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जून,2024
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ने घोषणा की है कि नंदिनी दूध के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जाएगी। यह वृद्धि कल से सभी प्रकार के नंदिनी दूध पर लागू होगी, जिसमें टोंड, स्टैंडर्ड और फुल-क्रीम दूध शामिल हैं। यह निर्णय उत्पादन लागत में हुई व्यापक वृद्धि के कारण लिया गया है, जिसमें चारा, पशु आहार और परिवहन लागत शामिल हैं।
दूध के दाम में यह वृद्धि उन किसानों और दुग्ध उत्पादकों के लिए राहत लेकर आई है, जो लगातार बढ़ती उत्पादन लागत के कारण संघर्ष कर रहे थे। KMF का मानना है कि यह कदम राज्य में दुग्ध उत्पादन को स्थिर रखने में मदद करेगा।
वर्तमान में, दुग्ध उत्पादन की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। चारे और पशु आहार की कीमतों में वृद्धि, साथ ही ईंधन और परिवहन की लागत में बढ़ोतरी ने किसानों के लिए कठिन परिस्थिति पैदा कर दी है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, KMF ने दूध के दाम बढ़ाने का निर्णय लिया है।
दूध के दाम में वृद्धि का सबसे प्रत्यक्ष प्रभाव उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिन्हें अब अपनी दैनिक दूध खपत के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी। हालांकि, KMF ने यह स्पष्ट किया है कि यह कदम किसानों और स्थानीय दुग्ध उद्योग के हित में उठाया गया है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दूध की खपत में बढ़ोतरी के चलते, यह वृद्धि विशेष रूप से नगरीय उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। इसके बावजूद, यह निर्णय आवश्यक था ताकि दुग्ध उत्पादन की स्थिरता बनी रहे और किसानों को उचित मुनाफा मिल सके।
KMF ने इस निर्णय के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए बताया है कि लगातार बढ़ती उत्पादन लागत के कारण यह कदम उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस वृद्धि के माध्यम से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य में दुग्ध उत्पादन को स्थिर भी किया जा सकेगा।
KMF के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने यह निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया है। हमें उम्मीद है कि हमारे उपभोक्ता इस वृद्धि को समझेंगे और दुग्ध उत्पादकों की स्थितियों को बेहतर बनाने में हमारा सहयोग करेंगे।'
दाम वृद्धि के बावजूद, KMF ने इस बात की गारंटी दी है कि दूध की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि नंदिनी दूध की गुणवत्ता और सेवा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह वृद्धि केवल उत्पादन लागत को कवर करने के लिए की गई है, ताकि दुग्ध उत्पादकों को उचित मुनाफा मिल सके।
दूध के दाम में वृद्धि के बावजूद, KMF ने यह स्पष्ट किया है कि वे उपभोक्ताओं की सेवा में कोई कमी नहीं आने देंगे। 'हम हमेशा अपने ग्राहकों के संतोष को प्राथमिकता देते रहे हैं और आगे भी देते रहेंगे,' KMF अधिकारी ने कहा।
KMF भविष्य में भी दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हित में विभिन्न पहल करने की योजना बना रही है। इसमें दुग्ध उत्पादकों के लिए सब्सिडी, तकनीकी समर्थन और उनके उत्पादों के लिए बाजार में बेहतर पहुंच शामिल हैं।
KMF ने यह भी कहा है कि वे उत्पादन लागत को कम करने के लिए विभिन्न उपायों पर काम कर रहे हैं, जिससे भविष्य में दामों को स्थिर रखा जा सके।
इस प्रकार, कर्नाटक में दुग्ध उत्पादन और वितरण प्रणाली में स्थिरता बनाए रखने के लिए KMF के यह कदम महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।
फिर से ये बढ़ोतरी। अब दूध ही नहीं बचेगा तो जिंदगी भी नहीं।
इस वृद्धि का उद्देश्य स्पष्ट है: किसानों को सम्मान देना। लेकिन क्या हम उपभोक्ता के रूप में इसका भार सहन करने के लिए तैयार हैं?
ये दूध सिर्फ दूध नहीं, ये दक्षिण भारत की जिंदगी का हिस्सा है। जब तक हम इसे समझेंगे, तब तक किसान बर्बाद नहीं होंगे।
क्या आपने कभी सोचा कि ये दो रुपये किसान के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं? मैं तो समझता हूँ कि ये बढ़ोतरी बिल्कुल न्यायसंगत है।
इतनी सरल बात पर इतना बहस? दूध की कीमत बढ़ी तो क्या हुआ? अगर आप दूध नहीं पी सकते तो दही या घी पी लीजिए। आपकी जिंदगी का आधार नहीं है ये।
बहुत अच्छा कदम है भाईयों! किसानों को सम्मान मिल रहा है। हम भी थोड़ा बलिदान कर लें। दूध नहीं तो जीवन नहीं! 🙏
अब तो ये दूध भी लक्ज़री बन गया है। हमारी आम आदमी की आम जिंदगी के लिए ये बहुत ज्यादा है।
ये सब बकवास है। दूध की कीमत बढ़ाने से क्या होगा? बस एक और अमीर बनेगा। आप सब ये समझते हो कि किसान कितना बर्बाद है? नहीं। आप सिर्फ अपने घर की बात सोचते हो।
ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। दूध की कीमत बढ़ाकर सरकार और KMF ने लोगों को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। अगला कदम क्या होगा? दूध पीने के लिए परमिट?
जीवन एक गोल है... दूध भी गोल है... और अब उसकी कीमत भी गोल हो गई 😂
मुझे लगता है कि ये निर्णय बहुत समझदारी से लिया गया है। अगर हम किसानों को नहीं समझेंगे तो भविष्य में दूध भी नहीं मिलेगा।
मुझे लगता है कि इस वृद्धि के बाद भी दूध की गुणवत्ता और उपलब्धता बनी रहेगी, और यही तो महत्वपूर्ण है, क्योंकि दूध न केवल एक पौष्टिक आहार है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक आधार भी है जिस पर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी टिकी हुई है, और इसके बिना हमारा दिन अधूरा लगता है, और इस वजह से हमें इस छोटी सी वृद्धि को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि यह एक बड़े उद्देश्य के लिए है।
अब तो दूध पीने के लिए बैंगलोर जाना पड़ेगा। ये दूध बढ़ोतरी तो बिल्कुल देशद्रोह है। किसानों को बचाने के नाम पर हमें लूट रहे हैं। ये KMF बस अपना बैंक बैलेंस बढ़ा रहा है।