत की इस उपलब्धि ने यह भी दिखा दिया कि चुनौतियों का सामना करते हुए कैसे व्यक्ति अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकता है। चाहे वह कार हादसा हो या मैदान पर प्रदर्शन का दबाव, पंत ने हर मुश्किल का सामना करते हुए खुद को साबित किया है। यह इस बात का भी प्रमाण है कि अगर किसी खिलाड़ी में प्रतिभा और मेहनत का संगम हो, तो वह कभी हार नहीं मानता।
पंत का यह शतक, लंबे समय तक क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसा रहेगा। उनकी इस कामयाबी ने न सिर्फ भारतीय क्रिकेट की जबरदस्त क्षमता का प्रमाण दिया है, बल्कि अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है।
भारतीय क्रिकेट के धनुष पर एक नया तीर चढ़ा है और उसका नाम है ऋषभ पंत। उनकी इस उपलब्धि का जश्न सिर्फ भारतीय टीम ही नहीं, बल्कि समस्त क्रिकेट प्रेमियों ने मनाया है। पंत की इस कहानी ने यह सिद्ध कर दिया है कि कड़ी मेहनत और संकल्प के माध्यम से कोई भी मुश्किल चुनौती को पार किया जा सकता है। इस शानदार प्रदर्शन के लिए ऋषभ पंत को सलाम!
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