अगर आप भारत के हालिया राजनैतिक हलचल को फॉलो करते हैं तो पीयूष गोयल का नाम आपके कानों में अक्सर आएगा। वो सिर्फ एक केंद्रीय मंत्री नहीं, बल्कि ऊर्जा, वाणिज्य और पोर्ट्स जैसे बड़े‑बड़े विभागों के प्रमुख हैं। इस पेज पर हम उनके कामकाज की ताज़ा खबरें, बैनर वाले बयान और जनता पर पड़ने वाला असर एक ही जगह इकट्ठा कर रहे हैं, ताकि आप बिना झंझट के सब कुछ समझ सकें।
पीयूष गोयल ने पिछले कई महीनों में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना तेज़ कर दी है। उन्होंने कहा था कि 2030 तक भारत का 40 % बिजली उत्पादन सोलर और विंड से होना चाहिए। इस दिशा में अब नई टेंडर्स जारी हो रही हैं, जिससे छोटे‑बड़े कंपनियों को काम मिल रहा है। साथ ही, वे पोर्ट्स के आधुनिकीकरण पर भी ध्येय रखते हैं—कौनसा नया कंटेनर हब बनना चाहिए और किस शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड किया जाएगा, इन सबका फैसला उन्होंने तुरंत लिया था।
एक हालिया इंटरव्यू में गोयल ने बताया कि भारत‑अमेरिका व्यापार समझौते के तहत कुछ प्रमुख बंदरगाहों को ‘स्मार्ट पोर्ट’ बनाने का प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है। इससे माल की शिपिंग तेज़ होगी और लागत घटेगी—एक बात जो छोटे व्यापारियों को भी सीधे फायदा पहुँचाएगी।
वाणिज्य मंत्री के रूप में गोयल ने कई निर्यात‑उद्यमी योजनाओं का समर्थन किया है। उन्होंने ‘ड्यूटी फ़्री ज़ोन’ की सीमा बढ़ाने की बात कही, जिससे विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही, वे डिजिटल कर प्रणाली को सरल बनाने पर भी काम कर रहे हैं—ताकि छोटे व्यापारी ऑनलाइन लेन‑देन में कम परेशानी झेलेँ।
एक और महत्वपूर्ण कदम था ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ का पुनर्संरचना, जिसमें उन्होंने कहा कि अगले पाँच सालों में 5 ट्रिलियन रुपये की पूंजी निवेश होगी। इस फंड के तहत सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डे जैसे प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा करने की योजना है।
समाचार दृष्टी पर आप पीयूष गोयल से जुड़ी हर बड़ी खबर—चाहे वो विदेश यात्राएँ हों, नई नीति का एलान या संसद में उनके बहसें—एक ही जगह पढ़ सकते हैं। हमारा मकसद है कि जटिल सरकारी निर्णयों को आपके लिये आसान भाषा में पेश किया जाए, ताकि आप समझ सकें कि ये बदलाव आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर कैसे असर डालेंगे।
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आगे पढ़ते रहिए और जानिए कैसे पीयूष गोयल का काम भारत की ऊर्जा, व्यापार और पोर्ट सेक्टर को नई दिशा दे रहा है—बिना किसी जटिल शब्दजाल के, सिर्फ़ सीधी बातों में।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों की अनुचित कीमत निर्धारण नीतियों पर चिंता व्यक्त की है, जो छोटे और मध्यम उद्यमों और स्थानीय व्यवसायों को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन नीतियों पर अंकुश लगाने के लिए नए नियम बना रही है ताकि छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा की जा सके और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके।
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