भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में बंगाल湾 में विकसित हो रही एक तीव्र तूफ़ान प्रणाली को पहचानते हुए, राजस्थान के कुछ प्रमुख जिलों को सात दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी न केवल बरसात की मात्रा बल्कि संभावित बाढ़, धसकती हवाओं और तापमान में अचानक गिरावट को भी दर्शाती है।
बंगाल湾 में उत्पन्न यह प्रणाली, समुद्री सतह के तापमान में लगातार 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने के कारण ऊर्जा प्राप्त कर रही है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये गर्मी के पैच वायुमंडलीय दबाव के अंतर को बढ़ाते हैं, जिससे हवाओं की गति तेज़ हो जाती है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यह प्रणाली अगले 24 घंटों में अरब पश्चिम की ओर बढ़ेगी और फिर उत्तरी भारत की ओर मोड़ लेगी, जिससे राजस्थान की पूर्वी सीमा के निकट स्थित जिलों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा।
वर्तमान में, जयपुर, अलवर, और बीयर जिलों को विशेष रूप से 7‑दिन की भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। IMD के अनुसार, इन जिलों में अगले सप्ताह में 70‑120 मिमी तक की वर्षा हो सकती है, जबकि कुछ क्षेत्रों में 150 मिमी से अधिक भी गिर सकती है। यह आंकड़ा पिछले साल के समान समय में दर्ज औसत वर्षा से दो गुना से अधिक है।
अधिकारियों ने पहले ही कई प्री-एमरजेंसी कदम उठाए हैं। पानी निकासी के लिए नहरों की सफाई, राहत केंद्रों की तैयारी और मोबाइल एंटेनाओं के जरिए जनता को वास्तविक‑समय चेतावनी प्रसारित करने की योजना तैयार की गई है। साथ ही, किसानों को विशेष रूप से फसल की सुरक्षा के लिए उन्नत सुझाव और बीमा कवरेज की जानकारी दी जा रही है।
नागरिकों से पूछा गया है कि वे बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों से बचें, तेज़ हवाओं में बाहर के काम को टालें और अगर किसी भी प्रकार की आपात स्थिति उत्पन्न हो तो तुरंत स्थानीय पुलिस या जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सूचित करें। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अतिरिक्त दवाओं और रेस्पिरेटरी सपोर्ट उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि जलजनित रोगों के प्रसार को रोका जा सके।
विज्ञानियों का मानना है कि इस तरह की तेज़ी से विकसित होने वाली तूफ़ान प्रणाली का पैटर्न पिछले कुछ वर्षों में अधिक बार देखा गया है, जो ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को दर्शाता है। जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का तापमान बढ़ रहा है, जिससे मौसमी अनियमितताएँ तीव्र हो रही हैं। IMD ने इस चेतावनी को एक बंगाल湾 तूफ़ान के रूप में वर्गीकृत किया है, ताकि जनता में सतर्कता बरकरार रहे और संभावित नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।