इनकम टैक्स बिल 2025: ₹12 लाख तक की टैक्स छूट बरकरार, सरकार ने अफवाहों पर लगाई रोक 12 अग॰,2025

₹12 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट जारी रहेगी, सरकार ने दी साफ जानकारी

सोशल मीडिया पर अचानक यह चर्चा तेज हो गई कि नई इनकम टैक्स बिल के तहत ₹12 लाख तक की टैक्स छूट खत्म हो जाएगी। इस खबर ने मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों के मन में ही नहीं, बल्कि बिजनेस और आम करदाताओं में भी हलचल मचा दी। लेकिन अब सरकार ने खुद सामने आकर सारी अफवाहों पर पानी फेर दिया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सालाना ₹12 लाख तक की टैक्स छूट सुरक्षित है और सेना इससे कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही।

असल में, 11 अगस्त 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया इनकम टैक्स (संख्या 2) बिल, 2025 पेश किया। इससे ठीक तीन दिन पहले पुराना ड्राफ्ट संसद से वापस ले लिया गया था। नए बिल में 285 सुझाव जोड़े गए, जिनका नेतृत्व बीजेपी के सांसद बैजयंत पांडा की कमेटी ने किया। सरकार का कहना है कि यह बिल पहले की तुलना में ज्यादा स्पष्ट, संक्षिप्त और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली है। सबसे अहम, इसमें ₹12 लाख तक वार्षिक आय वालों के लिए टैक्स में छूट पूरी तरह कायम है।

नए बिल में क्या-क्या बदला और टैक्सपेयर्स को फायदा

आम आदमी के लिए जो जानकारी सबसे जरूरी है, वो यह कि यूनियन बजट 2025-26 में सेक्शन 87A के तहत दी जानें वाली टैक्स छूट को बढ़ाकर ₹60,000 किया गया है—पहले यह ₹25,000 थी। इसका मतलब, जिनकी कुल टैक्सेबल इनकम ₹12 लाख तक है, उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ाकर ₹75,000 किया गया है, जिससे उनकी टैक्स-फ्री लिमिट ₹12.75 लाख तक पहुंच रही है।

इस बिल में एक बड़ा बदलाव यह भी है कि अब डिटेल्स वर्डिंग और सेक्शन की भीड़ घटाई गई है। पुराने 5.12 लाख शब्द से नए बिल की भाषा महज 2.6 लाख शब्दों तक सीमित कर दी गई है। सेक्शन भी 819 से घटाकर 536 और चैप्टर 23 किए गए हैं। भ्रामक या अप्रचलित नियम हटाए गए हैं, जिससे कॉम्प्लायंस आसान हो गया है।

अब टैक्स 'पूर्व वर्ष' और 'मूल्यांकन वर्ष' की झंझट छोड़, सीधे उसी 'टैक्स वर्ष' में लिया जाएगा जब आय हुई है। डिजिटल इंडिया को देखते हुए, फेसलेस प्रोसेस, पेपरलेस डॉक्युमेंटेशन और फास्टर डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन को अहम बनाया गया है। बेसिक छूट सीमा भी बढ़कर ₹4 लाख कर दी गई है, जिससे निचले इनकम ग्रुप को कुछ और राहत मिलेगी। सेलरीड क्लास हमेशा की तरह स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर पाएंगे।

सरकार बार-बार यही दोहरा रही है कि मिडिल क्लास और सामान्य परिवारों पर टैक्स का बोझ नहीं बढ़ने दिया जाएगा। रिजिजू ने अपने बयान में यह भी कहा कि नया सिस्टम पारदर्शिता, भरोसे और टैक्स जमा करने के प्रोसेस को आसान बनाने की सोच के साथ तैयार किया गया है। बजट स्पीच में ही वित्त मंत्री ने साफ कहा था कि यह बदलाव मिडिल क्लास की जेब में बचत बढ़ाएगा, घरेलू खर्च और निवेश के मौके भी खोलेगा।

बिल के आने से देश के टैक्स कानून को 64 साल की जटिलता से आज़ादी मिल गई है। यह नया सिस्टम हर टैक्सपेयर के लिए, चाहे व्यक्ति हो या बिजनेस, समझना और पालन करना आसान बना देगा। कानून छोटा और व्याख्यायित बनने से विवाद भी कम होंगे और टैक्सपेयर्स का सरकार पर भरोसा भी मजबूत होगा।

टिप्पणि
Prashant Kumar
Prashant Kumar 12 अग॰ 2025

अफवाहें फैलाने वाले लोगों को असली बिल पढ़ना चाहिए। ₹12 लाख तक की छूट बरकरार है, और स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000 हो गया है। ये बदलाव तकनीकी रूप से सही हैं, और बिल की लंबाई आधी हो गई है-ये अच्छी बात है।

Prince Nuel
Prince Nuel 13 अग॰ 2025

अरे भाई, ये सब बकवास है। सरकार हमेशा कहती है कि मिडिल क्लास की जेब बचाएगी, लेकिन रियलिटी में गैस, बिजली, और बच्चों के स्कूल के खर्चे दोगुने हो गए हैं। ये टैक्स छूट तो बस एक नाम की बात है।

Sunayana Pattnaik
Sunayana Pattnaik 15 अग॰ 2025

इतनी बड़ी बदलाव के बावजूद, अभी भी टैक्स सिस्टम एक ब्यूरोक्रेटिक नाइटमेयर है। जो लोग इसे समझते हैं, वो निश्चित रूप से पहले से ही अमीर हैं। ये सब शो है-एक बहुत ही अच्छी तरह से एडिटेड शो।

akarsh chauhan
akarsh chauhan 16 अग॰ 2025

ये बदलाव असल में बहुत अच्छा है। अगर आप ₹12 लाख कमा रहे हैं और टैक्स नहीं देना चाहते, तो ये आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। और डिजिटल प्रोसेसिंग? बहुत अच्छा। अब लोग बिना भीड़ और बिना भ्रम के टैक्स फाइल कर पाएंगे। ये एक असली प्रगति है।

soumendu roy
soumendu roy 17 अग॰ 2025

क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक बिल को इतना संक्षिप्त किया जाता है, तो क्या वह वास्तव में सभी उद्देश्यों को पूरा करता है? यह विश्लेषणात्मक रूप से एक अत्यधिक आसानी का अपवाद है, जो भविष्य में विवादों को जन्म दे सकता है। भाषा की सरलता और स्पष्टता के बीच एक संतुलन होना चाहिए।

Kiran Ali
Kiran Ali 18 अग॰ 2025

ये सब झूठ है। जिनके पास बैंक अकाउंट में ₹12 लाख हैं, वो अपनी टैक्स फाइलिंग के लिए एक एजेंट रखते हैं। आम आदमी अभी भी घर पर बैठकर डरता है कि कहीं टैक्स डिपार्टमेंट उसके घर न आ जाए। ये बिल बस एक चित्रकारी है।

Kanisha Washington
Kanisha Washington 19 अग॰ 2025

अच्छा हुआ। अब टैक्स वर्ष को सीधे आय के साथ जोड़ दिया गया है। यह बहुत स्पष्ट है। और सेक्शन 87A की छूट बढ़कर ₹60,000 हो गई है। यह बहुत बड़ी बात है।

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