नई दिल्ली के मौसम केंद्र ने 4 अक्टूबर को नारंगी‑पीली चेतावनी, पंजाब‑राजस्थान में भारी बारिश 6 अक्तू॰,2025

जब प्रादेशिक मौसम केंद्र नई दिल्ली ने 4 अक्टूबर 2025 के लिए नारंगी‑पीली चेतावनी जारी की, तो पूरे उत्तर‑पश्चिम भारत में मौसम का स्वर बदल गया। विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तक बवाबर्दस्त वृष्टि और तेज़ हवाओं की संभावना है। इस बीच अरब सागर में सक्रिय चक्रवात "शक्ति" का रुख बदल रहा है, जिससे गुजरात‑राजस्थान‑महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में अतिरिक्त बाढ़‑जोखिम उत्‍पन्न हो सकता है।

मौसम चेतावनियों का विस्तृत विवरण

प्रादेशिक मौसम केंद्र ने दो स्तर की चेतावनी जारी की: नारंगी (सावधानी की उच्चतम स्तर) और पीली (सावधानी की मध्यम स्तर)। नारंगी चेतावनी विशेष रूप से पंजाब में 5 अक्टूबर को 40‑50 किमी/घंटा की गति से धुंध‑तूफानी हवाओं और ओलावृष्टि के साथ जारी की गई, जबकि पीली चेतावनी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू‑कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में लगाई गई।

मुख्य बिंदु:

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं‑कहीं अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना।
  • पंजाब में 5 अक्टूबर को ओलावृष्टि, गर्जन‑बिजली और 40‑50 किमी/घंटा की झोंकेदार हवा।
  • हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में 4‑5 अक्टूबर को मिश्रित मौसम, जहाँ पीली चेतावनी लागू है।
  • जम्मू‑कश्मीर में 5 अक्टूबर को ओलावृष्टि के साथ संभावित बर्फ़ीली बूँदें।

चक्रवाती तूफान "शक्ति" का प्रभाव

अभी चक्रवाती तूफान "शक्ति" अरब सागर पश्चिमी उत्तर‑पश्चिम दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। अगले 24 घंटों में यह गंभीर साइक्लोन (सीवियर साइक्लोन) बन जाएगा और अब उसका रुख दक्षिण‑दक्षिण‑पश्चिम की बजाय दक्षिण‑पश्चिम की ओर मोड़ा गया है। इस बदलाव के कारण गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में लहरें तेज़ हो रही हैं, जिससे समुद्री किनारों पर खारी लहरें और संभावित बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।

दिल्ली‑NCR में विशेष मौसम पूर्वानुमान

दिल्ली में 4 से 6 अक्टूबर तक आसमान में निरंतर बादल छाए रहेंगे। 5 अक्टूबर की शाम और रात्रि में गरज‑बिजली की संभावना है, पर अत्यधिक वर्षा नहीं होगी। विभाग ने बताया कि अक्टूबर महीने में दिल्ली का औसत तापमान 26°C से 36°C के बीच रहेगा, और कुल बारिश केवल 7 mm की अपेक्षा है। विशेष रूप से 6 अक्टूबर को 12 mm मध्यम बारिश की संभावना, अधिकतम तापमान 30°C, न्यूनतम 24°C, आर्द्रता 80% और हवा की गति 6 km/h होगी। अगले दो दिनों में सौर प्रकाश औसतन 11.9 घंटे रहेगा, जिससे बाहर के कार्यक्रम और शहरी गतिशीलता पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा।

वापसी वाले क्षेत्रों में जनता की प्रतिक्रियाएँ

वापसी वाले क्षेत्रों में जनता की प्रतिक्रियाएँ

पंजाब के किसान संघों ने हल्की चेतावनी के बावजूद फसल संरक्षण के लिए शीघ्र कार्रवाई का आह्वान किया। संक्षिप्त बयान में जम्मू‑कश्मीर के स्थानीय प्रशासन ने बाढ़‑जोखिम वाले गांवों को संपर्क रहित रहने की सलाह दी। राजस्थान में ग्रामीणों ने पहले से ही नैतिक मदद के तौर पर जलरोधक बाड़े और सूखे के लिए जल संग्रहण टैंकों को तैयार किया है। इन उपायों से जीवन‑रक्षा में मदद मिलने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की दिशा

सीआईएसएस द्वारा परामर्शित वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अमित वर्मा ने कहा, “भारत में इस समय की मौसमी स्थिति अनोखी है; समुद्री साइक्लोन की दहलीज कम हो रही है और पश्चिमी भारत में बरसात की संभावनाएं बरसात के साथ अनिश्चितता को बढ़ा रही हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगले सप्ताह तक "शक्ति" का ट्रैकिंग जारी रहेगा, और यदि वह आगे भी प्रगतिशील दिशा में चले तो मध्य भारत में अतिरिक्त संवेदनशीलता उत्पन्न हो सकती है।

आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?

आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?

मौसम विभाग ने कहा कि 7‑9 अक्टूबर के लिए अद्यतन चेतावनियां जारी की जाएंगी, और जनता को स्थानीय मौसम केंद्रों से जारी अपडेट पर नज़र रखने की सलाह दी गई है। साथ ही, विशेष रूप से जलप्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन प्रबंधन दल को तत्पर रहने का निर्देश दिया गया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नारंगी‑पीली चेतावनी का क्या अर्थ है?

नारंगी चेतावनी सबसे अधिक जोखिम दर्शाती है, जिससे भारी वर्षा, तेज़ हवाओं और ओलावृष्टि की संभावना होती है। पीली चेतावनी मध्यम जोखिम को दर्शाती है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए।

चक्रवात "शक्ति" के कारण किन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा है?

मुख्य रूप से गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में समुद्री लहरों के बढ़ने से तटीय बाढ़ की संभावना है। स्थानीय प्रशासन इन क्षेत्रों में पूर्व चेतावनी प्रणाली को सक्रिय कर रहा है।

दिल्ली में इस सप्ताह के मौसम से दैनिक जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

दिल्ली में बादल छाए रहने के कारण धूप के विकल्प कम होंगे, पर हल्की वर्षा और गरज‑बिजली के कारण बाहर के कार्यक्रमों में कुछ बदलाव की आवश्यकता पड़ सकती है। तापमान 26‑36°C के बीच रहेगा, इसलिए सामान्य जलयोजन आवश्यक है।

पंजाब में भारी बारिश से कृषि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

पंजाब में तेज़ हवाओं और ओलावृष्टि के कारण फसल के निचले हिस्से को नुकसान पहुँच सकता है। किसानों ने पहले से ही प्लास्टिक कवर्स और जल निकासी के उपाय लागू किए हैं, जिससे संभावित नुकसान को सीमित किया जा सकेगा।

भविष्य में ऐसी मौसम स्थितियों को कैसे पहचाना जा सकता है?

मौसम विज्ञान में उन्नत सैटेलाइट निगरानी और एआई‑आधारित प्रेडिक्शन मॉडल का उपयोग बढ़ रहा है। इन तकनीकों से चक्रवात की तीव्रता और दिशा का पहले से अनुमान लगाना संभव हो रहा है, जिससे सरकार और जनता समय पर तैयारी कर सकते हैं।

टिप्पणि
Sweta Agarwal
Sweta Agarwal 6 अक्तू॰ 2025

नारंगी चेतावनी? बस, मौसम विभाग ने अब बहुत ही रोमांचक ड्रामा शुरू कर दिया है।

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