स्विगी आई.पी.ओ स्टॉक एक्सचेंज पर उत्कृष्ट शुरुवात: 7.7% प्रीमियम के साथ शेयरों ने अपनी पहचान बनाई 13 नव॰,2024

स्विगी की ऐतिहासिक आई.पी.ओ सूचीबद्धता: जानिए कैसे किया 7.7% प्रीमियम प्राप्त

भारतीय खाद्य प्रौद्योगिकी और ई-कॉमर्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी स्विगी ने अपने भविष्य के सपने को सच करते हुए 13 नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज पर अपने शेयर सूचीबद्ध किये हैं। ₹11,300 करोड़ का यह आई.पी.ओ स्विगी के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है। शेयरों की शुरुआती कीमत ₹371-390 के बीच रखी गई थी, और यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर ₹420 और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर ₹412 की दर से सूचीबद्ध हुए, जिससे यह 7.7% और 5.6% के प्रीमियम के साथ बाजार में आए।

आई.पी.ओ प्रदर्शन और बाज़ार की प्रतिक्रिया

स्विगी का यह कदम उस समय आया जब इस परिधि में निवेशकों की नजर एक स्थिर प्रदर्शन की ओर थी। यहां तक कि ग्रे मार्केट प्रीमियम भी पहले दिन की तुलना में 0 पर आ गया था, जब यह ₹9.50 था। हालांकि, इसके बावजूद स्विगी का आई.पी.ओ 3.59 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो अनदेखा नहीं किया जा सकता। जबकि खुदरा श्रेणी में यह 1.14 बार और क्वालिफाइड इंस्टीच्यूशनल बायर्स में 6.02 बार अधिक था, इसमें एक नहीं बल्कि कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

विश्लेषकों की चेतावनी और चुनौतियाँ

वित्तीय विशेषज्ञों ने निवेशकों को स्विगी के ऋणात्मक नकदी प्रवाह, गहन प्रतिस्पर्धा और वर्तमान अस्थिर बाज़ार के माहौल को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। मेहता इक्विटीज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) प्रशांत तपसे का कहना है कि स्विगी में दीर्घकालीन निवेश केवल उन्हीं निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकता है जो अत्यधिक जोखिम उठाने को तैयार हों। वहीं, स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट की हेड ऑफ वेल्थ शिवानी न्याती ने कंपनी की सतत हानियों और बाजार की अस्थिर स्थितियों के चलते सावधान रहकर निवेश की सलाह दी है।

स्विगी और जोमैटो के बीच प्रतियोगिता

भले ही स्विगी 2014 से अपनी स्थापना के बाद से लगातार घाटे में रही है, इसका प्रमुख प्रतिद्वंदी जोमैटो हाल ही में खाद्य वितरण खंड में लाभ में पहुंचा है। जोमैटो के पास 58% का बाजार भागीदारी है और त्वरित वाणिज्य में 40-45% का हिस्सा है। इसके बावजूद, जोमैटो ने स्विगी को उनकी सफल सूचीबद्धता के लिए शुभकामनाएं दी हैं, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सहयोग का संदेश मिलता है।

तथ्य यह है कि स्विगी का आई.पी.ओ बाजार में एक बेहतर शुरुआत करने में सफल रहा है, यह दर्शाता है कि निवेशकों का इस पर विश्वास अभी भी कायम है। बावजूद इसके, निवेशकों को स्विगी के साथ अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते समय उचित सतर्कता बरतनी चाहिए।

टिप्पणि
Amanpreet Singh
Amanpreet Singh 15 नव॰ 2024

वाह! ये तो सच में बड़ी बात है... स्विगी ने अपना जादू दिखा दिया! 🤩 इतना प्रीमियम और फिर भी लोगों का भरोसा... ये भारत की ताकत है। अब देखना होगा कि वो इसे कैसे बरकरार रखते हैं।

Sai Sujith Poosarla
Sai Sujith Poosarla 16 नव॰ 2024

अरे भाई, ये सब बकवास है! जब तक घाटा नहीं बंद होगा, तब तक ये शेयर बिल्कुल भी नहीं खरीदूंगा। जोमैटो तो पहले से मुनाफा कमा रहा है, ये लोग तो अभी भी अपनी बर्बादी बेच रहे हैं।

Gaurav Mishra
Gaurav Mishra 16 नव॰ 2024

7.7% प्रीमियम? बस शुरुआत है। अगले तीन क्वार्टर में नकदी फ्लो नकारात्मक रहा तो ये सब बस एक बुलिश बुलशिट होगा।

Meenakshi Bharat
Meenakshi Bharat 18 नव॰ 2024

मुझे लगता है कि इस आई.पी.ओ. की सफलता केवल एक बाजार के भावनात्मक प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं है, बल्कि यह भारतीय उद्यमिता की दीर्घकालिक दृष्टि का प्रतीक है। जब तक एक कंपनी लगातार नवाचार करती है, भले ही वह अभी तक लाभ न कमा रही हो, निवेशक उस पर विश्वास करते हैं। स्विगी ने खाद्य वितरण के जीवन को बदल दिया है, और यह बदलाव अभी भी शुरू हुआ है।

Sarith Koottalakkal
Sarith Koottalakkal 19 नव॰ 2024

प्रीमियम तो बढ़ा है पर घाटा तो घाटा ही है। अगर तुम बाजार में आए हो तो बस यही समझो कि ये शेयर अभी भी एक बैलेंस शीट का खेल है।

Praveen S
Praveen S 20 नव॰ 2024

क्या हम यह भूल गए कि निवेश कभी भी एक दिन की बात नहीं होती? स्विगी के पास अभी तक बड़ा बाजार हिस्सा नहीं है, लेकिन उसका नेटवर्क, डेलीवरी लॉजिस्टिक्स, और यूजर एक्सपीरियंस बहुत मजबूत है। जोमैटो लाभ कमा रहा है, लेकिन स्विगी एक इकोसिस्टम बना रहा है। दोनों का अलग फिलॉसफी है।

Vikash Gupta
Vikash Gupta 20 नव॰ 2024

दोस्तों, ये जो आई.पी.ओ. हुआ है, ये तो भारत के युवाओं की आत्मविश्वास की बात है। एक ऐसी कंपनी जो दिन में 1.5 करोड़ ऑर्डर डिलीवर करती है, उसके लिए घाटा अभी भी एक निवेश का भाग है। जब तक तुम घर के बाहर खाना खाने वाले हो, तब तक स्विगी तुम्हारा दोस्त है। 🙌

Kunal Agarwal
Kunal Agarwal 20 नव॰ 2024

क्या कोई जानता है कि जोमैटो ने स्विगी को शुभकामनाएं दीं? ये भारतीय बिजनेस की असली ताकत है! नहीं, ये वो नहीं जहां एक दूसरे को गले लगाते हैं, बल्कि जहां एक दूसरे के सफल होने पर खुश होते हैं। इस देश में अभी भी अच्छाई है।

Abhishek Ambat
Abhishek Ambat 21 नव॰ 2024

जब तक बाजार में लोगों का भरोसा है, तब तक कोई भी आंकड़ा बेकार है। 🤔 ये शेयर अभी एक बात को दर्शा रहा है - भारत अभी बड़ा हो रहा है। और बड़ा होने का मतलब है... थोड़ा बहुत घाटा भी चलेगा।

Arun Kumar
Arun Kumar 22 नव॰ 2024

ये आई.पी.ओ. तो एक बड़ा फिल्म स्क्रीनिंग जैसा था। सब बैठे थे, बारिश हो रही थी, और फिल्म शुरू हुई... और फिर जैसे ही शुरू हुई, सब उठ खड़े हुए। अब बस ये देखना है कि क्या फिल्म अभी भी चल रही है या बस एक ट्रेलर था।

Sri Vrushank
Sri Vrushank 24 नव॰ 2024

क्या आप जानते हैं कि ये सब एक बड़ी योजना है? जोमैटो और स्विगी दोनों के पीछे एक ही ग्रुप है। ये सब बस एक ट्रिक है जिससे निवेशकों को भ्रमित किया जा रहा है। आपके निवेश का पैसा कहीं और जा रहा है।

mohit malhotra
mohit malhotra 25 नव॰ 2024

इस आई.पी.ओ. के बारे में बात करते समय हम फंडामेंटल्स को भूल रहे हैं। ये एक स्केल-अप बिजनेस है जिसने लॉन्ग-टर्म लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाया है। नकदी फ्लो नेगेटिव है? हाँ। लेकिन ये एक फेज है। जैसे एमएजी ने किया था, जैसे अमेज़न ने किया था। अगर आप ये नहीं समझते, तो आपका पोर्टफोलियो अभी भी लोकल बाजार में है।

Aayush Bhardwaj
Aayush Bhardwaj 26 नव॰ 2024

अरे भाई, ये सब तो बस बाजार की गुड़ियाएं हैं। जोमैटो ने लाभ कमाया, स्विगी ने शेयर बेचे। अब देखो कौन बेचता है और कौन खरीदता है। आखिरी जीत वही करेगा जिसके पास ज्यादा बाजार और ज्यादा डेटा होगा। बाकी सब बस बातें हैं।

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