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नव॰,2024
चक्रवात फेंगल के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी पर स्थित है और तेजी से कराईकल और महाबलीपुरम के बीच स्थिति स्थानों की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर कई क्षेत्रों में लाल अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के पूर्वानुमानों ने नागरिक और राज्य प्रशासन को सतर्कता की स्थिति में रखा है। चक्रवात के कारण 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवाओं की आशंका है, जो तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान का कारण बन सकती हैं।
तमिलनाडु सरकार ने चक्रवात का सामना करने के लिए व्यापक तैयारी की है। 2,000 से अधिक राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, और आपदा संभावित इलाकों से 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा, 4,100 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाएं तटों पर लौट आई हैं। सरकार ने ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) और ओल्ड महाबलीपुरम रोड (ओएमआर) पर सार्वजनिक परिवहन को भी निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, चेन्नई हवाई अड्डे की उड़ानों को दोपहर से शाम सात बजे तक के लिए रोक दिया गया है, जिससे उड़ानों में रद्द और देरी हो रही है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहे हैं और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र से राहत कार्यों का समन्वय कर रहे हैं। इससे राहत शिविरों में भोजन वितरण, जल निकासी के संचालन, और आपदा प्रतिक्रिया टीमों का प्रबंधन किया जा रहा है। उन्होंने स्थानीय निवासियों को घरों के भीतर रहने और तटीय क्षेत्रों के पास ना जाने की सलाह दी है। आईएमडी का कहना है कि चक्रवात के भूमि से टकराने के बाद भी तटीय और आंतरिक तमिलनाडु में भारी बारिश जारी रहेगी।
चक्रवात फेंगल का प्रभाव पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश और श्रीलंका पर भी देखा जा रहा है, जहां भारी बारिश, बाढ़, और भूस्खलन ने काफी नुकसान पहुँचाया है। अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र को चक्रवात के प्रभाव के लिए सजग रहने को कहा है। जबकि तमिलनाडु ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश की घोषणा की है। आईटी कंपनियों को भी कर्मचारियों को घर से कार्य करने की अनुमति देने के लिए प्रेरित किया गया है।
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने चक्रवात की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की, जहां नागरिकों को समुद्र तटों और मनोरंजन पार्कों की यात्रा से बचने की सलाह दी गई। पूरे तिरुवल्लूर और नागपट्टिनम जिलों में 164 परिवारों से संबंधित 471 लोगों को छह राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है। किसी भी अनहोनी स्थिति के लिए नौकाएं, जनरेटर, मोटर पंप्स और आवश्यक उपकरण तैयार रखे गए हैं, और एनडीआरएफ और राज्य बचाव दल को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएं हमेशा ही हमारे सामने अहम् चुनौतियों का सामना करती हैं। यह घटना एक बार फिर से हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे हमें प्राकृतिक स्रोतों के प्रति सावधानी से व्यवहार करना चाहिए और आपदाओं के प्रबंधन के लिए सतर्क रहना चाहिए। तमिलनाडु की सरकार की तत्परता और जनता की तैयारी बताती है कि प्राकृतिक आपदाओं से सामना करना कठिन जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं।
ये चक्रवात तो हर साल आता है फिर भी हम तैयार नहीं होते। सरकार बस रिपोर्ट लिखती है और फिर भूल जाती है।
तमिलनाडु की सरकार ने तो बहुत अच्छा किया। लेकिन ये सब तो बस दिखावा है। असली तैयारी तो तब होती है जब आप बारिश से पहले ही ड्रेनेज सिस्टम बना लें।
प्रकृति के सामने हम सब बहुत छोटे हैं... और फिर भी, हम अपनी अहंकार की दीवारों को ऊंचा बनाते रहते हैं। यह चक्रवात हमें याद दिला रहा है कि जीवन कितना अस्थिर है।
अच्छा हुआ कि सरकार ने राहत शिविर बनाए और मछुआरों को बचा लिया! लोगों को घर में रहने को कहा गया, ये बहुत जरूरी था। बहुत बढ़िया काम हुआ, बस अब थोड़ा और धैर्य रखें... हर चीज ठीक हो जाएगी।
मैं चेन्नई का रहने वाला हूँ, और ये सब देखकर दिल भर गया। एनडीआरएफ के लोग बिना किसी शिकायत के घूम रहे हैं, जनरेटर चल रहे हैं, पानी की टंकियाँ भरी हुई हैं। ये वो दृश्य हैं जो हमें गर्व देते हैं। असली ताकत लोगों में होती है।
तो फिर भी आईटी कंपनियाँ घर से काम करने की अनुमति दे रही हैं? वाह, ये तो अब तक का सबसे बुद्धिमान फैसला है। बस अब ये भी देख लो कि ऑफिस के लोग अपने बच्चों के साथ जूम मीटिंग में शामिल हो रहे हैं या नहीं।
सब बहुत अच्छा हुआ लेकिन अब भी बहुत लोग बाहर हैं।
यह चक्रवात केवल एक भौतिक आपदा नहीं है, यह एक नैतिक परीक्षा है। जब हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने के बजाय उसका शोषण करते हैं, तो वह अपना प्रतिशोध लेती है। हमारी अव्यवस्था, हमारी असंगठित योजनाएँ, हमारा अहंकार - ये सब चक्रवात के नुकसान का कारण हैं।
हम भविष्य के लिए नहीं, बल्कि अगले चुनाव के लिए काम करते हैं। यही वास्तविक आपदा है।
सब कुछ ठीक चल रहा है। लोग सुरक्षित हैं, टीमें काम कर रही हैं, और धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। बस थोड़ा सा इंतजार करें।