टी20आई क्रिकेट में 23 अक्टूबर को वह ऐतिहासिक दिन था जब ज़िम्बाब्वे ने गाम्बिया के खिलाफ मैदान पर उतरकर इतिहास रच दिया। मैच की शुरुआत से ही ज़िम्बाब्वे की टीम का तेज़ तर्रार प्रदर्शन दिखने लगा। कप्तान सिकंदर रज़ा की अगुवाई में, टीम ने पूरे मैच के दौरान ऐसा विस्फोटक खेल दिखाया जिससे मैदान पर मौजूद हर क्रिकेट प्रेमी आश्चर्यचकित रह गया।
सिकंदर रज़ा की अविश्वसनीय पारी ने सिर्फ 33 गेंदों में टी20आई का दूसरा सबसे तेज शतक लगाया। इस प्रभावशाली इनिंग के दौरान उन्होंने 133 रन बनाये जिसमें उन्होंने 8 चौके और 15 छक्के मारे। यह प्रदर्शन आज तक के सबसे विध्वंसकारी टी20आई पारियों में से एक गिनी जाएगी। इसके साथ ही, ज़िम्बाब्वे की टीम ने कुल 344 रन बनाकर नया इतिहास रच दिया।
मैच की शुरुआत से ही ज़िम्बाब्वे के ओपनर्स ब्रायन बेनेट और तडिवनाशे मारुमानी ने तेज़ बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया। उन्होंने मिलकर केवल 34 गेंदों में 98 रन जोड़ डाले, जिससे टीम को मजबूत आधार मिला। मारुमानी ने मात्र 13 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और उसके बाद 62 रनों की तेज़ पारी खेली। उनकी पारी में 9 चौके और 4 बड़े छक्के शामिल थे। जबकि बेनेट ने भी 50 रन बनाए जिसमें 7 चौके और 1 छक्का शामिल था।
डियन मेयर के 12 रन पर आउट होने के बाद, सिकंदर रज़ा और रयान बर्ल ने तेजी से 60 रन की साझेदारी की। इस दौरान दोनों ने महज 24 गेंदों का सामना किया। बर्ल के आउट होने पर, क्लाइव मडांडे ने रज़ा का साथ दिया और दोनों ने मिलकर 141 रनों की साझेदारी की। रज़ा ने अपनी पारी के मध्य में बल्ले से अद्भुत खेल का प्रदर्शन किया। उन्होंने 20 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया था लेकिन 17वें ओवर में जैसे ही उन्होंने काल्पनिक तरीके से मस्सा जोबार्तेह की गेंदबाजी पर 35 रन जड़े, मैदान पर मौजूद हर दर्शक खड़ा होकर तालियाँ बजाने लगा।
ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने इस मैच में छक्कों और चौकों की बारिश कर दी। पूरी पारी में कुल 27 छक्के जड़े गए, जिससे उन्होंने नेपाल का 26 छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। न केवल छक्के बल्कि चौकों की संख्या भी बेहद ज्यादा थी, जिससे एक नया इतिहास रचते हुए कई कीर्तिमान स्थापित हुए। रज़ा और मडांडे की जोड़ी ने मैदान के हर कोने पर गेंद पहुँचाई।
यह मैच न केवल एक रिकॉर्ड-ब्रेकिंग इवेंट के रूप में याद किया जाएगा बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के लिए दशकों तक प्रेरणा के रूप में भी रहेगा। सिकंदर रज़ा की इस पारी ने उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय हीरो बना दिया है और ज़िम्बाब्वे की इस शानदार जीत ने क्रिकेट की किताब में एक नई गाथा जोड़ दी है। दर्शकों और मीडिया ने इस प्रदर्शन को लंबे समय तक याद रखा और इसे कई सालों तक चर्चा का विषय बना दिया। यह वास्तव में एक ऐसा पल था जिसने देश का गौरव बढ़ाया और क्रिकेट की फिर से परिभाषा दी।
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