बोनस शेयर क्या है? आसान समझ और आपके पोर्टफोलियो पर असर

क्या आपने कभी सुना है कि कंपनी आपको मुफ्त में शेयर दे रही है? यही बोनस शेयर होते हैं – बिना किसी पैसे के, सिर्फ़ आपकी मौजूदा होल्डिंग्स के अनुपात में मिलते हैं। निवेशकों को यह खबर अक्सर खुशी देती है, लेकिन साथ ही कुछ बातें समझना जरूरी होता है। चलिए, इसे आसान शब्दों में तोड़‑मरोड़ कर देखते हैं।

बोनस शेयर कैसे बनते हैं?

कंपनी जब अपना लाभ या रिज़र्व बढ़ा लेती है और उसे शेयर पूँजी में बदलना चाहती है, तब वह बोनस शेयर जारी करती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपके पास 100 शेयर हैं और कंपनी 1:5 बोनस देती है, तो आपको अतिरिक्त 20 शेयर मिलेंगे – कुल 120 हो जाएंगे। इस प्रक्रिया में आपका कुल निवेश राशि नहीं बढ़ती, बस शेयरों की संख्या बढ़ती है।

बोनस शेयर जारी करने के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को मंज़ूरी चाहिए होती है और यह बात शेयरहोल्डर मीटिंग में तय होती है। अक्सर कंपनियां अपने रिज़र्व्स में से कुछ हिस्सा निकाल कर बोनस शेयर बनाती हैं, जिससे उनका डिबेंचर (debt) नहीं बढ़ता और शेयरधारकों का भरोसा भी बना रहता है।

निवेशकों के लिए फायदे और ध्यान रखने योग्य बातें

बोनस शेयर मिलने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बिना अतिरिक्त खर्चे के अपने पोर्टफोलियो को बढ़ा सकते हैं। अगर शेयर की कीमत ऊपर जाती है, तो आपके पास अधिक शेरों का लाभ होगा – यानी रिटर्न दो गुना हो सकता है।

परन्तु एक बात याद रखें: बोनस शेयर जारी होने से शेयर की कुल संख्या बढ़ती है, इसलिए प्रति शेयर कीमत थोड़ा गिर सकती है। इसे हम 'डिल्यूशन' कहते हैं। अगर कंपनी के मूलभूत कारण मजबूत नहीं होते, तो यह घटाव लंबी अवधि में नुकसान भी कर सकता है।

टैक्स का असर भी देखना चाहिए। भारत में बोनस शेयर मिलने पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन जब आप इन्हें बेचते हैं तो कैपिटल गैन्स टैक्स लागू होगा। इसलिए बिक्री के समय की योजना बनाना जरूरी है।

एक ठोस उदाहरण लेते हैं – हाल ही में Brigade Hotel Ventures IPO हुआ था जहाँ कंपनी ने शेयर बंटवारे का बड़ा कदम उठाया। हालांकि यह सीधे बोनस नहीं था, पर ऐसा दिखाता है कि कैसे कंपनियां वित्तीय स्ट्रक्चर बदलने के लिए विभिन्न उपाय अपनाती हैं। अगर इसी तरह की कोई योजना आपसे जुड़ी हो तो उसके प्रोस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ें।

बोनस शेयर का लाभ उठाने के लिए कुछ आसान टिप्स:

  • अपने ब्रोकर या डिमैट अकाउंट में बोनस शेयर की एंट्री चेक करें – कभी‑कभी सिस्टम अपडेट देर से दिखता है।
  • डिविडेंड रिटर्न और कंपनी की ग्रोथ संभावनाओं को साथ‑साथ देखें, सिर्फ़ बोनस पर ही न टिकें।
  • यदि शेयर कीमत बहुत गिर रही हो तो बेचने के बजाय धीरज रखें – अक्सर बाजार स्थिर होने पर मूल्य पुनः बढ़ता है।

आखिर में यह कह सकते हैं कि बोनस शेयर आपके निवेश को सुदृढ़ बनाने का एक आसान तरीका है, बशर्ते आप उसकी संभावित डिल्यूशन और टैक्स इम्पैक्ट को समझें। सही जानकारी के साथ निर्णय लें और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाते रहें।

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ 1:1 बोनस शेयर इश्यू करने पर विचार कर रही है; विश्लेषकों को 15% बढ़त की उम्मीद 29 अगस्त 2024
Avinash Kumar 0 टिप्पणि

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ 1:1 बोनस शेयर इश्यू करने पर विचार कर रही है; विश्लेषकों को 15% बढ़त की उम्मीद

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) ने घोषणा की है कि 5 सितंबर को बोर्ड की बैठक में कंपनी अपने शेयरधारकों को 1:1 अनुपात में बोनस शेयर इश्यू करने पर विचार करेगी। यह फैसला कंपनी की 29 अगस्त को होने वाली 47वीं वार्षिक आम बैठक से ठीक पहले लिया गया है। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह सात वर्षों में RIL का पहला बोनस इश्यू होगा।

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