जलाशय – भारत के जलसंकट से बचाव का अहम हिस्सा

जब हम जलाशय, प्राकृतिक या कृत्रिम जलभंडारण स्थल जिसे कृषि, पेयजल, जलविद्युत आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है. Also known as डैम, it पर्याप्त पानी संग्रहीत करके मौसमी असंतुलन को कम करता है तो तुरंत सोचते हैं कि यह केवल जल की जगह नहीं बल्कि रोजगार, पर्यटन और ऊर्जा उत्पादन का भी स्रोत है। इस लेख में हम देखेंगे कि कैसे भारी बारिश, कई बार जलाशय के जलस्तर को तेज़ी से बढ़ा देती है और कैसे सही प्रबंधन से सिंचाई (सिंचाई, कृषि के लिये जल का व्यवस्थित वितरण) के लिये स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होती है। जब पानी का स्तर बढ़ता है तो जलनिर्माण के अलावा, जलाशय बाढ़ उलटाव, जलसंकट प्रबंधन और जलशक्ति उत्पादन में भी मदद करते हैं।

IMD ने मुंबई में नारंगी अलर्ट, रायगढ़ में लाल अलर्ट: अगस्त 2025 की तीव्र बाढ़ 28 सितंबर 2025
Avinash Kumar 10 टिप्पणि

IMD ने मुंबई में नारंगी अलर्ट, रायगढ़ में लाल अलर्ट: अगस्त 2025 की तीव्र बाढ़

IMD ने मुंबई में नारंगी अलर्ट और रायगढ़ में लाल अलर्ट जारी किया। चार दिनों में 791 mm बारिश, जलाशयों का स्तर 92 % तक बढ़ा, किसान और नागरिक भारी प्रभावित।

और देखें