अगर आप चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं या इस फ़ील्ड में रुचि रखते हैं, तो आपको रोज‑रोज की टैक्स और मार्केट बदलती स्थिति पर नज़र रखनी होगी। यहाँ हम आसान भाषा में वो सारी बातें लाए हैं जो आपके काम आएँगी – नई टैक्स छूट से लेकर आईपीओ तक, साथ ही शेयर बाजार के मुख्य रुझान भी।
सरकार ने अभी हालिया घोषणा में कहा है कि इनकम टैक्स बिल 2025 में ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट जारी रहेगी। इसका मतलब है कि मध्यम वर्ग के कई क्लाइंट्स को अब भी वही लाभ मिलेगा, जबकि बड़ी कंपनियों पर नए नियम लागू हो सकते हैं। इस बदलाव का असर आपके ग्राहकों की प्लानिंग में सीधे पड़ता है, इसलिए फ़ाइलिंग से पहले नई दरें और कट‑ऑफ़ जाँच लें।
साथ ही सरकार ने अफ़वाहों पर रोक लगाई है – सोशल मीडिया पर छूट खत्म होने की खबर फैली थी, लेकिन अब स्पष्ट कर दिया गया कि वह झूठी थी। इस तरह के गड़बड़े को पकड़ना और सही जानकारी देना आपका काम बन जाता है।
सेंसक्स ने हाल ही में 74,000 का स्तर पार किया, लेकिन अस्थिरता भी तेज़ी से बढ़ी। विदेशी‑देशीय घटनाओं, जैसे इज़राइल‑ईरान तनाव और अमेरिकी नीति बदलने के कारण बाजार में उतार‑चढ़ाव देखे गए। इस समय छोटे निवेशकों को जोखिम कम करने की सलाह देना समझदारी होगी।
ब्रिगेड होटल वेंचर का आईपीओ भी चर्चा में है – GMP शून्य होने के बावजूद 1.67 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इसका मतलब है कि मार्केट में अभी भी भरोसा है, पर वित्तीय विवरणों को गहराई से पढ़ना ज़रूरी है। इसी तरह के कई बड़े प्रोजेक्ट्स आगे आएँगे, इसलिए आप अपने क्लाइंट्स को सही समय पर एंट्री या एक्ज़िट की सलाह दे सकते हैं।
इन सब खबरों को रोज‑रोज फॉलो करने से आप न केवल अपनी प्रोफ़ेशनल वैल्यू बढ़ाएंगे बल्कि क्लाइंट्स को भी बेहतर सेवा देंगे। याद रखें, सरल भाषा में समझाना ही सबसे बड़ा काम है – जटिल नियमों को छोटे-छोटे पॉइंट्स में बाँटना आसान बनाता है।
अंत में, अगर आप टैक्स प्लानिंग या निवेश रणनीति पर गहराई से बात करना चाहते हैं, तो हमारे साइट के अन्य लेख देखिए। हर लेख में प्रैक्टिकल टिप्स और केस स्टडीज होते हैं जो आपके दैनिक काम को आसान बनाते हैं।
पुणे में स्थित एर्न्स्ट एंड यंग (EY) की ताजा भर्ती, 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पेरायल की कार्यभार के दबाव में मृत्यु हो गई। उनकी मां ने EY पर अत्यधिक काम का दबाव डालने का आरोप लगाया है। EY ने घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए अपने कर्मचारियों के लिए मौजूद कल्याणकारी प्रबंधों का उल्लेख किया है, लेकिन किसी प्रतिनिधि ने अन्ना के अंतिम संस्कार में भाग नहीं लिया।
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