India A Women का अनौपचारिक टेस्ट में शुरुआती विफलता, आधे बल्लेबाज पहले ही हटे 21 सित॰,2025

पहला दिन: गोलियों के पास से भागना मुश्किल

Allan Border Field में 25 अगस्त को शुरू हुआ अनौपचारिक टेस्ट, जहाँ India A Women का सामना Australia A Women से हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर तुरंत गेंदबाज़ी का विकल्प चुना, क्योंकि पिच पर हल्की गति और कम घुमाव की उम्मीद थी। शुरुआती ओवरों में ही ऑस्ट्रेलिया की तेज़ गेंदबाज़ी ने भारतीय बल्लेबाज़ों पर दबाव डाल दिया।

Yastika Bhatia, Shafali Verma, Radha Yadav जैसे भरोसेमंद खिलाड़ी भी पहेली जैसी शर्तों में संघर्ष कर रहे थे। Bhatia ने 12 रन बनाकर ही जगह बना ली, Verma को सिर्फ 9 रन मिल पाए, और Yadav को 5 का छोटा स्कोर मिला। इस तरह आधे क्रम के छक्का बल्लेबाज़ पहले ही पवेलियन की ओर लौट आए।

ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी में तेज़ी और सटीक लीनिंग का मिला-जुला असर दिखा। उनके मुख्य सत्र में बहुत सारे बाउंस और स्विंग देखे गए, जो भारतीय टीम के लिए नया चुनौती बन गए। इस कारण खिलाड़ियों को अपने पैर की स्थिति और शॉट चयन पर तुरंत ध्यान देना पड़ा, पर दबाव इतना बड़ गया कि कई ही आउट हो गए।

दूसरे दिन और टूर का बड़ा चित्र

दूसरे दिन और टूर का बड़ा चित्र

पहले दिन की झटके के बाद भारत ने मध्यक्रम में कुछ स्थिरता दिखाने की कोशिश की, पर ऑस्ट्रेलिया की लगातार दबाव बनाए रखने की रणनीति ने उन्हें फिर से पीछे धकेल दिया। टीम मैनेजमेंट ने कहा कि यह शुरुआती असफलता टूर के बाकी हिस्सों को प्रभावित नहीं करेगी, क्योंकि भारत ने T20 और ODI में अच्छे प्रदर्शन किए हैं।

टूर के दौरान कुल चार फ़ॉर्मेट शामिल थे: दो T20, दो ODI और यह अनौपचारिक टेस्ट। limited‑overs में भारत की टीम ने कभी‑कभी तेज़ रफ़्तार से खेलने की क्षमता दिखाई, जबकि अब टेस्ट में टेक्निकल कौशल की कमी स्पष्ट हो रही है। चयनकर्ता अब इस बात पर विचार करेंगे कि कौन से खिलाड़ी टेस्ट में फिर से मौका पाएंगे और कौन से को ODIs में आगे बढ़ाने की जरूरत है।

ऑस्ट्रेलिया A Women की कप्तान ने कहा कि उन्होंने पिच और मौसम का पूरा फायदा उठाया है, और भारतीय टीम को आगे सुधार की गुंजाइश है। भारतीय कोचिंग स्टाफ का मानना है कि जल्दी ही अस्थायी रणनीति बदलकर, संतुलित साझेदारी बनाने से टीम की स्थिति सुधर सकती है।

  • पहला दिन: आधे क्रम के 6 बल्लेबाज़ आउट
  • टॉस के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहले गेंदबाज़ी चुनी
  • पिच पर तेज़ गति और हल्का स्विंग
  • भारत ने T20/ODI में मिश्रित परिणाम दिखाए
  • अगले दिन में तकनीकी सुधार की आवश्यकता स्पष्ट
टिप्पणि
Deepanker Choubey
Deepanker Choubey 22 सित॰ 2025

ये टेस्ट में बल्लेबाज़ी का अंदाज़ ही बदलना पड़ेगा भाई... T20 का जो जादू था, वो यहाँ काम नहीं करता। बल्ला घुमाना नहीं, बल्कि बैलेंस बनाना है। 🤯

Akshay Gulhane
Akshay Gulhane 23 सित॰ 2025

पिच पर स्विंग और बाउंस का मिश्रण भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए नया नहीं है पर उसके साथ दबाव बर्दाश्त करने की क्षमता अभी बन रही है। ये असफलता एक टेस्ट नहीं, एक ट्रेनिंग वर्कशॉप है।

Kiran Ali
Kiran Ali 23 सित॰ 2025

फिर से यही बात... टेस्ट क्रिकेट के लिए बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि बल्लेबाज़ी का अभ्यास करने वाले बच्चे चुन लिए जाते हैं। ये सब नाटक है।

Prince Nuel
Prince Nuel 24 सित॰ 2025

शाफाली को बाहर कर दिया? अरे भाई, ये तो बेसिक टेक्निकल फेलियर है। उसके लिए अलग से कोचिंग चाहिए नहीं तो टीम से बाहर।

akarsh chauhan
akarsh chauhan 26 सित॰ 2025

एक दिन की हार से डरने की जरूरत नहीं। इन लड़कियों ने T20 में जो किया, वो असली जीत है। टेस्ट में थोड़ा समय दो, वो खुद अपना रास्ता बना लेंगी।

Sunayana Pattnaik
Sunayana Pattnaik 26 सित॰ 2025

अगर इतनी आसानी से आउट हो रही हैं तो शायद उनकी चयन प्रक्रिया ही गलत है। कोई भी टेस्ट खिलाड़ी ऐसे शॉट्स नहीं खेलता जो बाउंस के खिलाफ बेकाबू हों।

Prashant Kumar
Prashant Kumar 27 सित॰ 2025

पिच पर हल्का स्विंग? ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी ने तो एक तरह का नया ब्रांड बना दिया है। भारत के बल्लेबाज़ तो अभी तक बैलेंस नहीं समझ पाए।

soumendu roy
soumendu roy 28 सित॰ 2025

हर खिलाड़ी के लिए टेस्ट क्रिकेट एक अलग भाषा है। ये जो लड़कियाँ टी-20 में चमक रही हैं, उन्हें टेस्ट के लिए अलग से ट्रेनिंग की जरूरत है। ये सिर्फ तकनीकी नहीं, मानसिक तैयारी का मुद्दा है।

Kanisha Washington
Kanisha Washington 30 सित॰ 2025

इस खेल में बल्लेबाज़ को अपने आप को बदलना पड़ता है। शाफाली को भी अब धैर्य सीखना होगा। ये नहीं कि बल्ला मारना है, बल्कि बल्ला लगाना है।

Rajat jain
Rajat jain 2 अक्तू॰ 2025

अगले दिन बल्लेबाज़ी का अंदाज़ बदलेगा। ये असफलता टीम को असली रास्ता दिखाएगी।

Roy Brock
Roy Brock 3 अक्तू॰ 2025

ये सब तो बस एक दिखावा है... एक ऐसा दिखावा जिसमें लड़कियाँ अपने आप को नष्ट कर रही हैं। जब तक इनके लिए एक गहरी रणनीति नहीं बनेगी, तब तक ये सिर्फ दर्द का नाटक चलता रहेगा। ये टीम नहीं, एक अस्थायी दिखावा है।

एक टिप्पणी लिखें