आपने हाल ही में कई बार "राजस्व" शब्द सुना होगा – चाहे वह सरकार की बजट बात हो या कंपनियों के मुनाफे की चर्चा। लेकिन इस शब्द का मतलब सिर्फ पैसे का होना नहीं, बल्कि यह बताता है कि कितना पैसा कमाया और खर्च किया जा रहा है. यहाँ हम आज की प्रमुख खबरों को तोड़‑मरोड़ कर समझेंगे ताकि आप आसानी से जान सकें राजस्व कहाँ बढ़ रहा है और क्यों।
सबसे बड़ी बात यह है कि केंद्र सरकार ने 2025 के इनकम टैक्स बिल में ₹12 लाख तक की आय पर कर छूट बनाए रखी है. इस कदम से मध्यम वर्ग का टैक्स बोझ कम हुआ और उन लोगों की खर्च करने की शक्ति बढ़ी. जब लोग अधिक पैसा बचाते हैं, तो वह उपभोग या निवेश में लगाते हैं, जिससे समग्र आर्थिक गतिविधि तेज होती है.
साथ ही, सरकार ने कुछ नई डिजिटल पहलें शुरू की हैं – टैक्स फाइलिंग अब पूरी तरह ऑनलाइन हो रही है और रिटर्न जमा करने के समय को आधा कर दिया गया है. यह प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे छोटे व्यापारियों को जल्दी नकदी मिलती है और उनका राजस्व भी बढ़ता है.
बाजार में भी बदलाव स्पष्ट दिख रहा है. Sensex ने हाल ही में 74,000 के स्तर को पार किया, लेकिन साथ में अंतरराष्ट्रीय तनाव और विदेशी निवेशकों की बेचैनी भी देखी गई. ऐसे माहौल में कंपनियों ने लागत कम करने, नई प्रोडक्ट लॉन्च करने और डिजिटल मार्केटिंग पर ज्यादा खर्च करने का रुख अपनाया.
एक उदाहरण देखें – Brigade Hotel Ventures ने अपने IPO के बाद 1.67 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया, जबकि GMP शून्य था. इसका मतलब यह है कि निवेशक भविष्य में कंपनी की कमाई बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं और इसलिए अधिक पैसा डाल रहे हैं.
खेल जगत भी राजस्व वृद्धि का हिस्सा बन रहा है. IPL 2025 के मैचों में विज्ञापन, टिकट और डिजिटल स्ट्रीमिंग से करोड़ों रुपये इकट्ठे हो रहे हैं. जैसे रवि बिश्नोई ने अपने तेज़ी से चलने वाले शॉट्स से दर्शकों को जोड़ा, वैसे ही ब्रांड्स का निवेश भी बढ़ रहा है.
इन सभी संकेतों से यह साफ दिखता है कि भारत में राजस्व वृद्धि सिर्फ सरकार के बजट तक सीमित नहीं, बल्कि निजी कंपनियों, खेल संघों और आम जनता की खर्च करने की क्षमता तक फैला हुआ है. अगर आप अपने व्यापार या व्यक्तिगत वित्त को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो इन ट्रेंड्स को समझना बहुत ज़रूरी है.
तो अगली बार जब आप "राजस्व" सुनें, तो इस बात को याद रखें – यह एक समग्र संकेतक है जो दर्शाता है कि देश की अर्थव्यवस्था कितनी तेज़ या धीमी चल रही है. छोटे‑छोटे बदलाव बड़े परिणाम दे सकते हैं, इसलिए खबरों पर नज़र रखें और अपने फैसलों में उनका उपयोग करें.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने Q2 वित्तीय परिणामों की घोषणा की है, जिसमें मुनाफा साल-दर-साल 5% बढ़कर 11,909 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, यह अनुमानित 12,450 करोड़ रुपये से कम है। कंपनी ने 8% की सालाना वृद्धि के साथ 64,259 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया है। TCS ने प्रति शेयर 10 रुपये का दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित किया है, जो 18 अक्टूबर 2024 को रिकॉर्ड किया जाएगा, जबकि इसका भुगतान 5 नवंबर 2024 को होगा।
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