बिहार सरकार ने भूमि सर्वे की डेडलाइन दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी है, ताकि भूलेख डिजिटल हो सकें और विवाद दूर हो सकें। जमीन मालिकों के लिए स्व–घोषणा की अंतिम तारीख 31 मार्च 2025 ही रहेगी, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। सर्वे के दौरान तकनीकी समस्याएं व भ्रष्टाचार की भी रिपोर्ट है।
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