हर साल बजट आता है और साथ ही नई टैक्स धारा भी आती है। 2025 में जो बदलाव आए हैं, वो अक्सर समझने में जटिल लगते हैं, पर असल में कुछ ही बिंदु हैं जिनको जानकर आप आसानी से अपना टैक्स प्लान बना सकते हैं। चलिए एक‑एक करके देखें कि सबसे बड़ी बात क्या है और इसे कैसे अपनाएँ।
सबसे पहले, आयकर स्लैब में थोड़ा समायोजन हुआ है। 5 लाख तक की कर योग्य आय अब पूरी तरह से छूट वाली रही, पर 7.5 लाख से 10 लाख के बीच की आय पर 10% का टैक्स लगेगा। इससे मध्यम वर्ग को थोड़ी राहत मिलती है, जबकि उच्च आय वालों पर थोड़ा अधिक दर लागू होती है।
दूसरा बड़ा बदलाव है स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि – अब हर करदाता को सालाना 50,000 रुपये की स्वचालित छूट मिलती है, चाहे वह वेतनभोगी हो या फ्रीलांसर। यह रिटर्न भरते समय गणना को बहुत आसान बना देता है।
तीसरा बदलाव है हाउस प्रॉपर्टी लोन इंटरेस्ट डिडक्शन की सीमा बढ़ा कर 2 लाख रुपये रखी गई है। अगर आप गृह ऋण लेते हैं, तो अब अधिक ब्याज कटौती का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही, हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों के लिये नया सेक्शन जोड़ा गया है, जिससे पहले साल में 1.5 लाख तक की छूट मिलती है।
अब बात करते हैं कि इन बदलावों को आप अपने लाभ में कैसे बदलें। पहला कदम – डिजिटल रिटर्न फ़ाइलिंग. ऑनलाइन फॉर्म भरते समय स्टैंडर्ड डिडक्शन और नई स्लैब का ध्यान रखें, इससे गलतियों की संभावना कम होगी। दूसरा, सेवन सेक्शन 80C में निवेश बढ़ाएँ: पीपीएफ, एलटीएस, इन्शुरेंस प्रीमियम – ये सब मिलाकर आप पूरे 1.5 लाख तक बचत कर सकते हैं।
तीसरा टिप – हेल्थ इंश्योरेंस (सेक्शन 80D). अगर आप और आपके परिवार के लिये पॉलिसी ले रहे हैं, तो सालाना 25,000 रुपये तक की प्रीमियम कटौती मिलती है। यह सिर्फ टैक्स बचत नहीं बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा भी देता है।
चौथा, यदि आपने अभी-अभी घर खरीदा या लोन लिया है, तो हाउस प्रॉपर्टी लोन इंटरेस्ट डिडक्शन का पूरा फायदा उठाएँ। बैंक स्टेटमेंट में दिखने वाले ब्याज को सही‑सही दर्ज करें, ताकि 2 लाख तक की छूट मिल सके।
पांचवां और शायद सबसे आसान – रोकड़ बचत योजना (सेक्शन 80C के तहत). हर महीने एक छोटी राशि फिक्स्ड डिपॉज़िट या रीक्यूरिंग डिपॉज़िट में डालें, इससे न केवल ब्याज मिलेगा बल्कि टैक्स भी घटेगा।
इन टिप्स को अपनाकर आप बिना जटिल गणना के अपने सालाना कर बोझ को काफी कम कर सकते हैं। याद रखें कि टैक्स प्लानिंग एक बार की चीज नहीं, हर वित्तीय वर्ष में अपडेट करनी चाहिए। बजट सुनने के बाद या नई धारा लागू होते ही अपने अकाउंटेंट से चर्चा करें और जरूरी बदलाव तुरंत करें।
अंत में यह कहूँगा – इनकम टैक्स क़ानून जितना जटिल लग सकता है, वही आपके बचत को बढ़ाने का मौका भी देता है। छोटे‑छोटे कदम उठाएँ, सही डॉक्यूमेंट रखें और डिजिटल रिटर्न फाइलिंग के साथ समय बचाएँ। आपका टैक्स प्लान जितना साफ़ होगा, उतनी ही बड़ी राहत आप महसूस करेंगे।
सरकार ने साफ कर दिया है कि इनकम टैक्स बिल 2025 में सालाना ₹12 लाख तक आय पर टैक्स छूट जारी रहेगी। सोशल मीडिया पर छूट खत्म होने की खबरें फैल रही थीं, जिन पर सरकार ने विराम लगाया है। नए बिल में स्ट्रक्चरल बदलाव, ज्यादा डिजिटल प्रक्रिया और मांग अनुसार राहत बनाए रखने की बात कही गई है।
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