जब भी आप मोबाइल या कंप्यूटर पर बात करते हुए कुछ करवाते हैं, वह दरअसल एक डिजिटल असिस्टेंट काम कर रहा होता है. आवाज़ से अलार्म सेट करना, मैसेज भेजना, मौसम देखना या रेस्टोरेंट बुक करना – सब कुछ अब हाथों की झटके में हो जाता है। इस लेख में हम समझेंगे कि ये असिस्टर कैसे काम करता है और इसे रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है.
सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि डिजिटल असिस्टर सिर्फ आवाज़ नहीं सुनता; वह आपके शब्दों को टेक्स्ट में बदलता है, फिर समझदारी से जवाब देता है. इसके पीछे मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) तकनीक छिपी होती है. जब आप कहते हैं "अगले हफ्ते का मौसम बताओ", वह आपके लोकेशन को पहचान कर सही डेटा निकालता है और आपको एक साफ़ जवाब देता है.
ऐसी ही कई चीजें हैं जो ये सहायक कर सकते हैं:
इन फिचर्स के कारण आपका समय बचता है, खासकर जब आप हाथों से काम नहीं कर पा रहे हों, जैसे गाड़ी चलाते समय या रसोई में पकाते हुए.
बाजार में कई विकल्प हैं – Siri (Apple), Google Assistant, Alexa (Amazon) और Bixby (Samsung). चुनाव करते समय तीन बातों पर ध्यान दें:
एक बार सेटअप कर लेने के बाद, आप छोटे‑छोटे कमांड्स से बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, "मेरे लिए सुबह 7 बजे योग क्लास बुक करो" या "पिछले महीने की बिजली बिल की रसीद दिखाओ" – ये सभी अब एक ही आवाज़ में हो जाता है.
भविष्य में डिजिटल असिस्टर और भी स्मार्ट होने वाले हैं. वे आपके कैलेंडर, ई‑मेल और यहां तक कि आपकी फाइनेंशियल ऐप्स को जोड़ कर प्रेडिक्टिव सुझाव देंगे, जैसे "आपकी कार का इंधन खत्म हो रहा है, अभी पेट्रोल पंप पर रूट प्लान दिखा रहे हैं".
तो अगली बार जब भी आप किसी चीज़ की ज़रूरत महसूस करें, बस आवाज़ उठाएँ और देखें कैसे आपका डिजिटल असिस्टर तुरंत मदद करता है. इससे न केवल काम तेज़ होता है, बल्कि दिन भर की थकान भी कम हो जाती है.
Google Gemini में नया 'Scheduled Actions' फीचर आया है, जिससे अब ईमेल, कैलेंडर अपडेट और कंटेंट बनाने जैसे रोजमर्रा के काम खुद-ब-खुद सेट समय पर हो जाएंगे। यह अभी Pro/Ultra सब्सक्राइबर्स और वर्कस्पेस यूजर्स को मिल रहा है, जिसमें यूजर अपने हिसाब से टास्क सेट और मैनेज कर सकते हैं।
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