3
जून,2024
भारतीय शेयर बाजारों ने सोमवार, 3 जून, 2024 को एग्जिट पोल्स के नतीजों के बाद नई ऊँचाइयाँ छू लीं। एग्जिट पोल्स से संकेत मिला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) तीसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल करेगी। इस खबर के सामने आते ही बाजार में तेजी देखने को मिली, जिसकी वजह से प्रमुख सूचकांक रिकॉर्ड ऊँचाइयों पर पहुंच गए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स सुबह के कारोबार में 2,621.98 अंकों की बढ़त के साथ 76,583.29 पर खुला, जो पिछले बंद से 3.55% की वृद्धि दर्शाता है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 भी 807.20 अंकों की छलांग के साथ 23,337.90 पर खुला, जो 3.58% की बढ़त है। विस्तृत बाजारों में भी महत्वपूर्ण लाभ देखा गया, जिसमें निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में करीब 3% का उछाल आया।
सेंसेक्स के सभी 30 घटक हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। पावरग्रीड, एनटीपीसी, एलएंडटी, एमएंडएम, और एसबीआई जैसे शेयरों में 5-8% की तेजी देखने को मिली। सेक्टोरल आधार पर, निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी ऑयल एंड गैस, और निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने बाजार में होड़ मचा दी और मुख्य भूमिका निभाई। साथ ही, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस हफ्ते सूचकांक नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं, मजबूत मूलभूत और तकनीकी कारकों के चलते।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि रैली बड़े कैप स्टॉक्स द्वारा संचालित होगी, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, और एचडीएफसी बैंक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। आईटी स्टॉक्स जैसे टीसीएस और एचसीएल टेक में दबाव के बावजूद अवसर देखने को मिल सकते हैं।
हाल ही में घोषित 8.2% जीडीपी वृद्धि दर और एसएंडपी द्वारा भारत की रेटिंग आउटलुक की ऊपरी पुनरीक्षण से भी बाजार में सकारात्मकता छाई हुई है। एग्जिट पोल्स में NDA को लोकसभा चुनावों में 350 से अधिक सीटें मिलने की संभावनाएं जताई गई हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास और भी मजबूत हुआ है।
निवेशकों को इस तेजी का लाभ उठाने और अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने की सलाह दी जाती है। बाजार के जानकारों के अनुसार, इस दौर को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए ध्यान देने की जरूरत होगी और खासकर बड़े कैप स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इस प्रकार, भारतीय शेयर बाजारों ने एग्जिट पोल्स के सकारात्मक संकेतों का स्वागत करते हुए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, और आने वाले दिनों में और भी नए रिकॉर्ड बना सकते हैं।
ये सब तो बस एग्जिट पोल का धोखा है। जब तक नतीजे नहीं आते, तब तक ये रैली बस फंड्स को घुसाने का खेल है। बाजार तो हमेशा चालाकी से खेलता है।
अरे भाई, ये तो देश की ताकत है! जब तक मोदी हैं, तब तक बाजार ऊपर की ओर देखता है। सेंसेक्स 76k के पार, निफ्टी 23k के पार - ये सिर्फ नंबर नहीं, देश की आत्मविश्वास की गवाही है। जय हिंद! 🇮🇳🔥
ऊपर जाना तो होगा ही जब लोगों को लगे कि कुछ बदलेगा। पर असली सवाल ये है कि जब तक ये बदलाव असली नहीं होता, तब तक ये रैली कितनी टिकेगी? निवेश तो असली वृद्धि पर होता है, न कि भावनाओं पर।
बस एक बात समझ लो - जब देश का नेतृत्व स्थिर है, तो पैसा भी शांति से बैठ जाता है। रिलायंस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई - ये सब तो बस लॉन्ग टर्म वैल्यू हैं। अभी तो शुरुआत हुई है, अगले 3 साल देखोगे तो आँखें खुल जाएंगी 😎📈
इस रैली के पीछे वही विश्वास है जो हमें एक अमीर देश बनाने की आशा देता है। पर जब तक गरीबी नहीं खत्म होती, तब तक ये सब बस एक बड़ा सपना है। जिन्होंने ये बाजार देखा, उन्होंने देखा है कि असली बदलाव कहाँ होता है। शांति और स्थिरता के बिना, ये सब कुछ धुएँ में बदल जाएगा... 🌫️💔
3.5% बढ़ोतरी? ये तो सामान्य है। अगर आप एग्जिट पोल के बाद बाजार देख रहे हैं, तो आप गलत टाइमिंग पर बैठे हैं। ये रैली पहले से शुरू हो चुकी थी। अब जो खरीद रहे हैं, वो बस अंत में चढ़ रहे हैं।