आपने शेयर या बॉन्ड में सीधे निवेश किया है, पर क्वांट म्याचुअल फंड थोड़ा अलग ढंग से काम करता है। इसमें आपका पैसा कई छोटे‑छोटे हिस्सों में बांटा जाता है और पेशेवर मैनेजर आपके लिए सही स्टॉक्स चुनते हैं। इस तरह जोखिम कम होता है और रिटर्न बढ़ सकता है, बशर्ते आप समझदारी से चुनें।
पहला फायदा यह है कि आपको खुद स्टॉक्स या बॉन्ड की डिटेल नहीं देखनी पड़ती। फंड मैनेजर आपके लिये रिसर्च कर, सबसे बढ़िया कंपनियों में निवेश करता है। दूसरा, पैसा कई एसेट क्लास (इक्विटी, डेट, गोल्ड) में बंटता है जिससे जोखिम फैले रहता है। तीसरा, छोटे रकम से भी शुरू किया जा सकता है – अक्सर 500 रुपये से ही आप एक SIP (Systematic Investment Plan) चालू कर सकते हैं। अंत में, टैक्स के मामले में म्याचुअल फंड कुछ लचीलापन देता है, जैसे कि लंबी अवधि में पूंजी gains पर कम टैक्स लगता है।
क्वांट फंड भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते। मार्केट गिरावट के समय फंड की वैल्यू घट सकती है, खासकर अगर फंड का एसेट अलोकेशन इक्विटी में अधिक हो। साथ ही, मैनेजर की क्षमता भी मायने रखती है – हर मैनेजर जीत नहीं सकता। इसलिए फ़ंड चुनते वक्त पिछले 3‑5 साल के रिटर्न, एक्सपेंस Ratio और मैनेजमेंट टीम का ट्रैक रिकॉर्ड देखना ज़रूरी है। अगर आप जोखिम से बचना चाहते हैं तो बॅलेंसर फंड या डेब्ट‑हैवी क्वांट फंड बेहतर हो सकते हैं।
एक और बात याद रखें – म्याचुअल फंड में निवेश टैक्स लीडिंग नहीं होता, पर जब आप रिडीम करते हैं तो टैक्स लायबिलिटी आ सकती है। इसलिए अपनी आयु और टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से सही एग्ज़िट स्ट्रेटेजी बनाएं।
अगर आप अभी भी तय नहीं कर पाए कि कौन सा क्वांट फंड आपके लिये ठीक रहेगा, तो नीचे दिए गए चेकलिस्ट का उपयोग करें:
इन पॉइंट्स को ध्यान में रखते हुए आप खुद भी फंड चुन सकते हैं या अपने फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह ले सकते हैं। याद रखें, नियमित निवेश (SIP) का बड़ा फायदा यह है कि बाजार के उतार‑चढ़ाव को स्वैप कर दिया जाता है और दीर्घकालिक रिटर्न बेहतर मिलता है।
अंत में, क्वांट म्याचुअल फंड एक स्मार्ट तरीका हो सकता है आपके पैसे को बढ़ाने का, बशर्ते आप सही जानकारी के साथ कदम रखें। अगर अभी शुरुआत कर रहे हैं तो छोटे SIP से शुरू करें, नियमित रूप से पोर्टफ़ोलियो चेक करें और समय‑समय पर एसेट रीबैलेंस करें। इस तरह आपका निवेश स्थिर रहेगा और लक्ष्य की तरफ़ आगे बढ़ेगा।
SEBI ने क्वांट म्यूचुअल फंड के मुंबई और हैदराबाद स्थित ऑफिसों पर छापा मारा है। यह कार्रवाई निवेश संबंधी गतिविधियों में अनियमितताओं के संदेह पर की गई है। ऑडिट और निरीक्षण के दौरान मिली विसंगतियों को आधार बनाकर यह कदम उठाया गया है। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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