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अक्तू॰,2025
अप्रैल 2025 में Department of Homeland Security ने अचानक SEVIS रिकॉर्ड बंद कर दिए, जिससे हजारों F‑1 वीज़ा धारकों का वैध स्टेटस खतरे में पड़ गया। यह कदम यू.एस. में पढ़ाई कर रहे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए "अभी तक नहीं देखा गया" संकट लेकर आया।
पहले सप्ताह में कैलिफ़ोर्निया के UC Davis समेत बौस्टन, बर्कले और ड्यूक जैसी प्रमुख यूनिवर्सिटियों में छात्रों के रिकॉर्ड काटे गये।
समय-समय पर न्यायालयीन दायित्वों के बाद रिकॉर्ड फिर से सक्रिय किए गए, लेकिन प्रक्रिया ने छात्रों में भय और अनिश्चितता पैदा कर दी।
SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) एक फ़ेडरल डेटाबेस है जो F‑1 छात्रों की इमिग्रेशन स्थिति, ऑन‑कैम्प कार्य और OPT का प्रबंधन करता है। इस सिस्टम में बदलाव का सीधा असर छात्र की पढ़ाई, रोजगार और किराये के अनुबंधों पर पड़ता है। पिछले दो दशकों में SEVIS केवल डेटा संग्रह का उपकरण रहा, लेकिन 2025 में यह नयी सुरक्षा‑नीति के तहत "Catch and Revoke" तंत्र का हिस्सा बन गया।
अप्रैल की शुरुआत में United States के कई कैंपसों में अचानक 23 छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड कटे। UC Davis में यह संख्या 23 थी, जो 10 अप्रैल तक समाप्त हुए।
जैसे‑जैसे कानूनी दबाव बढ़ा, 24 अप्रैल को DHS ने रिकॉर्ड फिर से सक्रिय करना शुरू किया और 26 अप्रैल तक सभी 23 रिकॉर्ड वापस खुले। फिर भी, इस घटना ने कई सवाल उठाए: कौन‑से मानदंड से छात्रों को निशाना बनाया गया? क्या मामूली ट्रैफ़िक उल्लंघन भी इस प्रक्रिया में शामिल हो सकता है?
विधिक विशेषज्ञ Attorney Santee ने बताया कि अगर कोई छात्र विदेश जाता है तो उसे नया F‑1 वीज़ा अप्लाई करना पड़ेगा, और वीज़ा अधिकारी अक्सर नई एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर सकते हैं। Richard Herman, जो Herman Legal Group के सह‑संस्थापक हैं, ने कहा कि "Catch and Revoke" प्रणाली सोशल मीडिया और डिजिटल ट्रेल को लगातार स्कैन करती है, यहाँ तक कि वीज़ा जारी होने के बाद भी।
जो छात्र अभी भी अमेरिका में हैं, उनके पास कुछ कानूनी रास्ते हैं: (1) यदि उन्होंने अपनी स्टेटस का उल्लंघन नहीं किया तो पुनर्स्थापना (reinstatement) के लिए आवेदन कर सकते हैं; (2) यदि DHS ने अनुचित रूप से समाप्त किया हो तो Administrative Procedure Act (APA) के तहत फैडरल केस दायर कर सकते हैं; (3) हटाए जाने की कार्रवाइयों को चुनौती देने के लिये इमिग्रेशन कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
जैसे ही मई‑जून में गर्मियों का मौसम आया, बौस्टन यूनिवर्सिटी, UC Berkeley और Duke University ने छात्रों को गैर‑आवश्यक विदेश यात्रा से बचने की कड़ी सलाह दी। उन्होंने बताया कि यू.एस. कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) वैध वीज़ा होने के बावजूद प्रवेश को रोक सकता है। यह अक्सर INA सेक्शन 212(a)(7) या 212(a)(6)(C) के तहत किया जाता है, जिससे बहस के बाद भी अपील का रास्ता नहीं मिलता।
जून 2025 तक F‑1 वीज़ा नवीनीकरण के लिये इंटरव्यू वेवर बहुत कम उपलब्ध थे, और अधिकांश छात्रों को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिये अमेरिकी दूतावास में जाना पड़ता था। प्रमुख अस्वीकृति कारणों में शामिल हैं: (i) INA 214(b) के तहत गैर‑इमिग्रेंट इरादा नहीं दिखाना, (ii) वित्तीय दस्तावेज़ों की कमी, (iii) सोशल मीडिया पर राजनीतिक या सुरक्षा‑संदेह सामग्री, (iv) शैक्षणिक योजना में अस्पष्टता।
केविन, एक भारतीय मास्टर छात्र, ने बताया, "एक छोटी ट्रैफ़िक सिटेशन के बाद मेरे SEVIS को बंद कर दिया गया, और अब अमेरिका के बाहर नहीं जा सकता क्योंकि वीज़ा फिर से नहीं मिलेगा।" इस तरह की कहानियाँ कैलिफ़ोर्निया कैंपसों में डर का माहौल बनाती हैं। कई छात्र सार्वजनिक स्थानों से बचने, क्लब गतिविधियों में हिस्सा न लेने और यहां तक कि कैंपस के अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स में भाग नहीं लेने लगे हैं।
एक मई 2025 यूट्यूब वीडियो "One Mistake Can Cancel Your US Visa!" ने लाखों दर्शकों को चेतावनी दी, और इसने कई विद्यार्थियों को अपने इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट प्लान का पुनर्मूल्यांकन करने पर मजबूर किया।
यदि DHS इस "Catch and Revoke" तंत्र को जारी रखता है, तो अगले महीने में भी समान हटाव की संभावना है। विशेषज्ञ अनुमान लगाते हैं कि नई राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देशों के तहत सभी F‑1 वीज़ा रिन्युअल को व्यक्तिगत साक्षात्कार की आवश्यकता होगी, जिससे प्रक्रिया में सालों तक देरी हो सकती है। इसके साथ ही, अगर छात्रों ने विदेश यात्रा की, तो उनके पुनः प्रवेश के बाद कई सालों की प्रतिबंध (बैर) जैसी संभावनाएं बन सकती हैं।
कैलिफ़ोर्निया की कई कॉलेजें अब अपने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को कानूनी सहायता के लिए फ्री क्लिनिक शुरू कर रही हैं, और कई विश्वविद्यालयों ने इमिग्रेशन वकीलों के साथ मिलकर "सेफ़ इंटर्नशिप" प्रोग्राम लॉन्च किया है, ताकि छात्र बिना वीज़ा तनाव के काम कर सकें।
छात्र दो विकल्प चुन सकते हैं: यदि उसने अपनी फाउस‑इमिग्रेशन स्टेटस नहीं तोड़ती, तो पुनर्स्थापना (reinstatement) के लिये I‑20 फॉर्म और नया SEVIS नंबर मांग सकता है; या यदि रिकॉर्ड अनियाय से बंद हुआ, तो Administrative Procedure Act के तहत संघीय अदालत में याचिका दायर कर सकता है। दोनों प्रक्रियाओं में इमिग्रेशन वकील की मदद लेना ज़रूरी है।
हाँ। अगर SEVIS रिकॉर्ड बंद है या छात्र को "Catch and Revoke" प्रणाली में फ़्लैग किया गया है, तो CBP उनके प्रवेश को रोक सकता है, चाहे वीज़ा अभी भी वैध हो। ऐसा होने पर छात्र को नया F‑1 वीज़ा अप्लाई करना पड़ेगा, और इस प्रक्रिया में वीज़ा अधिकारी अक्सर आधी‑सही कारणों से रिजेक्शन दे सकते हैं।
मुख्य कारणों में गैर‑इमिग्रेंट इरादा न दिखाना (INA 214(b)), वित्तीय दस्तावेज़ों की कमी, सोशल मीडिया पर राजनीतिक या सुरक्षा‑संदेह पोस्ट, और शिक्षा‑योजना में अस्पष्टता शामिल हैं। इसके अलावा, यदि छात्र ने कोई कानूनी उल्लंघन किया है, तो वह भी वीज़ा रिजेक्शन का कारण बन सकता है।
कई विश्वविद्यालयों ने इमिग्रेशन वकीलों के साथ मिलकर मुफ्त कानूनी क्लिनिक खोले हैं, फ्री जुरिडिकल सलाह प्रदान कर रहे हैं, और "सेफ़ इंटर्नशिप" प्रोग्राम शुरू किए हैं ताकि छात्रों को वैध कार्य के अवसर मिलें बिना वीज़ा जोखिम के। इसके अलावा, यात्रा सलाह को अपडेट करके छात्रों को संभावित बहिष्करणों से बचाने की कोशिश की जा रही है।
SEVIS बंद होने की खबर सुनकर दिल धड़का, लेकिन मैं अपने कोर्स पर फोकस रखूँगा।
भाइयों, यह सिस्टम नापसंद है लेकिन हमें इसे समझदारी से नेविगेट करना पड़ेगा।
मैंने कई बार देखी है कि छोटे-छोटे ट्रैफ़िक टिकट भी बड़ी परेशानी बन जाते हैं।
समय पर प्रोफेसर और अंतरराष्ट्रीय ऑफिस से संपर्क रखना ज़रूरी है।
किसी भी वैध दस्तावेज़ को हमेशा अपडेट रखें, चाहे वो I‑20 हो या फाइनेंशियल स्टेटमेंट।
अगर आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं तो सबसे पहले इस पर कानूनी सलाह लेनें में देर मत करें।
देखो, इस चॉम्पलेस एग्ज़ामिनेशन से बेहतर है कि हम खुद को तैयार रखें।
सेफ इंटर्नशिप प्रोग्राम का फायदा उठाओ, इससे वीज़ा के बगैर भी एक्सपीरियंस मिल सकता है।
जैसा कि हाल ही में बताया गया, कई विश्वविद्यालयों ने मुफ्त कानूनी क्लिनिक खोल दिए हैं।
इन क्लिनिकों में वकीलों से व्यक्तिगत सलाह मिल सकती है, जो बहुत उपयोगी होती है।
अगर आपका SEVIS रिकॉर्ड हटा दिया गया है, तो तुरंत पुनर्स्थापना (reinstatement) के लिए आवेदन करें।
यदि आपके पास कोई वैध कारण नहीं है तो Administrative Procedure Act के तहत केस दायर करने का विकल्प है।
यात्रा से पहले अपनी स्थिति की दोबारा जांच कर लें, ताकि बाद में किसी बड़ी समस्या का सामना न करना पड़े।
यह "Catch and Revoke" तंत्र न केवल छात्रों की स्थिरता को बाधित करता है, बल्कि पूरे शैक्षणिक वातावरण को अस्थिर करता है।
पहला कारण यह है कि सिस्टम अत्यधिक स्वचालित हो गया है, जिससे मामूली ट्रैफ़िक उल्लंघन को भी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में लेबल किया जाता है।
दूसरा, सोशल मीडिया स्कैनिंग की विस्तृत सीमा छात्रों की निजी अभिव्यक्ति को दमन करती है, क्योंकि कोई भी पोस्ट संभावित फ्लैग बन सकती है।
तीसरा, इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है; छात्रों को यह नहीं बताया जाता कि किन मानदंडों के आधार पर उन्हें टारगेट किया गया।
चौथा, पुनर्स्थापना प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज़ और प्रमाणपत्रों की माँग अक्सर असंगत और बिखरे हुए होते हैं, जिससे टाइमलाइन बढ़ जाती है।
पाँचवा, वीज़ा पुनः आवेदन में इमिग्रेशन अधिकारी अक्सर अनुत्पादक और असंगत कारणों से रिजेक्शन देते हैं, जो छात्रों को निराशा में डालता है।
छहवा, विश्वविद्यालयों ने फ्री क्लिनिक खोले हैं, पर इन क्लिनिकों की क्षमता सीमित है और सभी छात्रों को कवर नहीं कर पाती।
सातवां, विदेश यात्रा के जोखिम को कम करने के लिए कई संस्थानों ने यात्रा पर सलाह जारी की है, पर यह सूचना अक्सर देर से पहुंचती है।
आठवां, छात्र अब सार्वजनिक स्थानों में भाग लेने से बचते हैं, जिससे सामाजिक विकास और नेटवर्किंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नवां, कई छात्र अपने इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट प्लान को पुनः मूल्यांकन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनके करियर प्रोफ़ाइल को नुकसान हो रहा है।
दसवां, इस सब के बीच, सरकार ने इस प्रणाली के दीर्घकालिक प्रभावों पर कोई सार्वजनिक परामर्श नहीं किया है, जिससे लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व का अभाव दिखता है।
ग्यारहवां, यदि हम इस तंत्र को सुधरना चाहते हैं तो एक स्वतंत्र निगरानी बोर्ड बनाना आवश्यक है, जो प्रत्येक केस की समीक्षा करे और मानदंड को स्पष्ट करे।
बारहवां, विश्वविद्यालयों को छात्रों को नियमित अपडेट और स्पष्ट मार्गदर्शन देना चाहिए, जिससे वे अनावश्यक जोखिमों से बच सकें।
तेरहवां, अंत में, छात्रों को अपनी वैध स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए प्रोफेशनल कानूनी सलाह लेनी चाहिए, और किसी भी शिकायत को तुरंत दर्ज करना चाहिए।
मैं इस स्थिति को देख कर गुस्सा नहीं रोक पा रहा हूँ, सरकार का रवैया बहुत ही बेपरवाह है।
रही बात "Catch and Revoke" की, तो हमें चाहिए कि हम सिविल सॉस कोर्ट में केस दायर कर अपनी आवाज़ उठाएँ, क्योंकि यह सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं बल्कि व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन है।
🤔 SEVIS की अचानक बंदी सच में बड़ा ख़तरा है, पर काउंसलर से मिल कर कुछ यूँ करने की कोशिश करनी चाहिए कि सभी दस्तावेज़ सही फॉर्मेट में हों, ताकि रिवर्सल की संभावना बढ़े।
अनुसंधान के अनुसार, इस तरह की नीति परिवर्तन से अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है।
कभी-कभी इस पूरे सिस्टम को समझना आसान नहीं होता, इसलिए मैं सुझाव देता हूँ कि आप विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय से नियमित अपडेट लेते रहें और एक वैकल्पिक प्लान तैयार रखें; इससे आप अप्रत्याशित स्थितियों से निपटने में सक्षम रहेंगे।
लिखित रूप में यह उल्लेखनीय है कि विदेशी छात्रों के अधिकारों को संरक्षित रखने हेतु नीतियों में पारदर्शिता और जवाबदेही का समुचित प्रावधान होना अनिवार्य है।