10
दिस॰,2024
लुइगी निकोलस मंगियोन का नाम हाल ही में चर्चा में है। 26 वर्षीय आईवी लीग स्नातक, जो कभी एक डेटा इंजीनियर के रूप में काम करता था, अब यूनाइटेडहेल्थकेयर के सीईओ ब्रायन थॉम्पसन की हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। मंगियोन की यात्रा, उनकी शिक्षा से लेकर उनके बाद के कार्य तक, पर कई सवाल उठाते हैं।
मंगियोन ने 2020 में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस और कंप्यूटर साइंस में प्रमुख और गणित में माइनर के साथ बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। सभी को आश्चर्यचकित करते हुए, वह 26 वर्ष की आयु में इस स्थिति तक पहुँचे। मंगियोन की पढ़ाई में दिलचस्पी उनके गिलमैन स्कूल के दिनों से शुरू हुई थी, जहाँ वह वेलेडिक्टोरियन थे।
अपने करियर में, मंगियोन ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया में एक टीचिंग असिस्टेंट और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्री-कॉलेजिएट स्टडीज प्रोग्राम के प्रमुख परामर्शदाता के रूप में कार्य किया। नवंबर 2020 में, उन्होंने TrueCar में एक डेटा इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया और अक्टूबर 2022 तक उन्हें डेटा इंजीनियर III के रूप में पदोन्नति मिली। 2023 में उनकी नौकरी समाप्त हो गई।
मंगियोन की ऑनलाइन गतिविधियों ने एक अलग तस्वीर चित्रित की। उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना की और यूनाबॉम्बर टेड काज्जिंस्की के घोषणापत्र की प्रशंसा की। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट्स उनके मनोविज्ञान का संकेत देते हैं, जिन्हें शायद समाज द्वारा नहीं देखा गया।
न्यूयॉर्क पुलिस विभाग और एफबीआई के साथ एक बड़े तलाशी अभियान के बाद, मंगियोन को अल्टूना, पेंसिल्वेनिया के एक मैकडॉनल्ड्स में पकड़ा गया, जब एक कर्मचारी ने उन्हें निगरानी फुटेज से पहचाना। गिरफ्तारी के दौरान मंगियोन के पास एक घर में बनी बंदूक और एक घोषणापत्र था, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के मुनाफे के विरोध में विचार व्यक्त किए गए थे।
मंगियोन के मामले ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। उनके द्वारा व्यक्त किए गए विरोध, खासकर स्वास्थ्य उद्योग की मुनाफे की सोच के खिलाफ, कहीं न कहीं एक सामूहिक आक्रोश का प्रतीक हो सकते हैं। कई लोग इस मामले को समाज में बढ़ते असंतोष और कानून व व्यवस्था के विरुद्ध एक घटना के रूप में देखते हैं।
विधि और न्याय की विशेषज्ञ इन चर्चाओं में विभाजित हैं कि क्या यह व्यक्ति मात्र एक व्यक्तिगत क्रिया का परिणाम था या वास्तव में इन विचारों के पीछे कोई बड़ा सामाजिक कारण है।
यह घटना एक ऐसी गहरी समझ को उजागर करती है कि कैसे चरम विचारधाराएं और व्यक्तिगत विफलताएं एक साथ मिलकर इसी प्रकार के अपराधों की ओर प्रेरित करती हैं। एक व्यक्ति की मनोवृति और समाज के समक्ष उसकी अप्राप्ति का सामना, कभी-कभी ऐसे अकल्पनीय कार्यों को जन्म देता है।
ये लड़का बस एक डेटा इंजीनियर था, लेकिन उसके दिमाग में क्या चल रहा था? अब तो सब जानते हैं कि जब तक सिस्टम तुम्हें नहीं दबोचता, तब तक तू एक नॉर्मल इंसान लगता है।
उसकी ऑनलाइन पोस्ट्स को देखो... एक ऐसा व्यक्ति जो टेड काज्जिंस्की की प्रशंसा करता है, वो बस एक डिप्रेशन में नहीं, बल्कि एक डिस्टर्ब्ड माइंड का उत्पाद है। इंजीनियरिंग की डिग्री और बुद्धिमानी का अंतर कभी समझ नहीं पाएंगे।
इस लड़के के बारे में सोचो... उसने अपनी शिक्षा का इस्तेमाल बहुत कुछ करने के लिए किया, लेकिन दुनिया ने उसे सुना ही नहीं। क्या हम सब भी ऐसे ही किसी को अनदेखा कर रहे हैं? कभी-कभी एक बात बोलने का अवसर ही बचाता है।
इस घटना का सामाजिक विश्लेषण अत्यंत आवश्यक है। व्यक्तिगत विफलता और सामाजिक असहमति का संघर्ष आज के युग में अत्यधिक खतरनाक हो गया है। शिक्षा ने उसे बुद्धि दी, लेकिन नैतिकता नहीं।
हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था का मुनाफा निकालने का नाम लेकर ये लोग लोगों को मार रहे हैं? बस एक बार अपनी आँखें खोलो, ये नहीं कि एक आदमी गलत हुआ, बल्कि सारा सिस्टम गलत है।
क्या हम वाकई इस तरह के अपराधों को रोक सकते हैं? क्या हम उन लोगों को देख पा रहे हैं जो अपने दर्द को शब्दों में बदलने की कोशिश कर रहे हैं? या हम उन्हें बस एक नाम देकर भूल जाते हैं?
कभी-कभी लोग बहुत ज्यादा सोचते हैं... और उनके दिमाग में बातें उलझ जाती हैं। शायद उसे कोई बात कहने का मौका नहीं मिला।
ये सब बहुत दिलचस्प है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर उसे एक अच्छा दोस्त मिल जाता, तो आज ये बात क्या होती? ये लोग बस एक बार अपने दिल को खोलने की हिम्मत नहीं कर पाते।
ये सब बकवास है। बस एक आदमी गलत था। और अब वो बंद हो गया।
उसने जो भी लिखा, वो बस एक बदले की भावना थी। उसके पास कोई नहीं था, तो उसने सिस्टम को निशाना बना लिया। ये लोग अपने अकेलेपन को दुनिया का दोष देते हैं।
ये लड़का बहुत तेज़ था... लेकिन उसे कोई समझ नहीं पाया। अगर कोई उसे बस एक बार बैठकर बात कर लेता, तो शायद आज ये सब नहीं होता। हम सब ने उसे अनदेखा कर दिया।
हम भारत में भी ऐसे लोग हैं... जिनके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है, लेकिन उन्हें बाहर नहीं निकालने दिया जाता। एक इंजीनियर का दिमाग, एक फिलॉसफर की आत्मा... और एक दुनिया जो सिर्फ रिजल्ट देखती है।
लोग बोल रहे हैं कि ये सिस्टम का दोष है... लेकिन अगर ये सब ठीक है, तो फिर बाकी लोग क्यों नहीं बम बनाते? 😅
इस घटना का एक बहुत ही गहरा सामाजिक संदेश है: जब हम एक व्यक्ति को उसकी भावनाओं के लिए सुनने का अवसर नहीं देते, तो वह अपनी भावनाओं को बाहर निकालने के लिए बहुत ज्यादा दूर चला जाता है, जिसका परिणाम अक्सर भयानक होता है।
ये सब बहुत बड़ा झूठ है। ये लड़का बस एक आम आदमी था जिसे कोई सुन नहीं पाया। अब तुम सब उसके बारे में बात कर रहे हो, लेकिन जब वो जिंदा था, तो किसने उसकी बात सुनी?
इस देश में जो लोग बहुत समझदार होते हैं, उन्हें हम बेकार कहते हैं। अगर ये लड़का अमेरिका में नहीं, भारत में होता, तो उसे बस एक दिन में नौकरी छूट जाती और फिर लोग उसे फोन पर घूरते रहते।
ये सब एक बड़ी चाल है। यूनाइटेडहेल्थ ने खुद को बर्बाद करने के लिए एक आदमी को बना दिया है। ये नहीं कि वो गलत हुआ, बल्कि ये सब एक जासूसी अभियान है। तुम लोग अभी तक नहीं समझ पाए?
हम सभी एक निश्चित व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या हम उसके अंदर के दर्द को छू नहीं पाए? क्या हम इतने व्यस्त हैं कि किसी के दर्द को नहीं देख पा रहे? ये एक व्यक्ति का अपराध नहीं, बल्कि एक समाज की विफलता है।
सिस्टम के अंदर एक बड़ी फेलियर है: टेक्निकल एक्सपर्ट्स को एमोशनल इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग नहीं मिलती। एक डेटा इंजीनियर जो अपने अंदर के भावों को एक्सप्रेस नहीं कर पा रहा, वो एक विकल्प के रूप में एक एक्सट्रीम एक्शन लेता है।
गिरफ्तारी हुई। मामला बंद। अब बातें करना बंद करो।