When working with कर सुधार, सरकार द्वारा लागू बदलाव जो आय, व्यापार और उपभोक्ता कर को सरल, पारदर्शी और राजस्व बढ़ाने के लिए पुनर्गठित करता है. Also known as Tax Reform, it aims to align fiscal policy with डिजिटल अर्थव्यवस्था और नागरिक‑उपयोगी सुविधाओं के साथ. Recent budget announcements have put इनकम टैक्स, व्यक्तियों की आय पर लगाया गया प्रत्यक्ष कर and जीएसटी, वस्तु एवं सेवा कर, जो अधिकांश उपभोग को एक ही कर ढाँचे में सम्मिलित करता है at the heart of the reform. Besides these, the government introduced a “स्मार्ट रिटर्न” portal that links बैंक खातों को सीधे टैक्स डिपॉज़िट से, जिससे देरी कम होती है और compliance का burden घटता है. The new structure also encourages transparency by mandating real‑time डेटा शेयरिंग between केंद्र और राज्य के revenue departments.
A major thrust is डिजिटल टैक्स फाइलिंग, ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप के जरिए रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया. This platform uses AI‑driven validation, instant calculation of deductions, and integrated payment gateways like UPI, making filing as easy as sending a text. For छोटे व्यापारी और फ्रीलांसर, यह परिवर्तन खासकर मायने रखता है क्योंकि अब उन्हें कई फॉर्म नहीं भरने पड़ते – एक ही dashboard से सभी returns जमा हो जाते हैं. Alongside, the 2025 इनकम टैक्स बिल ने 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट को बरकरार रखा, जबकि उच्च आय वर्ग के लिए नई स्लैब एवं सख़्त नियम आए। यह नीति राजस्व स्थिरता को बढ़ावा देती है और साथ ही middle‑class taxpayers को राहत देती है. कई उद्योगों में पर्यावरणीय टैक्स भी शामिल किया गया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन घटाने के लक्ष्य में सहारा मिलता है.
If you are an entrepreneur, professional, or a regular salaried employee, कर सुधार directly touches your financial planning. New rebate options, ऐसे tax credit जो research‑and‑development या skill‑upgradation में निवेश करने वाले business को मिलते हैं, अब आसान हो गए हैं. Real‑estate, mutual funds और stock market में निवेश पर टैक्स लाभ का पुनर्गठन हुआ है, जिससे पूँजी निर्माण तेज़ हो सकता है. Moreover, compliance enforcement has become smarter – डेटा analytics now flag irregularities before they become audits, saving time and legal hassle. वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों के साथ, सरकार ने टैक्स शिक्षा को विद्यालयों में भी जोड़ दिया है, जिससे अगली पीढ़ी को बेहतर समझ मिलेगी. अंत में, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मदद से refunds का समय घटा है, अक्सर 24‑48 घंटे में मिल जाता है.
नीचे दी गई सूची में आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में कर सुधार के पक्ष में नवीनतम खबरें, विश्लेषण और व्यावहारिक टिप्स प्रस्तुत किए गए हैं। चाहे आप निवेश के बारे में सोच रहे हों, नया कर रिटर्न दाखिल करना हो, या बस अपने टैक्स प्लान को अपडेट करना चाहें – यहाँ सभी जरूरी जानकारी एक जगह मिल जाएगी. पढ़ते रहिए, क्योंकि अगले सेक्शन में हम इन मौजूदा बदलावों के साथ आपके लिए सबसे उपयोगी कदमों का विवरण देंगे.
केंद्रीय सरकार ने CBDT के चेयरमैन रवि अग्रवाल का कार्यकाल 1 जुलाई 2025 से 30 जून 2026 तक एक साल के लिए बढ़ा दिया है। यह निर्णय आपंटमेंट कमिटी ने अनुबंध आधार पर लिया है। अग्रवाल, 1988 बैच के आयकर अधिकारी, ने अपने पहले साल में कई कर सुधारों को आगे बढ़ाया। विस्तार से पता चलता है कि सरकार को उनके नेतृत्व में भरोसा है।
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