नेट स्किवर‑ब्रंट ने ट्रेंट रॉकेट्स की कप्तानी छोड़ी, हार्ड‑वर्क के बीच मातृत्व‑संतुलन 12 अक्तू॰,2025

जब नेट स्किवर‑ब्रंट ने आधिकारिक तौर पर ट्रेंट रॉकेट्स की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया, तो पूरे महिला क्रिकेट जगत में हल्की-सी हलचल मच गई। दो महीने पहले इंग्लैंड की नई महिला टीम कप्तान बने ओवरस्ट्रॉंगर ने, बढ़ते काम के बोझ को संभालने के लिए यह कदम उठाया। द हंड्रेड 2025 के शुरुआती चरणों से ठीक पहले, वह अब सिर्फ एक ताकतवर खिलाड़ी के रूप में टीम में रहेंगी, कप्तान नहीं।

कप्तानी छोड़ने का कारण और समय‑सीमा

इंग्लैंड महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की कप्तानी का दायित्व पिछले दो महीनों में उनका कामकाज दोगुना कर दिया था। इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम ने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ T20I और ODI दोनों श्रृंखलाओं में 3‑0 की सफ़लता हासिल की, और अभी भारत के खिलाफ पांच‑मैच T20I और तीन‑मैच ODI श्रृंखला की तैयारियां चल रही थीं। इस बीच, नई माँ बनने के बाद थिओ नामक छोटे बेटे की देखभाल भी उनके शेड्यूल में जुड़ गई। "काम और परिवार दोनों को बराबर देना आसान नहीं है, लेकिन मैं कोशिश करूँगी," उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा।

व्यक्तिगत उपलब्धियां और हालिया प्रगति

स्किवर‑ब्रंट ने न सिर्फ इंग्लैंड को जीत दिलाई, बल्कि कई ऐतिहासिक आंकड़े भी बनाए हैं। वह पहली अंग्रेज़ महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने T20I में हेट‑ट्रिक ली, और "नेटमेग" शॉट—जब बॉल उनके पैरों के बीच से गुजरती है—उनके नाम से मशहूर है। 7 मार्च 2021 को न्यू ज़ीलैंड के खिलाफ तीसरे WT20I में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कप्तान बनीं, जब नियमित कप्तान हेदर नाइट चोटिल हो गईं। इसी साल 6 सितंबर 2022 को भारत के घर‑मैच में कप्तान रीढ़ बनाईं, लेकिन दो दिन बाद मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए खुद को हावी कर लीं।

मातृत्व, पार्टनरशिप और समर्थन

मार्च 2025 में साथिए के साथ उनका बेटा थिओ जन्मा। कॅथरिन स्किवर‑ब्रंट, उनका जीवनसाथी, ने बताया कि घर और मैदान दोनों में उनका समर्थन हमेशा "अटूट" रहा है। टीममेट टैमी ब्योमेंट ने कहा, "नैट की दृढ़ता और पेशेवर एथलीट के रूप में उनका समर्पण हर किसी को प्रेरित करता है।" ये शब्द सिर्फ प्रशंसा नहीं, बल्कि नई माँ को ट्रैक पर बनाए रखने की कठिन यात्रा के लिए सच्चा सम्मान भी हैं।

ट्रेंट रॉकेट्स पर असर और अगली लहर

आगे बढ़ते हुए, स्किवर‑ब्रंट ने इस सीजन में अपनी दूसरी अर्धशतक (50) भी बनाई, जबकि अब वह सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर रूचि रखती हैं। ट्रेंट रॉकेट्स ने अभी तक नया कप्तान नहीं घोषित किया है, लेकिन फ्रेंचाइज़ी ने बताया कि वे "टैलेंटेड लीडर" की तलाश में हैं, ताकि टीम का संतुलन बना रहे। उम्दा खिलाड़ी के रूप में उनका फोकस बैटिंग और फील्डिंग पर रहेगा, जिससे युवा खिलाड़ी सीख सकेंगे कि "काबिलियत से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।"

इतिहास और भविष्य: महिला द हंड्रेड का महत्व

इतिहास और भविष्य: महिला द हंड्रेड का महत्व

जब द हंड्रेड की शुरुआत हुई, तो इसका लक्ष्य महिला क्रिकेट को भी तेज़, रोमांचक और दर्शनीय बनाना था। नेट की तरह कई खिलाड़ी अब दो‑तीन फ़ॉर्मेट में एक साथ खेल रही हैं, जिससे शारीरिक तनाव बढ़ गया। इसलिए स्किवर‑ब्रंट की इस तरह की राहत‑भरी फैसला कई सहकर्मियों को भी अपने करियर‑संतुलन के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी खुली बातें युवा पीढ़ी को खेल‑जीवन‑परिवार संतुलन की ओर जागरूक करेंगी।

बच्चों का बचपन, बहु‑स्पोर्ट इतिहास और शिक्षा

एक मजेदार तथ्य: नेट का जन्म टोक्यो में हुआ था, जब उनकी माँ जुलिया लोंगबॉटम, एक ब्रिटिश राजनयिक, वहीं पोस्टेड थीं। जुलिया अब यूके की जापान में राजनयिक प्रेषित हैं (मार्च 2021 से)। पिता रिचर्ड एक बिज़नेस एग्ज़ीक्यूटिव हैं। बचपन में नेट ने पोलैंड में महिला फुटबॉल लीग और नीदरलैंड में बास्केटबॉल खेली—यह बहु‑स्पोर्ट पृष्ठभूमि उनके एथलेटिक इंटेलिजेंस को बढ़ावा देती रही। उन्होंने एपसम कॉलेज (सर्रे, इंग्लैंड) में 2007‑2011 में पढ़ाई की, जहाँ उन्होंने भविष्य की टीममेट ऐलिस डेविडसन‑रिचर्ड्स के साथ क्रिकेट खेली। बाद में वह लफ़बरो यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज़ साइंस की पढ़ाई पूरी कर, प्रोफेशनल क्रिकेट की राह पर कदम बढ़ाया।

आगे क्या?

ट्रेंट रॉकेट्स जल्द ही नई कप्तान का नाम घोषित करेगा; अफवाहों के अनुसार, यह टीम के अनुभवी बैटर हेलन किक हो सकती है। वहीं, स्किवर‑ब्रंट को इंग्लैंड के खिलाफ भारत की श्रृंखला में अपनी कप्तानी की शैली दिखाने का बड़ा मंच मिला है। उनका लक्ष्य सिर्फ जीत नहीं, बल्कि टीम को मानसिक रूप से मजबूती देना भी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नेट स्किवर‑ब्रंट ने क्यों कप्तानी छोड़ी?

इंग्लैंड की नई कप्तान बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय मैच, घरेलू लीग और नई मातृत्व की जिम्मेदारियां एक साथ संभालना बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया। उन्होंने बताया कि इस चरण में व्यक्तिगत स्वास्थ्य और टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने कप्तानी का दबाव हटाने का निर्णय लिया।

ट्रेंट रॉकेट्स अब किसे अपनी नई कप्तान मानेंगे?

आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, पर कई विश्लेषकों का मानना है कि अनुभवी बैटर हेलन किक को इस भूमिका में देख सकते हैं, क्योंकि उन्होंने पहले भी टीम में नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।

मातृत्व ने नेट के खेल पर कैसे असर डाला?

माता बनने के बाद भी नेट ने अपने बैटिंग फ़ॉर्म को बरकरार रखा है; इस सीजन में उन्होंने दो अर्धशतकों की लक़ी बनाई। हालांकि, यात्राएँ और देर रात की प्रैक्टिस उनके शेड्यूल में नई चुनौतियाँ लायीं, जिससे उन्होंने अपने तैयारियों को अधिक लक्षित किया।

इंग्लैंड बनाम भारत श्रृंखला में नेट का लक्ष्य क्या है?

टीम को सीरीज जीताने के साथ-साथ युवा खिलाड़ियों में मानसिक दृढ़ता उत्पन्न करना उनका प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि हर मैच में दबाव को सकारात्मक ऊर्जा में बदला जाए।"

द हंड्रेड 2025 में महिला क्रिकेट का भविष्य कैसे दिखता है?

एडजस्टमेंट और लचीलापन अब आवश्यक हो गया है। स्किवर‑ब्रंट जैसे खिलाड़ी द्वारा अपने रोल को री‑सेट करना, युवा पीढ़ी को दिखाता है कि सफलता और व्यक्तिगत जीवन उँगली-उँगली चल सकते हैं, बशर्ते सही व्यवस्थापन हो।

टिप्पणि
Manu Atelier
Manu Atelier 12 अक्तू॰ 2025

नेट स्किवर‑ब्रंट का कप्तानी से हटना जीवन के दोहरे दायित्वों पर एक दार्शनिक प्रश्न को रेखांकित करता है; वह कार्य‑भार और मातृत्व के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं। उनका निर्णय व्यक्तिगत लाभ के साथ ही टीम की निरंतरता को भी प्रभावित करता है, जिससे भविष्य में नेतृत्व संरचना पर पुनर्विचार आवश्यक हो सकता है। इस प्रकार का कदम नवजीवनी के रूप में देखा जा सकता है, परन्तु यह अनिवार्य रूप से टीम के सामूहिक आत्मविश्वास में परिवर्तन का संकेत भी देता है।

Preeti Panwar
Preeti Panwar 22 अक्तू॰ 2025

बहुत ही दिल छू लेने वाला फैसला है 😊 माँ बनना और क्रिकेट को साथ‑साथ रखना आसान नहीं, पर नेट ने दिखाया कि संभव है 🙏 आप सबको शुभकामनाएँ और टीम को भी मजबूती चाहिए

MANOJ SINGH
MANOJ SINGH 2 नव॰ 2025

सच्चाई तो यही है कि नेट का जाना टीम को एक बड़ा झटका देगा, और नई कप्तान बनते‑बनते दबाव में फँस जाएगी। मैंने देखी है कि बहुत से खिलाड़ी ऐसे ही परिस्थितियों में गिरते हैं, खासकर जब उन्हें दो‑तीन फार्मेट में खेलना पड़ता है। वह अपने ही हेट‑ट्रिक शॉट पर निर्भर रहती थीं, लेकिन अब फोकस बदल जाएगा। इस बदलाव से युवा खिलाड़ियों को सिखने को मिलेगा कि कैसे साइडरोल संभालें। लेकिन मुझे लगता है कि इस बिंदु पर बोर्ड को त्वरित निर्णय लेना चाहिए, नहीं तो टीम में अराजकता पेटा सकती है।

Vaibhav Singh
Vaibhav Singh 13 नव॰ 2025

कप्तान बदलना टीम के लिए बड़ा जोखिम है।

harshit malhotra
harshit malhotra 23 नव॰ 2025

यह अद्भुत है कि एक भारतीय दर्शक के रूप में मैं नेट स्किवर‑ब्रंट जैसी खिलाड़ी को अपनी माताओं के संघर्ष से जोड़ पाता हूँ, और उनका यह कदम हमारे समाज में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखता है। पहले तो हमें लगा था कि पश्चिमी खेल जगत में ऐसी बातों को समझा नहीं जाता, पर अब हमें एहसास होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हमारे मूल्यों का प्रतिबिंब दिखना चाहिए। जब नेट ने कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया, तो यह सिर्फ एक व्यक्तिगत विकल्प नहीं, बल्कि यह भारतीय खेल प्रेमियों के लिए एक संदेश है कि मातृत्व को कार्य से अलग नहीं माना जाना चाहिए। इस निर्णय में कई पहलू हैं: व्यक्तिगत स्वास्थ्य, टीम की निरंतरता, और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का इरादा। हमारे देश में कई महिलाएँ घर और पेशा दोनों को संतुलित करने के लिए संघर्ष करती हैं, और नेट का उदाहरण उन्हें आशा देता है। इस तरह की घोषणा से बोर्ड को भी यह विचार करना चाहिए कि भविष्य में महिला खिलाड़ियों को किस हद तक समर्थन मिलेगा, जैसे कि मातृत्व अवकाश की सुविधाएँ और लचीला शेड्यूल। जबकि कुछ आलोचक कहते हैं कि टीम की जीत के लिए यह जोखिम ज्यादा है, लेकिन मैं मानता हूँ कि दीर्घकालिक लक्ष्य में यह कदम लाभकारी हो सकता है। ट्रेंट रॉकेट्स को नई कप्तान चुनने में जल्दी करनी चाहिए, नहीं तो टीम का मनोबल गिर सकता है। इसके अलावा, नेट की अब केवल खिलाड़ी के रूप में वापसी से युवा बैटरों को तकनीकी और मानसिक रूप से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। वह अपने “नेटमेग” शॉट के साथ ही फील्डिंग में भी माहिर हैं, और यह अनुभव नए खिलाड़ियों को भी मिलना चाहिए। इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय महिलाओं के पास भी ऐसे ही कई टैलेंटेड खिलाड़ी हैं, जो अब तक अपरिचित रहे हैं; शायद यह अवसर उन्हें आगे लाने का मार्ग बन सकता है। यदि हम इस बदलाव को सकारात्मक रूप से अपनाएँ, तो द हंड्रेड 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट का स्वर भी और अधिक समावेशी होगा। अंत में, मैं यही कहूँगा कि ऐसे फैसले हमारे राष्ट्रीय खेल संस्कृति को समृद्ध करेंगे और हमें वैश्विक मंच पर गर्वित करेंगे।

एक टिप्पणी लिखें