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जून,2024
रविवार को दोपहर 12:30 बजे के आसपास, कुछ उत्तर कोरियाई सैनिकों ने अनजाने में और अप्रत्याशित रूप से दक्षिण कोरियाई सीमा पार कर ली, जिससे वहां की सेना को चेतावनी गोलियाँ चलानी पड़ीं। जब उत्तर कोरियाई सैनिक, जिनमें से कुछ सशस्त्र थे, विवादित डीएमजेड इलाके में प्रवेश कर गए, तब दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी। चेतावनी गोलियाँ चलाने के साथ-साथ उन्होंने वार्निंग ब्रॉडकास्ट भी जारी किए, जिससे उत्तर कोरियाई सैनिक वापस अपनी सीमा में लौट आए।
हालांकि यह घटना तनावपूर्ण थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना किसी बड़ी दुश्मनी में बदलने की संभावना कम ही है। दक्षिण कोरियाई सेना ने इसे एक अनजाने में हुई गलती माना, क्योंकि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने इस पार जाने का कोई जानबूझकर कदम नहीं उठाया था और उत्तर कोरिया ने भी इसका जोरदार जवाब नहीं दिया।
डीएमजेड, यानी निष्क्रिय क्षेत्र, 248 किलोमीटर लम्बा और 4 किलोमीटर चौड़ा है। इसमें दुनिया की सबसे कड़ी सुरक्षा मौजूद है। यहां भूमि के अंदर दो मिलियन से ज्यादा माइंस बिछी हुई हैं, बाड़े, टैंक ट्रैप्स और युद्धक बल दोनों तरफ तैनात हैं। इस घटना के बाद से सीमा पर निगरानी और कड़ी कर दी गई है।
यह घटना दोनों देशों के बीच बढ़ते तनावों का हिस्सा है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ गुब्बारों के जरिए कचरा और खाद फेंकने का अभियान शुरू किया है, जिससे दक्षिण कोरिया ने भी जवाबी हमला करते हुए सीमांत लाउडस्पीकरों से उत्तरी कोरिया विरोधी प्रचार शुरू कर दिया है।
उत्तर कोरिया की ओर से यह अभियान दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं द्वारा गुब्बारों के जरिए उत्तर कोरिया में प्रचार सामग्री, यूएसबी स्टिक्स, के-पॉप गाने और दक्षिण कोरियाई ड्रामा शो भेजने के प्रत्युत्तर के रूप में शुरू किया गया था।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की बहन और वरिष्ठ अधिकारी किम यो जोंग ने, दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अपने लाउडस्पीकर प्रसारण और नागरिक लेफ्लेटिंग अभियानों को नहीं रोका, तो उन्हें 'नया उत्तर' मिलेगा।
दोनों देशों के बीच ये लगातार विरोधी प्रचार अभियान और प्रतिक्रिया देते रहना, उनकी अस्थिर संबंधों में और खटास डाल रहा है। उत्तर कोरिया के परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर लंबे समय से चल रही बातचीत भी ठप पड़ी है, जिससे स्थिति और जटिल होती जा रही है।
यह घटना इस बात को स्पष्ट करता है कि कोरिया प्रायद्वीप में शांति बनाए रखना आसान नहीं है। आने वाले समय में दोनों देशों को गंभीर उद्देश्य और ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि सीमा पर सुरक्षा और शांति बनी रहे। यदि दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू होती है और आपसी समझौते होते हैं, तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच हालिया घटनाओं ने साबित कर दिया है कि सीमा पर हर छोटी सी घटना भी दोनों देशों के मध्य संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इस प्रकार, ऐसे और भी घटनाएँ हो सकती हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि दृढ़ संयम बरता जाए और जल्द समाधानों पर जोर दिया जाए। केवल यही एक तरीका है जिससे दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता स्थापित हो सकती है।
ये सब तनाव तो बस एक बड़े खेल का हिस्सा है... दोनों तरफ के लोग अपने अपने घरों में बैठे बड़े बड़े फैसले ले रहे हैं, लेकिन असली दर्द तो सीमा पर खड़े सैनिकों का है। 😔
अरे ये उत्तर कोरिया वाले तो बस धमकी देने के लिए ही आते हैं। अगर वो सच में लड़ना चाहते तो गोलियां नहीं, बम चलाते।
सीमा पार होना अनजाने में हुआ तो फिर भी गोलियां चलाना जरूरी था... लेकिन ये जो बातचीत बंद हो गई है वो तो असली खतरा है। कोई बात नहीं हो रही तो छोटी गलतियां भी बड़े युद्ध बन जाती हैं
लोग बस गुब्बारे और लाउडस्पीकर से लड़ रहे हैं... असली बात ये है कि दोनों देशों के बच्चे एक दूसरे को नहीं जानते। एक दिन ये सब बंद हो जाएगा और हम सब अपनी बुद्धि के लिए शर्मिंदा होंगे 😅
क्या ये सब एक बड़ा साजिश है? क्या अमेरिका और चीन इसे इसलिए बढ़ा रहे हैं ताकि दक्षिण कोरिया को अपने नियंत्रण में रख सकें? ये सब बस एक बड़ा धोखा है... और हम सब इसके शिकार हैं... 🕵️♂️
अनजाने में पार करना? ये बहाना है। उत्तर कोरिया के सैनिकों को बिल्कुल पता होता है कि वो कहां हैं। ये सब एक टेस्ट है।
इतना तनाव और फिर भी दोनों देश बच्चों को नहीं भेज रहे? बस गुब्बारे और लाउडस्पीकर? ये तो बच्चों का खेल है।
ये सब तो बस एक बड़ी धोखेबाजी है। उत्तर कोरिया को असली ताकत नहीं है, लेकिन वो इसे दिखाने के लिए इतना शोर मचा रहा है कि लोग भूल जाएं कि वो असल में कमजोर है।
हर छोटी घटना को बड़ा बनाने की जरूरत नहीं। अगर दोनों तरफ से थोड़ा समझदारी से बात हो जाए तो ये सब ठीक हो जाएगा। शांति के लिए थोड़ा सहनशीलता चाहिए।
यह घटना अत्यंत गंभीर है। यह एक अंतरराष्ट्रीय नियम के उल्लंघन का उदाहरण है जिसे किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गुब्बारों से लड़ने की बजाय बातचीत करो। ये तो बच्चों की चाल है। और अगर तुम्हारी सेना गोलियां चलाती है तो तुम भी बर्बर हो।
मुझे लगता है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए, दोनों देशों को एक नियमित संवाद तंत्र बनाना चाहिए। यह बहुत जरूरी है।
अगर दोनों तरफ से थोड़ा अपने-अपने तरीके बदल दें तो ये सब ठीक हो जाएगा। बस थोड़ी शांति की जरूरत है।
तो अब गुब्बारे और लाउडस्पीकर से लड़ रहे हो... अगर ये युद्ध है तो तुम लोग तो बहुत बुद्धिमान हो। 😏
किम जोंग उन की बहन ने नया उत्तर देने की बात की... शायद वो न्यूक्लियर वार के बारे में सोच रही है
ये सब तो बस एक नाटक है। लोग देख रहे हैं, और तुम लोग इसे असली समझ रहे हो। बस थोड़ा सोचो।
ये सब अमेरिका की साजिश है ताकि भारत को भी युद्ध में खींच ले। दक्षिण कोरिया उनका गुलाम है और उत्तर कोरिया भी उनका नियंत्रित उपकरण है। अगर तुमने अभी तक नहीं समझा तो तुम बहुत अंधे हो