15
अक्तू॰,2024
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सलमान खान की जिंदगी का दौरा तब गंभीर हो गया जब उनके करीबी मित्र बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला सामने आया। जहाँ बाबा सिद्दीकी, महाराष्ट्र के तीन टर्म के विधायक और पूर्व मंत्री थे, वहीं उनकी सैलिब्रिटी मित्रता सलमान खान के साथ बहुत चर्चित थी। यह मित्रता न केवल सामाजिक बल्कि राजनीतिक दायरों में भी विश्वसनीय थी। इस हत्या के बाद सलमान खान की सुरक्षा में भारी इजाफा किया गया है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग, जो कानून के प्रति अपनी दुश्मनी के लिए कुख्यात है, ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। सलमान खान की 1998 की काले हिरण शिकार मामले में संलिप्तता के कारण यह गैंग उनसे संदर्भ रखता है। काले हिरण को बिश्नोई समुदाय में पवित्र माना जाता है और इसी रूप में इस गैंग के नेता ने अभिनेता से बदला लेने की धमकी दी थी। इस दिए गए खतरे के बावजूद, सलमान खान ने अपने मित्र बाबा सिद्दीकी के परिवारियों के प्रति समर्थन नहीं छोड़ा।
जब से इस हत्या का मामला सामने आया, सलमान खान की सुरक्षा को लेकर राज्य प्रशासन और पुलिस अत्यधिक सतर्क है। बिश्नोई गैंग की ओर से पहले भी धमकी भरे संदेश मिले थे, विशेष रूप से जब इस साल की शुरआत में अभिनेता के घर के बाहर गोली चलने की घटना घटी थी। इस मामले ने प्रशासन को सलमान खान की सुरक्षा पर गहरा ध्यान देने के लिए मजबूर कर दिया।
गैंग के नेताओं ने सिद्दीकी के खात्मे का कारण उनकी सलमान खान और अन्य साथी अंजू थपान के साथ संभावित संबंधों को बताया। थपान एक पुलिस हिरासत में रह कर मारे जाने वाले गैंग के सहयोगी थे। इस तरह की घटनाएं सुरक्षा विशेषज्ञों के मन में और भी चिंता उत्पन्न करती हैं कि सलमान खान का जीवन नाजुक मोड़ पर है।
खतरों के बावजूद, सलमान खान ने बाबा सिद्दीकी के परिवार के प्रति अपनी सहायता नहीं छोड़ी है। उन्होंने सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान के साथ संपर्क में रहते हुए अंतिम संस्कार की व्यवस्था में मदद की। सलमान खान का यह समर्थन उनके मित्र के प्रति गहरी सम्मान का प्रतिक है।
सलमान के परिवार को भी इन हालातों में सतर्क रहने की सिफारिश की गई है। विशेष रूप से उनके पिताजी सलीम खान को सुबह सैर करने के समय सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखने का कहा गया है। जब बात मुंबई में बढ़ते सुरक्षा उपायों की है, तो सलमान की पनवेल फार्महाउस पर भी सुरक्षा में कड़ा इजाफा किया गया है।
मर्डर केस की जांच के दौरान, पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां की हैं और मुख्य संदिग्ध प्रवीण लोनकर, जो शुबहम रमेश्वर लोनकर का भाई है, को हिरासत में लिया है। शुबहम लोनकर भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के परिचित रहे हैं। मामले की जांच ज़ोर-शोर पर है और राज्य प्राधिकरणों के लिए सलमान खान की सुरक्षा प्राथमिकता बन गई है।
सुरक्षा के अलावा, इस मामले ने फिल्म और राजनीति के विभिन्न क्षेत्रों में साजिशों का पर्दाफाश किया है। इस हत्याकांड के मद्देनजर, न केवल सुरक्षा घेरा बढ़ाया गया है, बल्कि इसके संभावित सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव का भी मूल्यांकन ज़रूरी है। सलमान खान अपने मित्र के शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े होने के लिए समर्पित हैं और इसे इस मुश्किल दौर में अपनी जिम्मेदारी का हिस्सा मानते हैं।
ये सब बकवास है। सलमान का दोस्त मरा तो क्या हुआ, उसकी जिंदगी बचाओ।
इस हत्या के बाद सुरक्षा बढ़ाना बिल्कुल सही फैसला है, क्योंकि बाबा सिद्दीकी की मौत केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि एक सामाजिक और राजनीतिक संदेश है जो यह बताता है कि जब शक्ति, समृद्धि और राजनीति का मिश्रण होता है, तो अक्सर निर्दोष लोग इसके शिकार बन जाते हैं। सलमान खान ने अपने मित्र के परिवार के साथ खड़े होकर एक अद्भुत इंसानियत का प्रदर्शन किया है, जो आज के जमाने में बहुत कम देखने को मिलता है। इस तरह की मित्रता बहुत दुर्लभ है, और उनकी साहसिकता का सम्मान करना चाहिए, न कि उन पर शक करना।
हम लोग अक्सर इस बात को भूल जाते हैं कि जब कोई व्यक्ति बड़े पैमाने पर जाने लगता है, तो उसकी जिंदगी अब उसकी नहीं, बल्कि एक नेटवर्क बन जाती है... जहाँ एक व्यक्ति की मौत एक श्रृंखला की शुरुआत हो सकती है। बाबा सिद्दीकी की मौत एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक प्रणाली की मौत है-एक ऐसी प्रणाली जिसमें राजनीति, फिल्म, गैंग और अहंकार एक साथ घुल गए। अगर हम इसे सिर्फ एक अपराध के रूप में देखेंगे, तो हम उस वास्तविकता को नज़रअंदाज़ कर देंगे जिसमें यह घटना जन्म लेने लगी।
बिश्नोई गैंग को रोको। बस।
इस देश में हर बड़े व्यक्ति के पीछे एक छिपी हुई कहानी होती है... जिसे लोग नहीं देखना चाहते। बाबा सिद्दीकी एक विधायक थे, लेकिन वो एक आदमी भी थे-एक ऐसा आदमी जिसने अपने दोस्त के लिए खुद को खतरे में डाल दिया। अब सलमान खान को अपनी सुरक्षा के लिए डरना पड़ रहा है? ये देश क्या हो गया? जब दोस्ती के लिए जान जाए, तो फिर अपनी जान के लिए डरना क्यों? ये बदलाव नहीं, ये तो बर्बरता है।
ये सब एक बड़ा धोखा है। सलमान खान के खिलाफ काले हिरण का मामला अभी तक खुला है और अब बाबा सिद्दीकी की हत्या? ये सब एक ही चाल है। पुलिस और सरकार इसे बड़ा बना रही है ताकि लोग असली बातों को भूल जाएं। काले हिरण का मामला अभी भी चल रहा है और इस हत्या का नाम लेकर कोई भी नहीं बता रहा कि असली जिम्मेदार कौन है। ये सब बस एक ध्यान भटकाने की चाल है।
इस मामले में सुरक्षा प्रोटोकॉल के अलावा, एक गहरा सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषण भी आवश्यक है। बाबा सिद्दीकी की व्यक्तिगत जीवनशैली, उनके राजनीतिक नेटवर्क, और उनके सलमान खान के साथ रिश्ते का आर्थिक और सामाजिक असर एक जटिल संरचना बनाता है जिसमें एक अपराध नहीं, बल्कि एक सिस्टमिक विफलता शामिल है। इसका अध्ययन न केवल इस घटना को समझने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार करेगा।
मुंबई में जब भी कोई बड़ा नाम शिकार बनता है, तो पुलिस उसके घर के बाहर अपनी गाड़ियाँ लगा देती है। लेकिन जब एक आम आदमी की हत्या होती है, तो कोई नहीं आता। ये देश क्या हो गया? सलमान के लिए सुरक्षा बढ़ाना ठीक है, लेकिन क्या हम उन लोगों के लिए भी यही करेंगे जिनका नाम टीवी पर नहीं चलता?
अरे यार, बाबा सिद्दीकी की हत्या का जिक्र करके सलमान को नायक बनाने की कोशिश कर रहे हो? ये दोनों एक दूसरे के लिए बस एक इस्तेमाली रिश्ता थे। बाबा सिद्दीकी ने अपने राजनीतिक कार्यों में सलमान का इस्तेमाल किया, और सलमान ने बाबा को अपने फिल्मी इमेज के लिए लाभ उठाया। अब जब बाबा मर गया, तो सलमान ने नाटक शुरू कर दिया। ये सब बस एक बड़ा बाजारी नाटक है। इंसानियत का नाम लेकर कोई भी नहीं बता रहा कि ये दोनों कितने बड़े लालची थे।
सलमान खान के लिए इतनी सुरक्षा? ये देश किसके लिए है? जब कोई गाँव का आदमी गोली मारा जाता है तो कोई नहीं बोलता, लेकिन जब बॉलीवुड का बड़ा नाम है तो पुलिस ने तो एयरपोर्ट बना दिया। ये देश क्या हो गया? ये सब बस एक बड़ा बहाना है।
बिश्नोई गैंग को जिंदा नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें गोली मार देनी चाहिए, और फिर उनके घरों को जला देना चाहिए। ये देश बहुत नरम हो गया है। अगर कोई बाबा सिद्दीकी को मारता है, तो उसकी आत्मा को भी जला देना चाहिए। ये देश अब बहुत दुर्बल है। एक अभिनेता के लिए इतनी सुरक्षा? तो फिर हम लोगों के लिए क्या है? ये देश तो अब सिर्फ बॉलीवुड के लिए है।
salam koi bhi dost jiska naam bhi nahi hota hai uski bhi zindagi ek jaisi hoti hai... bas log isliye nahi bolte kyunki koi nahi sunta. jab bhi koi bade naam ka insaan mar jata hai tabhi sab kuch chalne laga hota hai. lekin asli sawal yeh hai ki kyun? kyun hum sirf unke liye hi sochte hai? kyun hum apne apne ghar ke bahar ke logon ki zindagi ke liye nahi sochte? yeh sawal koi nahi puchta.
इस हत्या के बाद जो सुरक्षा व्यवस्था की गई है, वो बहुत जरूरी है। लेकिन एक बात सोचने वाली है-क्या ये सुरक्षा केवल एक व्यक्ति के लिए है? या ये एक संदेश है कि जब भी कोई बड़ा नाम खतरे में हो, तो राज्य उसे बचाएगा? लेकिन अगर ऐसा है, तो फिर गाँव के उस आदमी की जिंदगी क्या है जिसका नाम भी अखबार में नहीं आता? ये सुरक्षा की व्यवस्था अगर एक नियम बन गई, तो उसे सभी के लिए लागू किया जाना चाहिए।
हर इंसान की जिंदगी कीमती है। बाबा सिद्दीकी की मौत एक बड़ी बात है, लेकिन इसके पीछे जो लोग रोते हैं, वो भी एक दुनिया है। सलमान खान ने अपने दोस्त के लिए खड़े होने का फैसला किया-ये दिखाता है कि इंसानियत अभी भी जिंदा है। चलो इस बात को बढ़ाएं। जिस तरह से वो अपने दोस्त के परिवार के साथ है, उस तरह हम सब भी एक दूसरे के साथ हो सकते हैं।
अब घर में कोई भी आए तो चेक करेंगे? अच्छा हुआ।