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अक्तू॰,2024
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने हाल ही में अपनी वित्तीय वर्ष के दूसरे तिमाही के परिणामों की घोषणा की है, जो न केवल कंपनी के लिए बल्कि निवेशकों और ग्राहकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस तिमाही के दौरान, टीसीएस ने 11,909 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया है, जो पिछले साल की तुलना में 5% अधिक है। हालांकि, विश्लेषकों के अनुमान के मुकाबले यह आंकड़ा कुछ कम है। उन्होंने अनुमान लगाया था कि यह लाभ 12,450 करोड़ रुपये तक हो सकता है।
टीसीएस के परिचालन राजस्व में 8% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 64,259 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस वृद्धि का श्रेय विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में किए गए उपार्जन और बेहतर परिचालन कार्यान्वयन को दिया जा सकता है। कंपनी ने 10 रुपये प्रति शेयर का दूसरा अंतरिम लाभांश भी घोषित किया है, जो 18 अक्टूबर 2024 को रिकॉर्ड किया जाएगा और 5 नवंबर 2024 को भुगतान किया जाएगा।
टीसीएस की इस तिमाही में ऊर्जा, संसाधन और उपयोगिताएँ क्षेत्र में 7% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि निर्माण क्षेत्र में 5.3% की वृद्धि हुई है। बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस (बीएफएसआई), कंज्यूमर और लाइफ साइंसेज सेक्टर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, जो केवल 0.1% है। इसके विपरीत, टेक्नोलॉजी और मीडिया सेवाओं में 10% की गिरावट आई है। यह गिरावट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उद्योग आमतौर पर उच्च वृद्धि दर बनाए रखने में सक्षम होता है।
टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के. कृतिवासन ने कहा है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद, बीएफएसआई क्षेत्र में सुधार के संकेत देखे जा रहे हैं और वृद्धि बाजारों में मजबूती से बनी रही है। टीसीएस के मुख्य वित्तीय अधिकारी समीर सेकसरिया ने कंपनी की स्थायी वृद्धि के लिए टैलेंट और संरचना में रणनीतिक निवेश पर जोर दिया है। उनकी दृष्टि कंपनी की लगातार अनुशासित कार्यान्वयन और उन्नत नकद रूपांतरण पर आधारित है।
टीसीएस ने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि कंपनी उद्योग के अग्रणी लाभदायक वृद्धि प्रदान करने में सक्षम होगी। इन परिणामों से यह सिद्ध होता है कि कंपनी अपने रणनीतिक निर्णयों और निवेशों के जरिए महत्वाकांक्षाओं को साकार करने की दिशा को कायम रखे हुए है। कंपनी के वित्तीय परिणाम, समग्र रूप से, इसकी दीर्घकालिक योजनाओं और उद्यमिक दृष्टि के प्रति एक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
इस प्रकार, टीसीएस ने इस तिमाही में मुनाफे और आय में हुए बदलावों के माध्यम से अपनी क्षमता का विधिवत प्रदर्शन किया है। निवेशकों और शेयरधारकों के लिए यह सकारात्मक संकेत है, क्योंकि कंपनी अपनी रणनीतिक निवेश योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करते हुए उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप खुद को स्थापित करने में अग्रसर है।
11,909 करोड़? बस यही नहीं, टेक में 10% गिरावट और बीएफएसआई में 0.1% वृद्धि देखकर लगता है कि ये नंबर बनाए गए हैं।
ये लोग तो हमेशा अपनी रिपोर्ट्स में अच्छे नंबर दिखाते हैं... असली बात तो ये है कि नौकरियाँ कम हो रही हैं और ऑफशोरिंग बढ़ रही है।
अच्छा हुआ कि लाभांश घोषित हुआ! ये तो अच्छी खबर है... बस थोड़ा और टेक सेक्टर में फोकस करें तो और बेहतर हो जाएगा 😊
मुनाफे की बात करना तो आसान है, लेकिन सामाजिक उत्तरदायित्व का विश्लेषण करना चाहिए। क्या ये कंपनी वास्तव में भारतीय युवाओं के लिए अवसर पैदा कर रही है, या केवल शेयरधारकों के लिए लाभ अर्जित कर रही है?
मैंने टीसीएस में इंटर्नशिप की थी... बहुत अच्छा वातावरण था, लेकिन अब तो बहुत बदल गया है। टेक सेक्टर में गिरावट का असली कारण तो ये है कि क्लाइंट्स अब खुद ही टेक टीम बना रहे हैं।
लाभ बढ़ा है... अच्छा हुआ 😊👏 लेकिन टेक में गिरावट तो चिंता की बात है... क्या हम अपनी बुद्धि को बेच रहे हैं?
ये आंकड़े तो बहुत साफ हैं... लेकिन इसके पीछे की कहानी क्या है? क्या टेक सेक्टर में गिरावट का मतलब ये है कि आईटी कंपनियाँ अब बाजार को बदल नहीं पा रहीं? या फिर ग्राहकों ने अपनी रणनीति बदल दी है?
हम्म... तो बीएफएसआई में 0.1% वृद्धि हुई? यानी बैंक अभी भी अपने लोन के बारे में सोच रहे हैं... जबकि टीसीएस का टेक बिजनेस गिर रहा है। क्या ये भारतीय आईटी की अंतिम चिंगारी है?
ये सब नंबर तो बस फैक्टरी में बनाए गए हैं। असली दुनिया में लोग नौकरी खो रहे हैं। टीसीएस का लाभ तो उनके बैंक खाते में जा रहा है, न कि रोजगार में।
मैं तो बस यही कहूँगा... जब तक हम अपने युवाओं को बस एक टेक जॉब देंगे, बाकी सब बहुत बड़ी बातें होंगी। लेकिन अगर वो जॉब भी गायब हो गई, तो क्या होगा? 😔
ये रिपोर्ट देखकर लगता है कि ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार हुआ है, लेकिन ग्रोथ ड्राइवर्स अब ट्रांसफॉर्मेशनल टेक्नोलॉजी और एआई-बेस्ड सॉल्यूशन्स पर ट्रांसिशन कर रहे हैं। इस ट्रांजिशन का असर अगली क्वार्टर में दिखेगा।
मुनाफा बढ़ा है तो बहुत अच्छा... लेकिन ये लोग जानते हैं कि नौकरियाँ कम हो रही हैं और वो अपनी बैग में पैसा भर रहे हैं।
हमारी कंपनियाँ तो अब बस इतना करती हैं कि बाजार में अच्छा नंबर दिखाएं... असली बात तो ये है कि हमारे बच्चे अब आईटी में नहीं जाना चाहते।
यहाँ देखा जा सकता है कि वृद्धि के आंकड़े उन क्षेत्रों में हैं, जहाँ बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है... लेकिन टेक्नोलॉजी और मीडिया में गिरावट एक संकेत है कि नवाचार की गति धीमी हो रही है।
मुनाफा बढ़ा... लाभांश घोषित... लेकिन टेक में गिरावट? ये तो बहुत अजीब है... जैसे कोई बड़ा बाजार बदल रहा हो।
यह रिपोर्ट बहुत व्यापक है, और इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया गया है, लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि जब एक क्षेत्र गिरता है, तो दूसरा बढ़ता है, और इसका मतलब है कि बाजार अभी भी लचीला है, और यह एक अच्छा संकेत है।
ये सब तो बस एक धोखा है... जब तक हम अपने डेटा को अमेरिका में भेज रहे हैं, तब तक हमारी अर्थव्यवस्था का विकास कैसे होगा? ये लाभ तो वहीं जा रहा है जहाँ बाजार नियंत्रित होता है।
लाभ बढ़ा है, लाभांश भी मिला... बस थोड़ा और टेक में फोकस करें तो बहुत बेहतर हो जाएगा।
क्या कभी सोचा है कि जब टेक्नोलॉजी गिर रही है, तो क्या ये भारत की आईटी इंडस्ट्री का अंत है? या बस एक नया शुरुआती मोड है? 🤔