पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री चंपई सोरेन BJP में शामिल: एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम 31 अग॰,2024

चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना: एक महत्वपूर्ण पहलू

पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दिग्गज नेता चंपई सोरेन ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। यह कदम राजनीति के गलियारों में काफी हलचल मचा चुका है, खासकर जब राज्य की विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

30 अगस्त की इस घटना को रांची में एक समारोह में विशेष रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी शामिल हुए थे। 67 वर्षीय चंपई सोरेन ने JMM छोड़ने के कुछ ही दिन बाद यह कदम उठाया, जो संकेत है कि BJP के लिए यह एक मजबूत राजनीतिक कदम हो सकता है।

चंपई सोरेन का राजनीतिक सफर

चंपई सोरेन झारखंड राजनीति के एक महत्वपूर्ण नाम हैं। उनका राजनीतिक सफर 1991 में शुरू हुआ जब वे सरायकेला सीट से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए थे। उनके झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई में योगदान को देखते हुए उन्हें 'झारखंड का टाइगर' कहा जाता है। सोरेन का BJP के समीप आना, विशेषकर तब जब राज्य की विधानसभा चुनाव करीब है, एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हो सकता है।

सोरेन ने अपनी राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। हाल ही में वे झारखंड सरकार में परिवहन मंत्री का पद संभाल चुके थे। परंतु अक्टूबर 2022 में उन्होंने JMM छोड़ने और BJP में शामिल होने का निर्णय लिया, जो उनके लिए और BJP के लिए भी एक नया अध्याय साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री कार्यकाल और इस्तीफा

चंपई सोरेन ने झारखंड मुख्यमंत्री के रूप में भी एक छोटा सा कार्यकाल बिताया है। 2 फरवरी से 3 जुलाई तक राज्य का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद, जब हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद वे मुख्यमंत्री बने थे, उन्होंने सरकार की नीतियों और कार्यशैली से अपनी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे के समय का अनुभव उनके लिए एक 'कड़वा अपमान' था।

जब हेमंत सोरेन को ज़मानत पर रिहा किया गया और उन्होंने 4 जुलाई को पुनः मुख्यमंत्री पद संभाला, तब चंपई सोरेन ने अपना इस्तीफा प्रस्तुत किया था।

भाजपा में शामिल होने का महत्व

चंपई सोरेन का BJP में शामिल होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि झारखंड में अनुसूचित जनजातियों का करीब 26% मतदाता आधार है और BJP यहां परंपरागत रूप से संघर्ष करती आई है। सोरेन का BJP से जुड़ना निश्चित तौर पर पार्टी के लिए एक मजबूत हथियार हो सकता है, जिससे वे अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं के समीप जा सकें।

उनका BJP में शामिल होना आगामी विधानसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह कदम भाजपा को झारखंड के जनजातीय समाजों में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह देखा जाना बाकी है कि चंपई सोरेण और भाजपा का यह नया गठजोड़ क्या रंग लाएगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह बदलाव राज्य की राजनीति की दिशा में एक बड़ा असर डाल सकता है।

समारंभिक समारोह और राजनीतिक प्रभाव

रांची में आयोजित इस विशेष समारोह में भाजपा नेताओं ने चंपई सोरेन का खुले दिल से स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उनके शामिल होने को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दिशा देने वाला कदम बताया।

बोले, “चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना न केवल पार्टी, बल्कि झारखंड के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है। उनकी नेतृत्व क्षमता और जनाधार से हमें बहुत फायदा होगा।” यह स्पष्ट है कि सोरेन का BJP में शामिल होना चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

चंपई सोरेन ने भी अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका BJP में शामिल होना एक नई शुरुआत है। उन्होंने झारखंड की जनता और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि BJP के साथ मिलकर वे राज्य को तरक्की के नए आयामों तक ले जाएंगे।

उक्त घटनाक्रम को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में चंपई सोरेन का नया राजनीतिक कदम क्या रंग लाता है और झारखंड की राजनीति मे कितना अहम साबित होता है।

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